tag:blogger.com,1999:blog-6283236082525212854.post274789019642611744..comments2023-10-07T18:50:33.984+05:30Comments on "अभिव्यक्तियाँ बोलती हैं": 'ज्योतिष और इंसान की सेहत'डॉ.मनोज चतुर्वेदीhttp://www.blogger.com/profile/18122090091076395314noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6283236082525212854.post-91781813200277326932013-12-15T09:51:14.557+05:302013-12-15T09:51:14.557+05:30ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने में पेड़-पौधों क...ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने में पेड़-पौधों की भूमिका:<br />हमारे ऋषि मुनियों को ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए पेड़-पौधों की भूमिका का भी पता था। अन्य बातों की तरह ही जब गंभीरतापूर्वक काफी दिनों तक ग्रहों के प्रभाव को दूर करने में पेड पौधों की भूमिका का भी परीक्षण किया गया तो निम्न बातें दृष्टिगोचर हुई -<br />1. यदि जातक का चंद्रमा कमजोर हो , तो उन्हें तुलसी या अन्य छोटे-छोटे औषधीय पौधे अपने अहाते में लगाकर उसमें प्रतिदिन पानी देना चाहिए।<br />2. यदि जातक का बुध कमजोर हो तो उसे बिना फल फूलवाले या छोटे छोटे हरे फलवाले पौधे लगाने से लाभ पहुंच सकता है।<br />3. इसी प्रकार जातक का मंगल कमजोर हो तो उन्हें लाल फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।<br />4. इसी प्रकार जातक का शुक्र कमजोर हो तो उन्हें सफेद फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।<br />5. इसी प्रकार जातक का सूर्य कमजोर हो तो उन्हें तप्त लाल रंग के फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।<br />6. इसी प्रकार जातक का बृहस्पति कमजोर हो तो उन्हें पीले फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।<br />7. इसी प्रकार जातक का शनि कमजोर हो तो उन्हें बिना फल-फूल वाले या काले फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।<br />ध्यान रहे , ये सभी छोटे-बड़े पेड़-पौधे पूरब की दिशा में लगे हुए हों , इसके अतिरिक्त ग्रह के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पश्चिमोत्तर दिशा में भी कुछ बड़े पेड़ लगाए जा सकते हैं , किन्तु अन्य सभी दिशाओं में आप शौकिया तौर पर कोई भी पेड़ पौधे लगा सकते हैं। उपरोक्त समाधानों के द्वारा जहॉ ग्रहों के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है , वहीं अच्छे प्रभावों को बढा़ पाने में भी सफलता मिल सकती है।<br /><br /><br />यह तथ्य सर्वविदित ही है कि विभिन्न पदार्थों में रंगों की विभिन्नता का कारण किरणों को अवशोषित और उत्सर्जित करने की शक्ति है। जिन रंगों को वे अवशोषित करती हैं , वे हमें दिखाई नहीं देती , परंतु जिन रंगों को वे परावर्तित करती हैं , वे हमें दिखाई देती हैं। यदि ये नियम सही हैं तो चंद्र के द्वारा दूधिया सफेद , बुध के द्वारा हरे , मंगल के द्वारा लाल , शुक्र के द्वारा चमकीले सफेद , सूर्य के द्वारा तप्त लाल , बृहस्पति के द्वारा पीले और शनि के द्वारा काले रंग का परावर्तन भी एक सच्चाई होनी चाहिए।<br />ज्योतिष में रंगों का विशेष महत्व बताया गया है।<br /><br />इस लेख की उपरोक्त अनुच्छेद का एक एक शब्द मेरे लेख गत्यात्मक ज्योतिष नामक मेरे ब्लॉग से लिया गया है .. पर आश्चर्य है कि न तो गत्यात्मक ज्योतिष और न ही मेरे या मेरे पिताजी के नाम की चर्चा कहीं की गयी है ... यह काफी गलत है .. आप जैसे लेखकों को ऐसी चोरी नहीं करनी चाहिए .....प्रमाण यहां दे रही हूं ...<br />http://sangeetapuri.blogspot.in/2009/11/7.html<br /><br />संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6283236082525212854.post-5096774212472921202011-12-31T13:33:04.876+05:302011-12-31T13:33:04.876+05:30ज्योतिष ऐसा दिलचस्प विज्ञान है, जो जीवन की अनजान र...ज्योतिष ऐसा दिलचस्प विज्ञान है, जो जीवन की अनजान राहों में मित्रों और शुभचिन्तकों की श्रृंखला खड़ी कर देता है। इतना ही नहीं इसके अध्ययन से व्यक्ति को धन, यश व प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। इस शास्त्र के अध्ययन से शूद्र व्यक्ति भी परम पूजनीय पद को प्राप्त कर जाता है। वृहदसंहिता में वराहमिहिर ने तो यहां तक कहा है कि यदि व्यक्ति अपवित्र, शूद्र या मलेच्छ हो अथवा यवन भी हो, तो इस शास्त्र के विधिवत अध्ययन से ऋषि के समान पूज्य, आदर व श्रद्धा का पात्र बन जाता है।<br /><br />ज्योतिष सूचना व संभावनाओं का शास्त्र है। ज्योतिष गणना के अनुसार अष्टमी व पूर्णिमा को समुद्र में ज्वार-भाटे का समय निश्चित किया जाता है। वैज्ञानिक चन्द्र तिथियों व नक्षत्रों का प्रयोग अब कृषि में करने लगे हैं। ज्योतिष शास्त्र भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं व कठिनाइयों के प्रति मनुष्य को सावधान कर देता है। रोग निदान में भी ज्योतिष का बड़ा योगदान है।<br /><br />दैनिक जीवन में हम देखते हैं कि जहां बड़े-बड़े चिकित्सक असफल हो जाते हैं, डॉक्टर थककर बीमारी व मरीज से निराश हो जाते हैं वही मन्त्र-आशीर्वाद, प्रार्थनाएँ, टोटके व अनुष्ठान काम कर जाते हैं।<br />ढेर सारी शुभकामना,<br />सादर,<br />आपका स्नेहाकांक्षी<br />डॉ. मनोज चतुर्वेदीडॉ.मनोज चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/18122090091076395314noreply@blogger.com