शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

'आज का इतिहास,द्वादश-भाग'


'१६ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१६ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५०वॉ (लीप वर्ष मे ३५१वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १५ दिन बाकी है।
१६ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् ७५५- चीन के तांग राजवंश के दौरान फंयंग, चांसलर यांग गुओज्होंग द्वारा एक विशाल विद्रोह की शुरुआत |
(२) सन् १४३१- इंग्लैंड के राजा हेनरी VI  को फ्रांस के राजा का ताज पहनाया गया |
(३) सन् १८५७- नेपल्स, इटली में भूकंप आया जिसमें लगभग ४० हज़ार व्यक्ति मारे गए |
(४) सन् १८५८- डच सरकार द्वारा स्चोक्लंद द्वीप खाली करने का फैसला |
(५) सन् १८६२- नेपाल के राज्य अपने संविधान को स्वीकार |
(६) सन् १९१३- चार्ली चैपलिन कीस्टोन में $ १५० एक सप्ताह के वेतन पर अपना फिल्म कैरियर शुरू किया |
(७) सन् १९२२- पोलैंड के राष्ट्रपति गैब्रियल नारुतोविक्ज़ की हत्या कर दी गई।
(८) सन् १९७१- भारत की सेना ढाका में रह रहे है, पश्चिम पाकिस्तानी सैनिकों समर्पण |
(९) सन् १९९८- इराक निरस्त्रीकरण संकट: ऑपरेशन डेजर्ट फॉक्स - संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम इराक में बम लक्ष्य |
(१०) सन् २०११-  फिलीपींस में अचानक आई बाढ़ से एक हज़ार से ज्यादा लोग मारे गए | ८०० से ज्यादा लोग लापता हो गए | दक्षिणी फिलीपींस में वाशी नाम का चक्रवाती तूफान आया | तूफान की वजह से भारी बारिश हुई और कुछ ही घंटों के भीतर अचानक तेज बाढ़ आ गई | सबसे ज्यादा नुकसान कागयान और इलिगान शहर में हुआ | इलिगान में २०० से ज्यादा लोग मारे गए, कागयान में ४०० से ज्यादा लोगों की मौत हो गई | इलिगान की स्वास्थ अधिकारी लिडी विलारिन के मुताबिक कई शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी, ४५,००० से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा |

१६ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७८७- मैरी रसेल मिटफोर्ड, अंग्रेजी लेखक (निधन-सन् १८५५) |
(२) सन् १७९०- बेल्जियम के राजा लियोपोल्ड मैं (निधन-सन् १८६५) |
(३) सन् १८०४- विक्टर बुन्याकोव्स्क्य, रूसी गणितज्ञ (निधन-सन् १८८९) |
(४) सन् १८३४- लियोन वालरस, फ्रेंच अर्थशास्त्री (बॉर्डर उपयोग सिद्धांत) |
(५) सन् १८६५- विक्टर रूसो, बेल्जियम मूर्तिकार |
(६) सन् १८६७- एमी कार्मिचैल, दोह्नावुर , भारत में मिशनरी (निधन-सन् १९५१) |
(७) सन् १८६९- अल्बर्ट एफ पोलार्ड, ब्रिटिश इतिहासकार |
(८) सन् १९०४- एडवर्ड मॉरिस बेर्न्स्तें, अर्थशास्त्री |
(९) सन् १९०५- पीट हेन, कवि / आविष्कारक |
(१०) सन् १९२२- एलन वूरीज़, अमेरिकी इंजीनियर और शहरी योजनाकार (निधन-सन् २००५)

१६ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् ७०५- झोउ की महारानी वू (जन्म- सन् ६२५) |
(२) सन् १४७०- जॉन द्वितीय, ड्यूक ऑफ लोरेन (जन्म- सन् १४२५) |
(३) सन् १५९८- यी सूर्य पाप, कोरियाई एडमिरल (जन्म- सन् १५४५) |
(४) सन् १९९६- क्वेंटिन बेल, लेखक /शिक्षक/कलाकार |
(५) सन् २००५- जॉन स्पेन्सर, अमेरिकी अभिनेता (जन्म- सन् १९४६) |
(६) सन् २००६- डॉन जार्डाइन, कनाडा के पेशेवर पहलवान (जन्म- सन् १९४०) |
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'१७ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१७ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५१वॉ (लीप वर्ष मे ३५२वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १४ दिन बाकी है।
१७ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १३९८- दिल्ली में सुल्तान नासिर-उ दीन महमूद की सेनाओं ने तैमूर से पराजय स्वीकार कर ली |
(२) सन् १५२६- ऑस्ट्रिया के फर्डिनेंड को बोहेमिया के राजा के रूप में चुना गया |
(३) सन् १९२७- भारत के एक प्रमुख क्रान्तिकारी राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को निर्धारित तिथि से २ दिन पूर्व ब्रिटिश सरकार ने गोण्डा जेल में फाँसी पर लटका कर मार दिया।
(४) सन् १९९३- टेनिस स्टार बोरिस बेकर (आयु-२६) बारबरा फेल्तुस (आयु-२७) का विवाह |

१७ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७३४- पुर्तगाल की मारिया मैं, पुर्तगाली रानी (निधन-सन् १८१६) |
(२) सन् १७९६- थॉमस चांडलर हलिबुर्तों, कनाडा के उपन्यासकार (निधन-सन् १८६५)
(३) सन् १७९७- जोसेफ हेनरी, अमेरिका के वैज्ञानिक / आविष्कारक-विद्युत चुंबकत्व के अग्रणी सिद्धांत |
(४) सन् १९१४- मुश्ताक अली, भारतीय क्रिकेटर (१९३० और १९४० के दशक में भारतीय बल्लेबाज) |
(५) सन् १९२०- केनेथ ई. इवेरसों, कनाडा के कंप्यूटर वैज्ञानिक (निधन-सन् २००४) |
(६) सन् १९३७- केरी पैकर, ऑस्ट्रेलियाई व्यापारी और आधुनिक फटाफट क्रिकेट के जनक (निधन-सन् २००५) |
(७) सन् १९७२- भारतीय हिन्दी फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम |
(८) सन् १९७८- भारतीय हिन्दी फिल्म अभिनेता रितेश देशमुख |

१७ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् ५३५- जापान के सम्राट आँकन (जन्म-सन् ४६६) |
(२) सन् १४७१- पुर्तगाल, बरगंडी के रानी इसाबेला |
(३) सन् १८४७- ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मैरी लुईस, नेपोलियन की दूसरी पत्नी (जन्म-सन् १७९१) |
(४) सन् १८६०- देसिरी कलारी, स्वीडन और नॉर्वे की रानी (जन्म-सन् १७७७) |
(५) सन् २००३- ब्रायन ली, विकिपीडिया के जनक, जेम्स ली (जन्म-सन् १९४८) |
(६) सन् २००९- जेनिफर जोन्स, अमेरिकी अभिनेत्री (जन्म-सन् १९१९) |
(७) सन् २०११-  उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग इल का निधन, लगभग १८ साल तक उत्तर कोरिया का शासन करने वाले किम जोंग इल का शनिवार को निधन हो गया, उनके पूरे शासनकाल में कम्युनिस्ट शासन वाले इस देश का पश्चिमी जगत से तनाव रहा और इसी दौरान उत्तर कोरिया परमाणु शक्ति भी बना | किम जोंग इल की मौत शारीरिक और मानसिक तनाव से हुई, वह रेल यात्रा कर रहे थे, किम जोंग इल की उम्र ६९ साल थी | वह सन् १९९४ से उत्तर कोरिया के शासक थे, उन्होंने अपने पिताकिम इल सुंग की मौत के बाद सत्ता संभाली थी | उनके बेटे किमजोंग उन को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया है, किम जोंग उन की उम्र केवल 28 साल है और राजनीति में कोई तजुर्बा ना होते हुए भी पिछले साल उन्हें जनरल का दर्जा और पार्टी में उच्च पद दिया गया |
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'१८ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५२वॉ (लीप वर्ष मे ३५३वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १३ दिन बाकी है।
१८ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १२७१- कुवलय खाँ ने अपने साम्राज्य का नाम युवान रखा था जो मंगोलिया और चीन में फैली हुई थी।
(२) सन् १६४२- समुद्री खोजी नाविक तस्मान न्यूजीलैंड की धरती पर उतरा। उसी के नाम पर न्यूजिलैंड के समीपवर्ती समुद्र को तस्मानिया समुद्र भी कहा जाता है।
(३) सन् १९५६- जापान ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता ग्रहण की।
(४) सन् १९६६- शनि के उपग्रह एपी मैथिल्स की खोज हुई।
(५) सन् १९६९- इंगलैंड में मृत्युदंड की सज़ा समाप्त कर दी गई।
(६) सन् १९८७- बेनज़ीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी की शादी |

१८ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १६६१- क्रिस्टोफर पोल्हेम, स्वीडिश वैज्ञानिक और आविष्कारक (निधन-सन् १७५१) |
(२) सन् १७०९- एलिजाबेथ, रूस की साम्राज्ञी (पीटर महान और कैथरीन मैं) |
(३) सन् १७७८- जोसेफ ग्रेमैल्डी, इंग्लिश क्राउन के नाम से मशहूर।
(४) सन् १८७८- जोसेफ स्टैलिन, सोवियत नेता।
(५) सन् १९१३- बिलि ब्रैंड, जर्मन चाँसलर।
(६) सन् १९६१- लालचंद राजपूत, भारतीय क्रिकेटर,भारतीय टेस्ट खोलने बल्लेबाज (सन् १९८५-सन् ८६) |
(७) सन् १९८५- तारा कोन्नेर, सन् २००६ की मिस यूएसए |

१८ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् ११३३- हिल्देबेर्ट, फ्रेंच लेखक |
(२) सन् १२९०- स्वीडन के राजा मैगनस मैं (जन्म-सन् १२४०) |
(३) सन् १४४२- पियरे कूचों, फ्रेंच कैथोलिक बिशप (जन्म-सन् १३७१) |
(४) सन् १४९५- नेपल्स के राजा अलफांसो द्वितीय (जन्म-सन् १४४८) |
(५) सन् २०१०- जैकलिन डी रोमिल्ली, फ्रांसीसी भाषातत्वज्ञ और शास्त्रीय विद्वान (जन्म-सन् १९१३) |
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'१९ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१९ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५३वॉ (लीप वर्ष मे ३५४वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १२ दिन बाकी है।
१९ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८५४- एलन विल्सन कर्विंग द्वारा सिलाई मशीन का पेटेंट कराया गया |
(२) सन् १८६१- काले पानी की लड़ाई प्रारम्भ |
(३) सन् १९२४- जर्मन सीरियल किलर फ्रिट्ज हार्मैन को हत्या की एक श्रृंखला के लिए मौत की सजा सुनाई गई।
(४) सन् १९२७- भारत के ३ क्रान्तिकारियों पंडित राम प्रसाद 'बिस्मिल', अशफाक उल्ला खाँ व ठाकुर रोशन सिंह ब्रिटिश सरकार ने फाँसी पर लटका कर मार दिया।
(५) सन् १९३२- ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन विदेशी प्रसारण शुरू |
(६) सन् १९६१- गोवा स्वतंत्र हुआ।
(७) सन् १९६१- ब्रिटिश सरकार द्वारा दशमलव सिक्का प्रणाली शुरू की गयी |
(८) सन् १९६३- जंजीबार ब्रिटेन से स्वतंत्र हो गया |
(९) सन् १९७२- अपोलो-17 (अपोलो चंद्रमा यात्रा श्रृंखला) पृथ्वी पर वापस लौटा |
(१०) सन् १९८३- ब्राजील के शहर रियो दी जेनेरियो से फुटबॉल का फिफा विश्वकप की चोरी हो गई।
(११) सन् १९८७- गैरी कास्पारोव विश्व शतरंज चैंपियन बन गया |
(१२) सन् १९८८- नासा उनविएल्स द्वारा चंद्र कॉलोनी और मंगल ग्रह पर मानव मिशन भेजने के लिए योजना की घोषणा |

१९ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८९९- मार्टिन लूथर किंग सिनियर मानवाधिकारों के लिए आजिवन संघर्ष करने वाले अमेरिकी नेता।
(२) सन् १९३४- प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति ।
(३) सन् १९७४ –रिकी पोंटिंग‎ - ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट खिलाड़ी एवं कप्तान |
(४) सन् १९७४ –जेक प्लमर - (अमरीकन फुटबॉल के खिलाड़ी) |
(५) सन् १९८०- जेक गाइलनहाल - अमरीकन अभिनेता |

१९ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १८५१- ब्रिटिश चित्रकार (वर्षा भाप, और स्पीड), जेएम विलियम टर्नर, ७६ वर्ष की आयु में निधन  |
(२) सन् १९१५- एल्विस अल्जाइमर, जर्मन न्यूरोलॉजिस्ट (अल्जाइमर रोग के अन्वेषक), ५१ वर्ष की आयु में निधन  |
(३) सन् २००४- हर्बर्ट सी. ब्राउन, अंग्रेजी में जन्मे अमेरिकी रसायनज्ञ, नोबेल पुरस्कार विजेता (जन्म-सन् १९१२) |
(४) सन् २००८- जेम्स बेवल,सन् १९६० के दशक के नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता (जन्म-सन् १९३६) |
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'२० दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२० दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५४वॉ (लीप वर्ष मे ३५५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ११ दिन बाकी है।
२० दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १७८०- इंग्लैंड द्वारा नीदरलैंड पर युद्ध की घोषणा |
(२) सन् १९२२- सोवियत समाजवादी गणराज्यों की १४ गणराज्यों के एकीकरण का संघ (यूएसएसआर) की स्थापना |
(३) सन् १९२३- बेगर फैटरनिटि (संयुक्त राज्य अमेरिका के जेसुइट कॉलेज में स्थापित पहली सामाजिक समिति) की ९ लोगों ने स्थापना की जो पोप से ऐसा करने की अनुमति हासिल कर चुके थे ।
(४) सन् १९२४- एडॉल्फ हिटलर जेल से मुक्त |
(५) सन् १९३९- रेडियो ऑस्ट्रेलिया विदेशी शोर्टवेव सेवा शुरू |
(६) सन् १९७१- पाकिस्तान के राष्ट्रपति याह्या खान का इस्तीफा |
(७) सन् २००७- सन् १९०४ में स्पेनिश कलाकार पाब्लो पिकासो द्वारा बनाई गयी ब्लोच की पेंटिंग पोर्ट्रेट, साओ पाउलो कला के संग्रहालय से चोरी हो गयी |

२० दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १४९४- ओरोंस ललित, फ्रांसीसी गणितज्ञ (निधन-सन् १५५५)
(२) सन् १५३७- स्वीडन के किंग जॉन III (निधन-सन् १५९२) |
(३) सन् १८४१- फर्डिनांड बूइसॉं, फ्रेंच शांतिवादी, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित (१९३२) |
(४) सन् १९२२- चैरिटा बोअर, अमेरिकी अभिनेत्री /सोप ओपेरा सितारा(निधन-सन् १९८५)
(५) सन् १९२७- किम यंग - सैम, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति |
(६) सन् १९७०- ग्रांट फ्लावर, क्रिकेटर (एंडी जिम्बाब्वे टेस्ट सलामी बल्लेबाज के भाई) |
(७) सन् १९८२- पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद आसिफ |
(८) सन् १९८३- डैरेन सैमी, सेंट लुसियान वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर |

२० दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १७२२- चीन के सम्राट कांग्क्सी (जन्म-सन् १६५४) |
(२) सन् १९३६- बैरन डी बोर्च्ग्रावे, बेल्जियम के राजदूत, मैड्रिड में हत्या कर दी |
(३) सन् १९९५- मैज सिंक्लेयर, अभिनेत्री (स्टार ट्रेक फिल्म से प्रसिद्धि) |
(४) सन् २००९- ब्रित्तनी मर्फी, अमेरिकी अभिनेत्री (जन्म-सन् १९७७) |
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'२१ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२१ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५५वॉ (लीप वर्ष मे ३५६वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १० दिन बाकी है।
२१ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १७६२- जेम्स कुक की शादी एलिजाबेथ बत्ट्स से हुयी |
(२) सन् १८९८- दो वैज्ञानिकों पियरे और मैरी क्यूरी द्वारा रेडियम की खोज |
(३) सन् १९९१- अमेरिकी अभिनेत्री जेन फोंडा की शादी सीएनएन के निदेशक टेड टर्नर से हुयी |

२१ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १५३७- जोहान III, स्वीडन के राजा (सन् १५६९-सन् १५९२) |
(२) सन् १८९०- हरमन जोसेफ मुलर, अमेरिकी आनुवंशिकीविद् और नोबेल पुरस्कार विजेता (निधन- सन् १९६७) |
(३) सन् १८९२- एमी कुंजी क्लार्क, अंग्रेजी रहस्यमय कवि (निधन- सन् १९८०) |
(४) सन् १९२२- इतुबवा अम्रम, नौर्बेआई पादरी और राजनेता (निधन- सन् १९८९)
(५) सन् १९३४- हनीफ मोहम्मद, क्रिकेटर (पाकिस्तानी बल्लेबाज, सन् १९५२-सन् १९६९) |

२१ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १५७९- विसेंट मसिप, स्पेनिश चित्रकार |
(२) सन् २००४- औतार सिंह पेंटल, भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिक (जन्म-सन् १९२५) |
(३) सन् २०१०- एंज़ो बेअर्जोत, इतालवी फुटबॉल खिलाड़ी और मैनेजर (जन्म-सन् १९२७) |
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'२२ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२२ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५६वॉ (लीप वर्ष मे ३५७वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ९ दिन बाकी है।
२२ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९३७- न्यूयार्क में द लिंकन टनल यात्रा के लिए खोल दिया गया।
(२) सन् १९४७-इटली की संविधान सभा में नए संविधान पर मतदान हुआ।
(३) सन् १९४७-पहला व्यवहारिक रेडियो प्रदर्शित किया गया।
(४) सन् १९५७- ओहायो के कोलंबो चिड़ियाघर में कोलो नामक गुरिल्ला के बच्चे का जन्म हुआ, जो चिडियाघर में पैदा होने वाला पहला गुरिल्ला था। इससे पूर्व गुरिल्ला शिकार द्वारा पकड़े जाते थे और उन्हें नियंत्रित करने के लिए उनके संबंधियों का कत्ल कर दिया जाता था।
(५) सन् १९४०- प्रख्यात सामाजिक विचारक मानवेन्द्र नाथ राय ने रेडिकल डेमोक्रैटिक पार्टी के गठन की घोषणा की।
(६) सन् १९६५- ब्रिटेन में सभी ग्रामीण सड़कों पर अधिकतम गति की सीमा ७० किमि./घंटा निर्धारित कर दी गई।

२२ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १०९५- सिसिली के राजा रोजर द्वितीय,(निधन-सन् ११५४) |
(२) सन् ११७८- जापान के सम्राट अन्तोकु (निधन-सन् ११८५) |
(३) सन् १४००- लूका डेला रोब्बिया, इटली, मूर्तिकार (मैडोना के रोज गार्डन) |
(४) सन् १६६६- गुरू गोविन्द सिंह, सिख सम्प्रदाय के गुरु (निधन-सन् १७०८) |
(५) सन् १८८७- श्रिनिवास रामानुजम, प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ (निधन-सन् १९२०)।
(६) सन् १९२२- जैक ब्रूक्स, अमेरिकी राजनितिज्ञ |
(७) सन् १९४७- दिलीप दोशी, क्रिकेटर (भारत के मुख्य धीमी गति के गेंदबाज) |
(८) सन् १९८३- जेनिफर हॉकिन्स, ऑस्ट्रेलियाई मिस यूनिवर्स |

२२ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १८६७- जीन विक्टर पोंसलेट, फ्रांसीसी गणितज्ञ (कीनेमेटीक्स), ७९ वर्ष की आयु में निधन |
(२) सन् २००२- डेसमंड होयते, गुयाना के राष्ट्रपति (जन्म-सन् १९२९) |
(३) सन् २००६- ऐलेना मुखिना, रूसी जिमनास्ट (जन्म-सन् १९६०) |
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'२३ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२३ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५७वॉ (लीप वर्ष मे ३५८वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८ दिन बाकी है।
२३ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १६७२- गिओवान्नी कैसिनी रिया की खोज के परिणामस्वरुप, शनि के उपग्रह का पता चला |
(२) सन् १९२१- विश्व भारती विश्वविद्यालय का उद्घाटन हुआ |
(३) सन् १९२२- बीबीसी रेडियो द्वारा दैनिक समाचार शुरू |
(४) सन् १९७०- न्यूय़ोर्क वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की उच्चतम बिंदु (४११ मीटर) तक ऊँचाई पहुँची |
(५) सन् २००५- अजरबैजान से एयरलाइंस 217 अकतू के लिए उड़ान और कजाकिस्तान के बाद शीघ्र ही टेकऑफ़ २३ लोग मारे गए दुर्घटना में मारे गए |

२३ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९०२ - चौधरी चरण सिंह - भारत के सातवें प्रधानमन्त्री
(२) सन् १९२२- मिचेलाइन ऑस्टेर्मायर, फ्रेंच एथलीट और संगीतकार (निधन-सन् २००१)
(३) सन् १९५४- ब्रायन टीचर - अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी एवं भूतपूर्व ऑस्ट्रेलियाई ओपन पुरुष एकल विजेता

२३ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् २००० - नूरजहाँ, ग़ज़ल और फ़िल्मी गीत गायिका |
(२) सन् २००४ - पामुलापति वेंकट नरसिंह राव - भारत के दसवें प्रधानमंत्री |
***
'२४ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२४ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५८वॉ (लीप वर्ष मे ३५९वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७ दिन बाकी है।
२४ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १५२४- यूरोप से भारत तक पहुँचने के समुद्री मार्ग का पता लगाने वाले पुर्तगाली खोजी नाविक वास्को डी गामा का कोच्ची (भारत) में निधन हो गया।
(२) सन् १८८९- भारत में पहला मनोरंजन पार्क एशेल वाल्ड मुम्बई में खोला गया।
(३) सन् १९२१- नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।
(४) सन् १९२४-क्रोयडोन लंदन की एयर फील्ड में हुई विमान दुर्घटना में ८ लोगों की मृत्यु हो गई।
(५) सन् १९२४-अल्बानिया गणतंत्र बना।
(६) सन् १९८६- भारत में संसद द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया गया। इसलिए भारत में २४ दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
(७) सन् २०००- विश्वनाथन आनंद विश्व शतरंज चैंपियन बने।
(८) सन् २००३- स्पेनी पुलिस ईटीए द्वारा ३:५५ बजे मैड्रिड के व्यस्त चामार्टिन स्टेशन के अंदर ५० किलोग्राम विस्फोटकों का विस्फोट के एक प्रयास को विफल कर दिया गया |

२४ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९२२- आवा गार्डनर, अमेरिकी अभिनेत्री (निधन-सन् १९९०)
(२) सन् १९२४- मो. रफी, भारतीय गायक |
(३) सन् १९५७- हामिद करज़ई अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति |
(४) सन् १९५९- अनिल कपूर, भारतीय अभिनेता |

२४ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९८७- एम जी रामचंद्रन - तमिल अभिनेता और राजनेता ।

(२) सन्  २००७- अकबर राडी, ईरानी नाटककार और नाटककार (जन्म-सन् १९३९) 
(३) सन्  २००८- हेरोल्ड पिंटर, ब्रिटिश नाटककार ( जन्म-सन् १९३०)
(४) सन्  २००९- जॉर्ज माइकल, अमेरिकी स्पोर्ट्सकास्टर (जॉर्ज माइकल खेल मशीन) ( जन्म-सन् १९३९)
(५) सन्  २००९- राफेल काल्डेरा, वकील, समाजशास्त्री, लेखक, वक्ता, राजनीतिज्ञ, और वेनेजुएला के पूर्व अध्यक्ष ( जन्म-सन्  १९१६)
(६) सन्  २०१०- एलिसबेथ बेरेस्फोर्ड, ब्रिटिश लेखक और वोम्ब्लेस के निर्माता ( जन्म-सन् १९२६)
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'२५ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२५ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५९वॉ (लीप वर्ष मे ३६०वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६ दिन बाकी है।
२५ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९४६ - ताइवान में संविधान स्वीकार किया गया |
(२) सन्  १९७३ - अरपानेट एक प्रोग्रामिंग बग सभी अरपानेट यातायात का कारण बना, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में सर्वर के माध्यम से इसका प्रयोग हुआ |
(३) सन्  २००३ - बीगल मनहूस 2 जांच जो मार्स एक्सप्रेस अंतरिक्ष यान से १९ दिसंबर को जारी किया गया था, शीघ्र ही अपनी निर्धारित उतरने से पहले गायब हो गया |

२५ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन्  १२५० - जॉन चतुर्थ लास्करिस, बीजान्टिन सम्राट (निधन- सन्  १३०५)

(२) सन्  १४६१ - सक्सोंय के क्रिस्टीना, डेनमार्क और नॉर्वे की रानी (निधन- सन्  १५२१)
(३) सन् १९२६ - हिन्दी साहित्यकार धर्मवीर भारती का जन्म प्रयाग में ।
(४) सन् १९२७ - राम नारायण, संसद सदस्य |

२५ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् २०११- मशहूर निर्देशक, रंगकर्मी और पटकथा लेखक सत्यदेव दुबे का रविवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे।

२५ दिसम्बर को उत्सव:-
(१)क्रिसमस - यह इसाई धर्म का एक उत्सव है, जो २४ दिसंबर की पूर्वसंध्या पर आरंभ होता है।
(२)आयरलैंड - गणतंत्र दिवस |
(३)रोमन उत्सव
(४)पाकिस्तान के संस्थापक- कायदे ए-आज़म का दिन (पाकिस्तान में, यह मोहम्मद आली जिन्ना का जन्म दिन है) ।
(५)चीन - कॉंस्टिट्यूशन दिन (行憲紀念日)
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'२६ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२६ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६०वॉ (लीप वर्ष मे ३६१वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ५ दिन बाकी है।
२६ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन्  १८९३- चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष माओ ज़े तुंग का जन्म हुआ। उन्होंने वर्ष सन् १९२१ ईसवी को अपने जैसे विचारधारा रखने वाले कुछ लोगों के साथ मिलकर कम्युनिस्ट पार्टी का स्थापना की वे किसानों की सहायता पर बल देते थे इसी लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उनके समर्थकों की संख्या बहुत अधिक थी। उन्होंने सन् १९३४ में विख्यात रैली का भी नेतृत्व किया जो एक वर्ष तक जारी रही थी। इसके दौरान ६० हज़ार से अधिक लोग मारे गये। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कम्युनिस्टों ने तत्कालीन शासक चियान काय चेक को पराजित किया और सन् १९४९ में चीन में अपनी सरकार का गठन किया। माओ ने अपने शासन काल में चीन को एक शक्तिशाली केंद्रीय सरकार दी। सन् १९७६ में उनका निधन हुआ।
(२) सन्  १९७९= पूर्व सोवियत संघ की लाल सेना ने अफ़ग़ानिस्तान पर अधिकार करके एक स्वतंत्र देश के विरुद्ध अपनी सबसे लम्बी कार्रवाई का आरंभ किया। रुस की वर्तमान पीढ़ी के मतानुसार अफ़ग़ानिस्तान का अतिग्रहण क्रिमलिन की सबसे बड़ी भूल थी। रुस ने अफ़ग़ानिस्तान के तत्कालीन शासक बबरक कारमल की सहायता के बहाने इस देश पर आक्रमण किया। इस आक्रमण के एक दिन बाद कारमल ने अफ़ग़ानिस्तान में विद्रोह करके सत्ता हथिया ली।

२६ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १६६६- गुरू गोविन्द सिंह, सिख धर्म के दसवीं गुरु (निधन-सन् १७०८) |
(१) सन् १८७२- नॉर्मन Angell, ब्रिटिश राजनेता, नोबेल पुरस्कार विजेता (निधन-सन् १९६७) |
(१) सन्  १९३५- रोहन कन्हाई, क्रिकेटर (वेस्ट इंडीज के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक) |
(१) सन्  १९३७- जॉन होर्टन कोनवे, ब्रिटिश गणितज्ञ |
(१) सन्  १९९०- हारून रैमसे, वेल्श फुटबॉलर |

२६ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन्  १८९६- जर्मनी के इतिहासकार हेनरी टोराइचके का निधन हुआ। वे सन् १८३४ ईसवी में पैदा हुए थे। उनके द्वारा लिखा गया जर्मनी का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण और विश्वसनीय माना जाता है। उनकी इस पुस्तक का नाम है जर्मनी १९वीं शताब्दी में।
(२) सन् २०११- स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सैनानी मास्टर हीरालाल शर्मा का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे ९९ वर्ष के थे।
(३) सन् २०११-  कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा का सुबह एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे । उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। ७९ वर्षीय बंगारप्पा के परिवार में उनकी पत्नी , दो बेटे तथा तीन बेटियां हैं। गुर्दे संबंधी बीमारी और मधुमेह से पीड़ित बंगारप्पा का सात दिसंबर से इलाज चल रहा था।
(४) सन् २०११-   राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ससुर रामस्वरूप चंदेल का सुबह यहां निधन हो गया। वह ९७ वर्ष के थे। उनके परिवार में छह पुत्र और एक पुत्री हैं।
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'२७ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२७ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६१वॉ (लीप वर्ष मे ३६२वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ४ दिन बाकी है।
२७ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९२३- टोक्यो में जापान के युवराज एक हत्या के प्रयास में सुरक्षित बच गए।
(२) सन् १९४५- वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए विश्व बैंक की स्थापना की गई।
(३) सन्  १९४५- द्वितीय विश्व युद्द की समाप्ति के बाद मास्को के ऐतिहासिक समाझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते पर अमरीका ब्रिटेन और रुस के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये थे। जिसके आधार पर कोरिया प्रायद्वीप जो एक देश समझा जाता था दो भागों में विभाजित हो गया।
(४) सन्  १९४५-  संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आई एम एक़ ने अपना कार्य आरंभ किया। इस संस्था के उददेश्यों में विदेशी मुद्रा के मूल्यों को स्थिर रखना वाणिज्य विकास और प्रगति को सुचारु बनाना तथा कार्य के अवसर उपलब्ध कराना आदि शामिल है। अमरीका का इस संस्था पर विशेष प्रभाव है, यह अमरीका ही में स्थित है यह संस्था सदस्य देशों को क़र्ज़ें देती है। किंतु इसके लिए इसकी कठिन शर्तों पर क़र्ज़ा लेने वाले देशों को आपत्ति है।

२७ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन्  १५७१- जर्मनी के गणितज्ञ और खगोलशास्त्री यूहान कैपलर का जन्म हुआ। शिक्षा प्राप्ति के बाद वे अपने एक मित्र टीकू ब्राहे के माध्यम से खगोल शास्त्र की ओर आकर्षित हुए और धीरे धीरे उन्हें इस क्षेत्र में विशेष ख्याति प्राप्त हो गयी। खगोल शास्त्र से संबंधित उनके तीन नियम जो कैपलर नियम के नाम से जाने जाते हैं इस खगोल शास्त्री के कठिन परीश्रम का परिणाम हैं। सन् १६३० ईसवी में कैपलर का निधन हुआ।
(२) सन्  १८२२- फ़्रांस के चिकित्सक और रसायनशास्त्री लुई पास्चर का जन्म हुआ। उन्होंने शिक्षा प्राप्ति के बाद पहले तो पेरिस में अध्ययन आरंभ किया। २७ वर्ष की आयु में उन्होंने रसायनशास्त्र में पी एच डी की डिग्री प्राप्त की और फिर वे स्ट्रेसबर्ग विश्व विद्यालय में रसायनशास्त्र पढ़ाने लगे। साथ ही वे पेरिस वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष भी थे। पास्चर ने विशेष रुप से संक्रामक रोगों के बाद में नये विचार प्रस्तुत किये हैं। उनकी खोज से रोगाणुओं से मुक़ाबले और विभिन्न बीमारियों के उपचार के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई। सन् १८८८ में फ़्रांस की सरकार ने उनके नाम से वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र पास्चर इन्स्टीटयूट खोला विश्व के बहुत से देशों में इसकी शाख़ाऐं हैं।
(३) सन् १९३७- शंकर दयाल सिंह - भारत के राजनेता तथा हिन्दी साहित्यकार (निधन-सन् १९९५)
(४) सन् १९६५- सलमान ख़ान

२७ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् २००७ - बेनज़ीर भुट्टो - पाकिस्तान की १२वीं (सन् १९८८ में) व १६वीं (सन् १९९३ में) प्रधानमंत्री |

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'२८ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६२वॉ (लीप वर्ष मे ३६३वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ३ दिन बाकी है।
२८ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन्  १८९५- सिनेमा के इतिहास में पहली बार किसी कहानी को फ़िल्म का रूप दिया गया। यह फ़िल्म फ्रांस के अविष्कारक लूमीर बंधुओं ने बनाई जिन्हें फ़िल्म-जगत का जनक कहा जाता है। उन्होंने यह फ़िल्म पेरिस में एक भूमिगत स्थान पर दिखाई। इसके बाद फ़िल्म जगत में क्रान्ति आती गई और देखते ही देखते यह उद्योग विश्व भर में फैल गया।

२८ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १६३५- इंग्लैंड की राजकुमारी एलिजाबेथ (निधन-सन् १६५०) |
(२) सन् १९१७- एलिस क्लार्क, राष्ट्रपति त्रिनिदाद और टोबैगो (कार्यकाल-सन् १९७६-सन् १९८७) |
(३) सन्  १९३२- धीरूभाई अंबानी, भारतीय व्यापारी (निधन-सन् २००२) |

२८ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १८५९- ब्रिटिश इतिहासकार थामस बैबिन्गटन मैक्यावेल का निधन हुआ। वह सन् १८०० में जन्मे और राजनीति शास्त्र की शिक्षा पूरी करने के बाद राजनैतिक क्षेत्र में सक्रिय हो गए। उन्होंने वकालत भी की और कुछ समय बाद रक्षा मंत्र बन गए। उन्होंने ब्रिटिश इतिहास पर महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी है।
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'२९ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२९ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६३वॉ (लीप वर्ष मे ३६४वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २ दिन बाकी है।
२९ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८६२- क्रिकेट बॉलिंग गेंद का आविष्कार |
(२) सन्  १९९४- जिया की बांग्लादेश सरकार का इस्तीफा |
(३) सन्  १९९७- हांगकांग बर्ड फ्लू को रोकने के अपने सभी मुर्गियों के कत्लेआम शुरू |
(४) सन्  २००१- मेसा रेडोंदा शॉपिंग सेंटर , लीमा, पेरू में आग लगी , लगभग २९१ व्यक्ति मारे गए |

२९ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७९६- जोहान क्रिश्चियन पोग्गेंदोर्फ्फ़, जर्मन भौतिकशास्त्री (निधन- सन् १८७७) |
(२) सन्  १८००- चार्ल्स गुडइयर, आविष्कारक (वुल्कनिज़तिओन प्रक्रिया के लिए रबर) |
(३) सन्  १८०६- विलियम ग्लैडस्टोन, लिबरल प्रधानमंत्री |
(४) सन्  १९८९- नाथन फोर्ब्स, ब्रिटिश फुटबॉलर |
(५) सन्  १९९४- जापान की अकिशिनो राजकुमारी काको |

२९ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् ७२१- जापान की महारानी गेम्मी (जन्म- सन् ६६१) |
(२) सन्  १७३१- जम्मू ब्रुक टेलर, अंग्रेजी गणितज्ञ, ४६ वर्ष की आयु में निधन |
(३) सन्  १७३७- यूसुफ सुरिं, फ्रांसीसी गणितज्ञ ( जन्म- सन्  १६५९) |
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'३० दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
३० दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६४वॉ (लीप वर्ष मे ३६५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १ दिन बाकी है।
३० दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १४६०- वेकफील्ड की प्रसिद्द लड़ाई |
(२) सन्  १८६१- अमेरिका के बैंकों सोने के रूप में भुगतान बंद हो गया |
(३) सन्  १९०६- ईरान में एक संवैधानिक राजशाही का प्रारम्भ |
(४) सन्  १९४३- सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारतीय स्वतंत्रता का ध्वज उठाया |
(५) सन्  २०११-  चक्रवाती तूफान 'ठाणे' ने शुक्रवार को तमिलनाडु के तटीय इलाकों में जमकर कहर बरपाया। तूफान और उसके साथ आई मूसलाधार बारिश के चलते कम से कम ३३ लोगों की मौत हो गई। तूफान में करीब १४० कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इससे बड़ी संख्या में मकान को नुकसान पहुंचा, जबकि फसलें बर्बाद हो गईं।


३० दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् ३९ - - रोमन सम्राट टाइटस, (सन् ७९-सन् ८१) , यरूशलेम के विजेता |
(२) सन् १७४०- वेल्स की राजकुमारी एलिजाबेथ कैरोलीन (निधन-सन् १७५९) |
(३) सन्  १८७९- श्री रमण महर्षि, हिंदू दार्शनिक / योगी (महर्षि अनुसंधान इंस्टीटयूट) |
(४) सन्  १९४८- सुरिंदर अमरनाथ, भारतीय क्रिकेटर (प्रसिद्द भारतीय क्रिकेटर लाला अमरनाथ के बड़े बेटे) |

३० दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १६९१- रॉबर्ट बॉयल, आयरिश वैज्ञानिक (जन्म-  सन् १६२७) |
(२) सन् १९६७- विन्सेन्ट मास्सी, कनाडा के गवर्नर जनरल (जन्म-  सन् १८८७) |
(३) सन् २००६- अपदस्थ इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन बगदाद में फांसी पर लटका दिया गया |
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'३१ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
३१ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३६५वॉ (लीप वर्ष मे ३६६वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और शून्य दिन बाकी है।
३१ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १६००- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी चार्टर्ड की घोषणा |
(२) सन्  १९०२- बोअर और ब्रिटिश सेना हस्ताक्षर शांति संधि |
(३) सन्  १९११- मैरी क्यूरी को 2 नोबेल पुरस्कार प्राप्त |
(४) सन्  १९५१- बैटरी द्वारा बिजली के लिए रेडियोधर्मी ऊर्जा में परिवर्तित करने की घोषणा |
(५) सन्  १९८४- मोहम्मद अजहरुद्दीन के टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत, कलकत्ता में बनाम इंग्लैंड |
(६) सन्  १९९७- माइक्रोसॉफ्ट द्वारा हॉटमेल ई-मेल सेवा खरीदी गयी |

३१ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८६०- जोसेफ एस कल्लिनन, अमेरिकी तेल उद्योगपति (निधन-सन् १९३७) |
(२) सन्  १८६९- हेनरी मैटिस, फ्रांस, प्रभाववादी चित्रकार (औडलीस्क) |
(३) सन्  १९४३- बेन किंग्सले, स्कारबोरो इंग्लैंड, अभिनेता (गांधी, विश्वासघात, मौरिस) |
(४) सन्  १९५५- भारतीय अपराध की दुनिया का डान एवं अन्तर्राष्ट्रीय अपराधी दाऊद इब्राहिम |
(५) सन्  १९५८- ज्योफ मार्श, ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर (सन् १९८५-सन् ९२) |

३१ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९६४- ओलाफुर थोर्स, आइसलैंड के प्रधानमंत्री (जन्म-सन् १८९२) |
(२) सन्  १९७१- विक्रम साराभाई, भारतीय भौतिक विज्ञानी (जन्म-सन् १९१९) |
(३) सन्  २००७- माइकल गोल्डवर्ग, अमेरिकी चित्रकार (जन्म-सन् १९२४) |

इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है । स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है । इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है ।
यदि आपको भी दिसम्बर माह की १६ से ३१ दिसम्बर तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व इसी प्रकार ऐतिहासिक महत्व के सन्दर्भ में कुछ ज्ञात हो तो आप भी हमारा ज्ञानवर्द्धन अवश्य करें....
'जय हिंद,जय हिंदी'

बुधवार, 14 दिसंबर 2011

'आज का इतिहास,एकादश-भाग'


'१ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३५वॉ (लीप वर्ष मे ३३६वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ३० दिन बाकी है।
१ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९२४- एस्टोनिया में समाजवादी तख्तापलट का प्रयास विफल रहा।
(२) सन् १९४३- एफडीआर, चर्चिल और स्टालिन ऑपरेशन अधिपति (डी दिवस) के लिए सहमत |
(३) सन् १९५९- अंटार्कटिका के वैज्ञानिक शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए १२ राष्ट्रों पर हस्ताक्षर संधि |
(४) सन् २०११- संयुक्त राष्ट्र की नस्लीय भेदभाव उन्मूलन समिति के अध्यक्ष पद पर भारतीय उम्मीदवार दिलीप लाहिरी दोबारा निर्वाचित हुए । तीन साल का उनका दूसरा कार्यकाल २० जनवरी,सन् २०१२ से शुरू होगा। संयुक्त राष्ट्र में इस पद के लिए बुधवार को हुए निर्वाचन में लाहिरी के पक्ष में १४७ मत पड़े। समिति के अन्य सदस्य रोमानिया, कोलम्बिया, दक्षिण अफ्रीका, बुरकीना फासो, ग्वाटेमाला तथा अमेरिका से हैं।

१ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९७५- आल्या रोहली, मिस यूनिवर्स इंडोनेशिया (सन् १९९६ में विजेता)
(२) सन् १९७५- सैंड्रा मिडना, मिस यूनिवर्स उरुग्वे (सन् १९९६ में विजेता)
(३) सन् १९७५- सोफिया स्कोऊ, डैनिश तैराक
(४) सन् १९७९- अन्गेलिकुए बेट्स, अमेरिकी अभिनेत्री
(५) सन् १९८०- मोहम्मद कैफ, भारतीय क्रिकेटर

१ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १४३३- सम्राट जापान के जाओ कोमात्सु (जन्म-  सन् १३७७ )
(२) सन् १६६०- पियरे डी 'होज़ेर', फ्रांसीसी इतिहासकार (जन्म- सन् १५९२)
(३) सन् १७५०- दोप्पेल्मयर, प्रसिद्द गणितज्ञ
(४) सन् १८२५- अलेक्सांद्र आईपी रोमानोव, रूस के जार (सन् १८०१-सन् १८२५), {जन्म- सन् १७७७}
(५) सन् १९७५- नेली फॉक्स, अमेरिकी बेसबॉल खिलाड़ी (जन्म- सन् १९२७)
(६) सन् १९७५- अन्ना ई. रूजवेल्ट, अमेरिकी रेडियो व्यक्तित्व (जन्म- सन् १९०६)
(७) सन् १९७७- पॉल हार्डी, बेल्जियम डिजाइनर (इटली में ६९ वर्ष की आयु में मृत्यु)
(८) सन् १९९१- बायरन वेबस्टर, अभिनेता (वह मनुष्य बोल्ट), ५८ वर्ष की आयु में एड्स से मृत्यु (जन्म-  सन् १९३३)
(९) सन् २००४- नीदरलैंड के राजकुमार बर्नहार्ड (जन्म-  सन् १९११)
(१०) सन् २००८- पॉल बेनेडिक्ट, अमेरिकी अभिनेता (जन्म-  सन् १९३८)
(११) सन् २००९- गुस्तावो अदोल्फो पाल्मा, ग्वाटेमेले-गायक (जन्म- सन् १९२०)
(१२) सन् २०१०- हिल्लर्ड एल्किंस, अमेरिकी थिएटर और फिल्म निर्माता (जन्म- सन् १९२९)
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'२ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
२ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३६वॉ (लीप वर्ष मे ३३७वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २९ दिन बाकी है।
२ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८९९- अमेरिका और जर्मनी समोआ उन दोनों के बीच विभाजित करने के लिए सहमत |
(२) सन् १९८९- विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली |
(३) सन् १९९३- अंतरिक्ष शटल (५ एंडेवर), की शुरूआत |
(४) सन् २०१०- असम में दीफू रेलवे स्टेशन पर खड़ी लामडिंग तिनसुकिया मेल में धमाका हुआ, जिससे २ की मृत्यु व ३० घायल हुए।

२ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७२८- फेर्दिनान्दो गलिअनी, इतालवी अर्थशास्त्री दार्शनिक / / राजनयिक
(२) सन् १९७१- फ्रांसेस्को तोल्दो, इतालवी फुटबॉल प्लेयर (इंटर मिलान)
(३) सन् १९७२- एलन हेंडरसन, एनबीए आगे (अटलांटा हाक)

२ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १३४८- जापान के सम्राट हनाज़ोनो (जन्म- सन् १२९७) |
(२) सन् १६९४- पियरे पॉल पुगेत, फ्रांसीसी कलाकार (जन्म- सन् १,६२२) |
(३) सन् १८५९- जॉन ब्राउन, अमेरिकी उन्मूलनवाद सिद्धांत के प्रतिपादक (Harpers Ferry), ५९ वर्ष की आयु में फांसी पर लटका दिया गया |
(४) सन् १९६३- साबू साबू, अभिनेता (जंगल बुक, ड्रम), ३९ वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन |
(५) सन् २००९- फोगे फजियो, अमेरिकन कॉलेज फुटबॉल कोच (जन्म- सन् १९३८) |
(६) सन् २०१०- रॉन सैंटो, अमेरिकी बेसबॉल खिलाड़ी और प्रसारक (जन्म- सन् १९४०) |
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'३ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
३ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३७वॉ (लीप वर्ष मे ३३८वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २८ दिन बाकी है।
३ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १६२१- गैलिलियो द्वारा दूरबीन का आविष्कार |
(२) सन् १७९६- बाजी राव द्वितीय को मराठा साम्राज्य का पेशवा बनाया गया। वे मराठा साम्राज्य के अंतिम पेशवा थे।
(३) सन् १८२८- एंड्रयू जैक्सन अमेरिका के ७वें राष्ट्रपति चुने गए |
(४) सन् १८२९- वायसराय लार्ड विलियम बेंटिक ने भारत में सती प्रथा पर रोक लगायी।
(५) सन् १८३३- ओह में ऑबेर्लिन कॉलेज, में पहली बार सहशिक्षा महाविद्यालय खुला |
(६) सन् १८६०- मारगाओ निवासी अगस्टिनो लोउरेंको ने पेरिस से रसायन शास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री पूरी की। संभवतः वे प्रथम भारतीय थे, जिन्होंने विदेश से अपनी डाक्टरेट की डिग्री पूरी की थी।
(७) सन् १९४३- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति फेंकलिन डी रूजवेल्ट, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और तुर्की के राष्ट्रपति इस्मत इनोनु द्वितीय काईरो सम्मेलन में मिले।
(८) सन् १९५९- भारत और नेपाल ने गंडक सिंचाई और विद्युत परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर किये।
(९) सन् १९६७- भारत का पहला रॉकेट रोहिणी आर एच ७५ को थुम्बा से प्रक्षेपित किया गया।
(१०) सन् १९७२- होन्डुरान के सेना जनरल ओस्वाल्डो लोपेज अरेलानो ने राष्ट्रपति रमोनक्रुज का तख्ता पलट किया।
(११) सन् १९७४- एक हालैंड (डच) यात्री विमान श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में सभी १९१ यात्रियों की मौत हो गई।
(१२) सन् १९७७- जीन बेडेल बोकासा ने स्वयं को मध्य अफ्रीकी साम्राज्य का सम्राट घोषित किया।
(१३) सन् १९८०- पुर्तगाल के प्रधानमंत्री फ्रांसिसको साकाल्नरो की लिस्बन में विमान दुर्घटना में मौत हो गई।
(१४) सन् २००८- मुंबई में हुई २६ नवंबर की आतंकवादी घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री विलासराव देशमुख ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

३ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८८४- भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र 
प्रसाद । राजेन्द्र प्रसाद भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे एवंभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना प्रमुख योगदान दिया था जिसकी परिणति २६ जनवरी, सन् १९५० को भारत के एक गणतंत्र के रुप में हुई थी। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने स्वाधीन भारत में केन्द्रीय मंत्री के रुप में भी थोड़े समय के लिए काम किया था। पूरे देश में अत्यंत लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या "देशरत्न" कहकर पुकारा जाता था। (निधन- सन् २८ फरवरी, सन् १९६३)
(२) सन् १८८८- रमेश चन्द्र मजूमदार, प्रसिद्ध भारतीय इतिहासकार |
(३) सन् १९१०- आर वेंकटरमन, भारत के आठवें राष्ट्रपति का जन्म हुआ।

३ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९८०- फ्रांसिसको साकाल्नरो, पुर्तगाल के प्रधानमंत्री |
(२) सन् २०००- हेंक एरोन, सूरीनाम को १९७५ में नीदरलैंड की दासता से मुक्त कराने वाले नेता |
(३) सन् २०११- हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देव आनंद का शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से लंदन में निधन हो गया। वह ८८ वर्ष के थे। देव आनंद का निधन लंदन के एक होटल में हुआ। वहां वह अपने बेटे सुनील के साथ ठहरे हुए थे। सुनील ने देखा कि देव आनंद के शरीर में हरकत नहीं है, 
सुनील ने चिकित्सक को तुरंत बुलाया। चिकित्सक ने बताया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। रात १० बजे लंदन में उनका निधन हो गया।(देव आनंद का जन्म पंजाब के गुरदासपुर ज़िले में २६ सितंबर, सन् १९२३ को हुआ था)
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'४ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
४ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३८वॉ (लीप वर्ष मे ३३९वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २७ दिन बाकी है।
४ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९३५- सेंट जोसेफ कॉलेज (फिला ) में १,२०० अन्तिकोम्मुनिस्म कक्षा में दाखिला लिया |
(२) सन् १९४१- नाजी अध्यादेश को देखते हुए पोलैंड अदालतों की सुरक्षा के बाहर के स्थानों यहूदियों को हटा लिया गया |
(३) सन् १९७१- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक आपातकालीन सत्र कॉल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ती स्थिति पर विचार |
(४) सन् १९७३- 10 पायनियर बृहस्पति तक पहुँचा |

४ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९७८- मिशेल डि पिएदी, इतालवी फुटबॉलर |
(२) सन् १९७९- जे अवगुण, अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी |
(३) सन् १९८२- हो पिन तुंग, डच, चीनी रेसिंग ड्राइवर |
(४) सन् १९८३- जिमी बर्टेल, ऑस्ट्रेलियाई नियम फुटबॉलर |
(५) सन् १९८४- अमेरिकी अभिनेत्री लिंडसे फेल्तों |

४ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् ११२३- उमर खय्याम, फ़ारसी कवि, खगोलशास्त्री, गणितज्ञ, और दार्शनिक (जन्म- सन् १०४८) |
(२) सन् १५७६- र्हेतिचुस, गणितज्ञ |
(३) सन् १५८५- जॉन विल्लोच्क, स्कॉटिश सुधारक |
(४) सन् १६०३- मारतें डे वोस, फ्लेमी चित्रकार |
(५) सन् १६०९- अलेक्जेंडर ह्यूम, स्कॉटिश कवि |
(६) सन् १६७९- थॉमस होब्स, अंग्रेजी दार्शनिक (जन्म- सन् १५८८) |
(७) सन् १६८०- थॉमस बार्थोलिन, डैनिश चिकित्सक, गणितज्ञ, और थेअलोजियन (जन्म- सन् १६१६) |
(८) सन् १९५२- करेन होर्नी, जर्मन / अमेरिका नव फ्रॉयडवादी मनोवैज्ञानिक विश्लेषक |
(९) सन् २००९- एडी फतु, सामोन अमेरिकी पेशेवर पहलवान (जन्म- सन् १९७३) |
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'५ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
५ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३३९वॉ (लीप वर्ष मे ३४०वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २६ दिन बाकी है।
५ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९१७- कनाडा में दो जहाजों के भीषण टक्कर में कम से कम १५ सौ लोगों की मौत हो गई।
(२) सन् १९२२- ब्रिटिश संसद द्वारा आयरिश स्वतंत्र राज्य संविधान अधिनियम को स्वीकृति मिली। इसके द्वारा आइरिस स्वतंत्र राज्य संविधान को आधिकारिक मान्यता मिल गई।
(३) सन् १९४६- भारत में होमगार्ड संगठन की स्थापना हुई।
(४) सन् १९७१- भारत ने बंगलादेश को एक देश के रूप में मान्यता दी।
(५) सन् १९७३- गेराल्ड फोर्ड ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
(६) सन् १९९२- भारत के अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में स्थित बाबरी मस्जिद का विवादास्पद ढांचा गिरा दिया गया। इसके साथ ही भारत के अनेक हिस्सों में दंगे भड़क उठे।
(७) सन् २००१- अमरीकी सेनाओं ने ओसामा बिन लादेन के अफगानिस्तान स्थित तोरा बोरा पहाड़ी ठिकाने पर कब्जा किया।
(८) सन् २००३- चीन में पहली बार आयोजित विश्व सुंदरी प्रतियोगिता में आयरलैंड की रोसन्ना दाविसन विजयी।
(९) सन् २००६- जोसेफ कबीला चार दशकों में कांगो के लोकतांत्रिक ढंग से पहले राष्ट्रपति चुने गये।

५ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७३२- वारेन हेस्टींग, ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रथम गवर्नर का ब्रिटेन के आक्सफोर्डशायर में जन्म हुआ |
(२) सन् १८९८- जोश मलीहाबादी, भारत के उर्दू कवि (पाकिस्तान में निधन-१९८२)

५ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् ६३ ई.पू. - पब्लिअस कुरनेलियुस (सुरा) लेंतुलुस, रोमन राजनेता
(२) सन् ७४९- दमिश्क के सेंट जॉन, थेअलोजियन
(३) सन् १६२४- गस्पर्द बौहीन, स्विस वनस्पतिशास्त्री (जन्म- सन् १५६०)
(४) सन् १९५०- श्री अरविंद, भारतीय आध्यात्म-गुरु (जन्म- सन् १८७२)
(५) सन् २०१०- एलन अर्मेर, अमेरिकी टेलीविजन निर्माता और निर्देशक (जन्म- सन् १९२२)
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'६ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
६ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४०वॉ (लीप वर्ष मे ३४१वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २५ दिन बाकी है।
६ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८६६- लेक मिशिगन में शिकागो पानी की आपूर्ति ३२२७ मीटर लम्बी सुरंग का कार्य पूरा |
(२) सन् १८८२- शुक्र ग्रह के वायुमंडल में पारगमन के दौरान पता चला |
(३) सन् १९२२- आयरिश स्वतंत्र राज्य आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आया। जॉर्ज पंचम इसके राजा, टिम हीली, पहले राज्यपाल और डब्लुटी कॉस्ग्रेव, कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष बने।
(४) सन् २००६- नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर मंगल ग्रह पर तरल पानी की उपस्थिति सुझाव द्वारा लिया तस्वीरों से पता चला |

६ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८७०-विलियम एस हार्ट |
(२) सन् १८८६-जॉइस किल्मेर |
(३) सन् १८८७-लिन फोंतान्ने |
(४) सन् १८९६-ईरा गेर्श्विन |
(५) सन् १९५५-स्टीवन राइट |
(६) सन् १९५६-पीटर बक |

६ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १७१८- निकोलस रोवे, अंग्रेजी कवि और नाटककार (जन्म-सन् १६७४)
(२) सन् १९२६- क्लाउड मोनेट[ऑस्कर विजेता ], फ्रेंच चित्रकार (प्रभाववादी), ८६ वर्ष की आयु में निधन |
(३) सन् १९५६- डाक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर एक भारतीय विधिवेत्ता थे। वे एक बहुजन राजनीतिक नेता, और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के साथ साथ, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार भी थे। उन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है। ( जन्म- १४ अप्रैल,सन् १८९१)
(४) सन् १९६१- फ्रंत्ज़ फैनोन, पश्चिम भारतीय मनोचिकित्सक और लेखक (जन्म- सन् १९२५)
(५) सन् १९७३- रॉबर्ट वाटसन वाट, इंग्लैंड, भौतिक विज्ञानी (रडार विशेषज्ञ), ८१ वर्ष की आयु में निधन |
(६) सन् १९७६- जोयाऑ गौलार्ट, ब्राजील के राष्ट्रपति (जन्म- सन् १९१८)
(७) सन् २००५- देवन नायर, सिंगापुर के राष्ट्रपति (जन्म- सन् १९२३)
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'७ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
७ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४१वॉ (लीप वर्ष मे ३४२वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २४ दिन बाकी है।
७ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) ४३ ई.पू. - माक्र्स तुल्लिउस सिसरो की हत्या कर दी गयी |
(२) सन् १७३२- रॉयल ओपेरा हाउस कोवेंट गार्डन, लंदन में खुला |
(३) सन् १९४५- माइक्रोवेव ओवन का पेटेंट करवाया गया |
(४) सन् १९६०- आइवरी कोस्ट का फ्रांस से स्वतंत्रता का दावा प्रस्तुत |
(५) सन् १९६२- ग्रेट ब्रिटेन ने नेवादा टेस्ट साइट में परमाणु परीक्षण किया |

७ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९८४ - हारून ग्रे, अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी |
(२) सन् १९८७- बारां कोसरी, ईरानी अभिनेत्री |
(३) सन् १९८८- एमिली ब्राउनिंग, ऑस्ट्रेलियाई अभिनेत्री |

७ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् ४३ ई.पू. - सिसरो, रोमन राजनेता और लेखक (जन्म- १०६ ई.पू.)
(२) सन् १२७९- पोलैंड के राजा बोलेस्लौस वी (जन्म- सन् १२२६)
(३) सन् १६८३- जॉन ओल्डम, अंग्रेजी कवि (चेचक) (जन्म- सन् १६५३)
(४) सन् १९९६- यूजीन इज्ज़ी, रहस्य- रोमांच साहित्य का लेखक, आत्महत्या द्वारा मृत्युवरण |
(५) सन् २००५- बड कार्सन, अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी और कोच (जन्म- सन् १९३१)
(६) सन् २००९- मार्क रित्ट्स, अमेरिकी अभिनेता (जन्म- सन् १९४६)
(७) सन् २०१०- एलिजाबेथ एडवर्ड्स, अमेरिकी वकील और जॉन एडवर्ड्स की पत्नी (जन्म- सन् १९४९)
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'८ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४२वॉ (लीप वर्ष मे ३४३वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २३ दिन बाकी है।
८ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८६३- दक्षिण के पुनर्निर्माण के लिए अब्राहम लिंकन की घोषणा योजना |
(२) सन् १८६३- चिली में जेसुइट चर्च आग, दहशत में २,५०० व्यक्तियों के मरने की सम्भावना |
(३) सन् १८६३- राष्ट्रपति लिंकन द्वारा संघि के अनुसार भगोड़ों के लिए क्षमादान की पेशकश की |
(४) सन् १९२३- जर्मनी-अमेरिका संधि पर हस्ताक्षर किए गए |
(५) सन् १९८७- राष्ट्रपति रीगन और सोवियत महासचिव गोर्बाचेव एक मध्यम दूरी के परमाणु मिसाइलों को नष्ट करने संधि पर हस्ताक्षर |
(६) सन् २००९- बगदाद, इराक में बम-विस्फोट में १२७ व्यक्तियों के मरने और ४४८ के घायल होने की संभावित होने की घोषणा |

८ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९३५- धर्मेन्द्र, भारतीय हिन्दी फिल्म अभिनेता |
(२) सन् १९४२- हेमंत कानिटकर, क्रिकेटर |
(३) सन् १९४६- भारतीय फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर |

८ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १६२६- जॉन डविएस , अंग्रेजी कवि (जन्म- सन् १५६९)
(२) सन् १९०३- हरबर्ट स्पेन्सर, ब्रिटिश दार्शनिक/इंजीनियर, ८३ वर्ष की आयु में निधन |
(३) सन् २००९- लुइस डायस, डोमिनिकन संगीतकार (जन्म- सन् १९५२)
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'९ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
९ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४३वॉ (लीप वर्ष मे ३४४वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २२ दिन बाकी है।
९ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १६२५- नीदरलैंड और इंग्लैंड पर हस्ताक्षर सैन्य संधि |
(२) सन् १६८८- फ्रांस के राजा जेम्स द्वितीय की पत्नी और बेटे के लिए इंग्लैंड का पलायन करने का आदेश |
(३) सन् १९३९- हेलसिंकी पर रूसी हवाई हमला |
(४) सन् १९४०- लीबिया पर ब्रिटिश हमला |
(५) सन् १९४७- फ्रांसीसी मजदूर संघ ने हड़ताल समाप्त कर सरकार से बात शुरु की।
(६) सन् १९६८- एनएलएस (एक प्रणाली,जिसके लिए विकसित किए गए हाइपरटेक्स्ट और कंप्यूटर माउस) सेन फ्रांसिस्को में पहली बार के लिए सार्वजनिक प्रदर्शन किया गया |
(७) सन् १९९४-पांच मिलियन टन की एक उल्का पृथ्वी के १,००,००० किमी के भीतर 1994 XM1 गति से गुजरी |

(८) सन् २०११ -कोलकाता के सबसे महंगे अस्पतालों में से एक AMRI अस्पताल में आग लग गई और देखते ही देखते धुएं और आग से ९१ लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालात का जायजा लिया और अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा। 


९ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १६०८- जॉन मिल्टन, अंग्रेज़ी कवि |
(२) सन् १८७६- बर्टन चर्चिल, अमेरिकी अभिनेता (सन् १९४०) |
(३) सन् १९४६- सोनिया गांधी, इतालवी में जन्मी भारतीय राजनीतिज्ञ |
(४) सन् १९४६- भारतीय अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा |
(५) सन् १९२२- रेड फॉक्स्स, अमेरिकी हास्य अभिनेता (सैनफर्ड ऐंड सन) (निधन- सन् १९९१)
(६) सन् १९७२- फेब्रिस सांतारो - फ्रांस के टेनिस खिलाड़ी |

९ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९७०- आर्टेम मिकोयान, रूसी विमान डिजाइनर (मिग), ६५ वर्ष की आयु में निधन |
(२) सन् १९७०- सर फिरोज खान नून, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (जन्म- सन् १८९३)
(३) सन् १९७१- राल्फ जे बुंचे, संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि / नोबेल पुरस्कार विजेता, ६७ वर्ष की आयु में निधन |
(४) सन् १९९३- ईरान के अयातुल्ला मोहम्मद रजा गोल्पयेगनी |
(५) सन् २००८- यूरी ग्लाज्कोव, सोवियत अंतरिक्ष यात्री (जन्म- सन् १९३९) |
(६) सन् २००९- उस्ताद हनीफ मोहम्मद खाँ, भारतीय तबला बादक |
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'१० दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१० दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४४वॉ (लीप वर्ष मे ३४५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २१ दिन बाकी है।
१० दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १५८२- फ्रांस ग्रेगोरियन कैलेंडर के उपयोग शुरू करता है |
(२) सन् १९०६- राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट (अमेरिकी) नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित |
(३) सन् १९१९- नोबेल शांति पुरस्कार से अमेरिकी राष्ट्रपति विल्सन को सम्मानित किया |
(४) सन् १९२५- जॉर्ज बर्नार्ड शॉ को नोबेल से सम्मानित किया गया |
(५) सन् १९८०- सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया |
(६) सन् १९८४- दक्षिण अफ्रीका के बिशप डेसमंड टूटू को नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त |

१० दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७५०- टीपू सुल्तान, मैसूर राज्य के शासक (निधन- सन् १७९९)
(२) सन् १७५१- जॉर्ज शॉ, अंग्रेजी वनस्पतिशास्त्री और जीव विज्ञानी (निधन- सन् १८१३) |
(३) सन् १८२०- क्लारेंस की राजकुमारी एलिजाबेथ (निधन- सन् १८२१) |
(४) सन् १८७०- मैरी बोनापार्ट, फ्रेंच शाही सिंहासन के लिए दावेदार (निधन- सन् १९४७) |
(५) सन् १८७८- राजाजी, भारत के स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल (निधन- सन् १९७२) |
(६) सन् १९३४- हावर्ड मार्टिन टेमिन, अमेरिकी आनुवंशिकीविद्, नोबेल पुरस्कार विजेता (निधन- सन् १९९४) |
(७) सन् १९८२- भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेत्री शिल्पा आनंद |

१० दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १८६५- बेल्जियम के राजा लियोपोल्ड मैं (जन्म- सन् १७९०) |
(२) सन् १९९४- अलेक्जेंडर विल्सन, कनाडा के एथलीट (जन्म- सन् १९०५)
(३) सन् २०००- मैरी विंडसर, अमेरिकी फिल्म अभिनेत्री (जन्म- सन् १९१९)
(४) सन् २००१- अशोक कुमार, भारतीय अभिनेता (जन्म- सन् १९११) |
(५) सन् २००९- दिलिप चित्रे, मराठी के लेखक, कवि एवं आलोचक |
(६) सन् २०१०- जॉन बेनेट फेन, अमेरिकी रसायनज्ञ, नोबेल पुरस्कार विजेता (जन्म- सन् १९१७)
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'११ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
११ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४५वॉ (लीप वर्ष मे ३४६वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २० दिन बाकी है।
११ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १६८७- ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास (भारत )में नगरनिगम बनाया।
(२) सन् १९०७- न्यूजीलैंड संसद भवन लगभग पूरी तरह आग से नष्ट हो गया |
(३) सन् १९४६- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
(४) सन् १९७६- संयुक्त राष्ट्र द्वारा युनिसेफ की स्थापना की गई।
(५) सन् १९८३- बँगला देश के मुख्य मार्शल लॉ प्रशासक मोहम्मद इर्शाद ने स्वयं को राष्ट्रपति घोषित किया।
(६) सन् १९९७- ग्रीन हाउस गैसों में कमी लाने के लिए क्योटो संधी पर हस्ताक्षर किए गए।
(७) सन् २००१- चीन को विश्व व्यापार संगठन में प्रवेश मिला।

११ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९२२- दिलीप कुमार, हिंदी फिल्म अभिनेता |
(२) सन् १९३४- सलीम दुर्रानी, क्रिकेटर (६० के दशक के सफल भारतीय बल्लेबाज)
(३) सन् १९३५- प्रणव मुखर्जी, भारत के विदेशमंत्री और वित्तमंत्री ||
(४) सन् १९६९- विश्वनाथन आनंद |

११ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १७१८- स्वीडन (सन् १६९७-सन् १७१८) के राजा, चार्ल्स बारहवीं की गोली मारकर हत्या |
(२) सन् १७३७- जॉन स्त्र्यपे, अंग्रेजी इतिहासकार (जन्म- सन् १६४३) |
(३) सन् १९७८- विन्सेन्ट डु विग्नौड़, अमेरिकी रसायनज्ञ और नोबेल पुरस्कार विजेता (जन्म- सन् १९०१)
(४) सन् १९७९- जेम्स जे गिब्सन, अमेरिकी अवधारणात्मक मनोविज्ञानी (जन्म- सन् १९०४) |
(५) सन् १९८७- जी.ए. कुलकर्णी, भारतीय लेखक (मराठी) (जन्म- सन् १९२३ )
(६) सन् २००४- एम. एस. सुब्बालक्ष्मी, कर्नाटक संगीत की प्रसिद्ध गायिका एवं अभिनेत्री |(जन्म- १६ सितंबर, सन् १९१६)

(७) सन् २०११- कार्टूनिस्ट मारियो मिरांडा, जिंदगी के विभिन्न रंगों को अपने कैनवास पर जीवंतता के साथ उकरने वाले चर्चित कार्टूनिस्ट मारियो मिरांडा अपनी जिंदगी के कैनवास से ओझल हो गए। लम्बी बीमारी के बाद मिरांडा का गोवा के लौटोलिम स्थित ३०० वर्ष पुराने उनके पैतृक घर में रविवार प्रात: निधन हो गया, नींद में ही वह शांति के साथ चिर निद्रा में सो गए। वह ८५ वर्ष के थे।मिरांडा को सन् १९८८ में पद्मश्री और सन् २००२ में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
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'१२ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१२ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४६वॉ (लीप वर्ष मे ३४७वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १९ दिन बाकी है।
१२ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८२२- मेक्सिको आधिकारिक तौर पर अमेरिका द्वारा एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता प्राप्त |
(२) सन् १९११- भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित की गई।
(३) सन् १९११- जॉर्ज पंचम और मेरी भारत के सम्राट के रूप में भारत आए।
(४) सन् १९१३- लियोनादो द बिंशी की विख्यात मोनालिसा की पेंटिंग, जो २ वर्ष पूर्व चोरी हो गई थी, पुनः प्राप्त कर ली गई।
(५) सन् १९१५- चीन के राष्ट्रपति युवान शी की ने राजतंत्र को पुनः बहाल कर स्वयं को चीन का सम्राट घोषित किया।
(६) सन् १९२३- इटली में पो नदी बांध फटने से ६०० लोगों मारे गए।
(७) सन् १९४७- इरानी शाही सेना ने अजरबाइजान में सत्ता पर पुनः अधिकार कियाकर लिया।
(८) सन् १९५८- गिनि संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना।
(९) सन् १९६३- केन्या स्वतंत्र हुआ।
(१०) सन् १९६४- केन्या गणतंत्र बना।
(११) सन् १९९२- हैदराबाद के हुसैनसागर झील में विशालकाय बुद्ध प्रतिमा स्थापित की गई।

१२ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९४९- रजनीकांत(भारतीय फिल्म अभिनेता) |
(२) सन् १९५९- कृष्णम्माचारी श्रीकांत, क्रिकेटर  (भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज)
(३) सन् १९६२- ट्रेसी ऑस्टिन - टेनिस खिलाड़ी |
(४) सन् १९८१- युवराज सिंह - भारत के क्रिकेट खिलाडी |

१२ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९६४- मैथिलिशरण गुप्त, राष्ट्रकवि के रूप में विख्यात प्रसिद्ध हिंदी कवि |
(२) सन् १९९२- जसु पटेल, भारतीय क्रिकेटर (भारत के लिए २९ विकेट, सबसे अच्छा प्रदर्शन ९-६९ विरुद्ध ऑस्टेलिया) |
(३) सन् २००३- हैय्दर अलियेव, अज़रबैजान के राष्ट्रपति (जन्म- सन् १९२३)
(४) सन् २००५- रामानंद सागर, हिंदी फिल्में और टेलिविजन धारावाहिकों के निर्माता निर्देशक।
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'१३ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१३ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४७वॉ (लीप वर्ष मे ३४८वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १८ दिन बाकी है।
१३ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९३७- चीन और जापान के बीच हुए नानज़िंग के युद्ध में जापानियों की जीत हुई। इसके बाद लंबे समय तक नरसंहार और अत्याचार का दौर चला।
(२) सन् १९४६- लियोन ब्लम फ्रेंच प्रमुख निर्वाचित |
(३) सन् १९५९- आर्क विशप वकारियोस साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए।
(४) सन् १९७४- माल्टा गणतंत्र बना।
(५) सन् १९८४- प्रथम कृत्रिम हृदय प्राप्तकर्ता विलियम श्रोएडर की ह्रदय स्ट्रोक से ग्रस्त होकर मृत्यु |
(६) सन् १९९६- कोफी अन्नान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव चुने गए।
(७) सन् २००१- दिल्ली स्थित भारतीय संसद पर आतंकवादी हमला।
(८) सन् २००२- यूरोपीय संघ का विस्तार किया गया। साइप्रस, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, हंगरी, लातेविया, लिथुआनिया, पोलैंड, स्लोवाकिया और स्लोविनिया इसमें शामिल किए गए।
(९) सन् २००३- भूतपूर्व इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को उनके गृह नगर टिगरीट के निकट गिरफ्तार कर लिया गया।
(१०) सन् २००४- भूतपूर्व चिलि तानाशाह जनरल अगस्टो पिनोसे अपहरण और नरसंहार के ९ आरोप लगने के बाद घर में नजरबंद कर दिए गए।

१३ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८७१- रसेल डब्ल्यू पोर्टर, वरमोंट, अन्वेषक (अलास्का) |
(२) सन् १९०३- जॉन मुरलीवाला, ब्रिटिश लेखक |
(३) सन् १९१३- आर्ची मूर, लाइट हैवीवेट मुक्केबाजी विजेता (सन् १९५२-सन् १९६०)
(४) सन् १९४४- ह्वांग जंग ली, कोरियाई मार्शल कलाकार और फिल्म अभिनेता |
(५) सन् १९४५- कैथी गार्वर, अमेरिकी अभिनेत्री |
(६) सन् १९६०- दग्गुबती वेंकटेश, भारतीय अभिनेता |

१३ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १२५०- फ्रेडरिक द्वितीय, जर्मन सम्राट ( सन् १२१२- सन् १२५०), ५५ वर्ष की आयु में निधन |
(२) सन् १६२१- कैटरीना स्तेंबोच्क, मैं स्वीडन के गुस्ताव की रानी (जन्म- सन् १५३५)
(३) सन् १९४७- निकोलस रोरिक, रूस में जन्मे चित्रकार (जन्म- सन् १८७४) |
(४) सन् २००४- डेविड व्हीलर, अंग्रेजी कंप्यूटर वैज्ञानिक (जन्म- सन् १९२७)
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'१४ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१४ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४८वॉ (लीप वर्ष मे ३४९वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १७ दिन बाकी है।
१४ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८१९- अलबामा २२वे राज्य के रूप में संघ में भर्ती |
(२) सन् १८२५- रूस में ज़ार निकोलस के खिलाफ डेसमब्रिस्ट विद्रोह मैं शुरू होता है |
(३) सन् १९२२- यूनाइटेड किंगडम में आम चुनाव।
(४) सन् १९४१- ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल द्वारा न्यूयॉर्क के बोर्ड एचएमएस ड्यूक पर अमेरिका के लिए यात्रा |
(५) सन् २००४- मिलाओ पुल, मिलाओ के पास दुनिया में सबसे अधिक पुल, फ्रांस आधिकारिक तौर पर खोला गया |
(६) सन् २००८- राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने राष्ट्रपति के रूप में इराक के लिए यात्रा की, जिसमें बगदाद में एक विदाई सम्मेलन के दौरान इराकी पत्रकार अल जैदी मुन्ताधर द्वारा उन पर जूत़ा फेंका गया |

(७) सन् २०११- नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की एक नोटबुक न्यूयॉर्क स्थित नीलामी घर ‘सोथबीज’ में १७०५०० डॉलर यानी ९१ लाख ३७ हजार ६०६ रुपए में नीलाम हुई। टैगोर की यह नोटबुक वर्ष सन् १९२८ में लिखी गई थी और उसमें कविताएं और अन्य कृतियां थीं। इसमें उनकी १२ कविताओं के साथ ही बंगाली भाषा के १२ गीतों के बोल थे। इसमें बाद में प्रकाशित कृतियों के संशोधित मसौदे थे।

१४ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८९५- जॉर्ज VI, इंग्लैंड के राजा (सन् १९३६-सन् १९५२)
(२) सन् १८९५- पॉल एलुँर्द, फ्रेंच कवि (निधन-सन् १९५२)
(३) सन् १९०९- एडवर्ड एल टेटम, अमेरिका, आणविक आनुवंशिकीविद् (नोबेल-विजेता- सन् १९५८) |
(४) सन् १९२४- राज कपूर, भारतीय अभिनेता (निधन-सन् १९८८) |
(५) सन् १९५३- विजय अमृतराज, भारत, टेनिस खिलाड़ी / अभिनेता (Octopussy) |

१४ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९१८- सिदोनियो पाइस, पुर्तगाल के राजकुमार, हत्या
(२) सन् १९२०- जॉर्ज गिप्प, अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी (जन्म- सन् १८९५) |
(३) सन् २००१- विंग सेबल्ड, जर्मन लेखक (जन्म- सन् १९४४)
(४) सन् २००३- जेंने क्रैन, अमेरिकी अभिनेत्री (जन्म- सन् १९२५)
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'१५ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१५ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४९वॉ (लीप वर्ष मे ३५०वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १६ दिन बाकी है।
१५ दिसम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८७७- थॉमस एडीसन द्वारा फोनोग्राफ का पेटेंट |
(२) सन् १९०९- थॉमस जे लिंच अमेरिकन बेसबॉल नेशनल लीग के अध्यक्ष बने |
(३) सन् १९३९- नायलॉन यार्न की वाणिज्यिक निर्माण प्रक्रिया प्रारंभ |
(४) सन् २००६- F-35 लाइटनिंग द्वितीय की प्रथम उड़ान |
(५) सन् २००९- बोइंग के नए 787 ड्रीमलाइनर सिएटल, वाशिंगटन से अपनी पहली उड़ान |

१५ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् ३७- नीरो क्लोडिअस ऑगस्टस गेर्मनिचुस 5, रोम के सम्राट (सन् ५४-सन् ६८) |
(२) सन् १८०२- जनोस बोल्याई, रोमानिया के गणितज्ञ (गैर इयूक्लिडियन ज्यामिति) |
(३) सन् १८३२- एलेक्जेंडर गुस्ताव एफिल, फ्रांसीसी इंजीनियर (एफिल टॉवर) |
(४) सन् १८५२- अन्टिने हेनरी बेच्कुएरेल, रेडियोधर्मिता की खोज (सन् १९०३ नोबेल-विजेता) |
(५) सन् १९१६- मॉरिस विल्किंस, इंग्लैंड, भौतिक विज्ञानी, डीएनए (सन् १९६२ नोबेल-विजेता) |
(६) सन् १९२२- निकोलाय बसोव, नोबेल पुरस्कार विजेता रूसी भौतिक विज्ञानी, (निधन- सन् २००१)
(७) सन् १९३३- बापु - भारतीय प्रसिद्ध हास्य कलाकार एवम निर्देशक्।
(८) सन् १९७६- बाइचुंग भूटिया, भारतीय फुटबॉलर(भारतीय फुटबॉल टीम का कप्तान) |

१५ दिसम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १२६३- नार्वे के राजा हाकोन चतुर्थ (जन्म- सन् १२०४) |
(२) सन् १९५०- सरदार वल्लभ भाई पटेल - भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृह मंत्री (जन्म-  ३१ अक्तूबर, सन् १८७५)
(३) सन् १९५८- वोल्फगैंग अर्नस्ट पाउली, ऑस्ट्रिया में जन्मे अमेरिकी भौतिकशास्त्री, नोबेल पुरस्कार विजेता (जन्म- सन् १९००)

इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है । स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है । इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है ।
यदि आपको भी दिसम्बर माह की १ से १५ दिसम्बर तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व इसी प्रकार ऐतिहासिक महत्व के सन्दर्भ में कुछ ज्ञात हो तो आप भी हमारा ज्ञानवर्द्धन अवश्य करें....
'जय हिंद,जय हिंदी'

मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

वजन घटाने के लिए कुछ ज़रूरी बातें





यदि आप वजन वृद्धि अर्थात मोटापे से परेशान हैं, तो वजन घटाने के लिए वजन प्रबंधन अपनाकर अपना वजन कम करें वरना इसके घातक नतीजे भी हो सकते हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापे को बीमारी करार दिया है। अमरीकन इंश्योरेंस कंपनियां कुल ४५ बिलियन अमरीकी डॉलर मोटापाजनित बीमारियों पर प्रतिवर्ष खर्च कर रही है। मोटापे से बीमारियों के साथ कार्यहानि भी होती है।
वजन वृद्धि और मोटापा जनित बीमारियां अत्यंत घातक होतीं हैं | मोटापा से मधुमेह, रक्तचाप, हृदयाघात, मष्तिष्क आघात, कैंसर, अनिद्रा, जोड़ों एवं घुटनों की बीमारियां आदि होती हैं। अक्सर लोग वजन कम करने के लिए ब्यूटी क्लिनिक में जाते हैं। इस तरह के क्लिनिक चलाने वाले लोगों को वेट मैनेजमेंट का कोई अनुभव नहीं होता। अनाडि़यों की देखरेख में वजन कम करने की कोशिशें आपको शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं ।

वर्तमान समय में अमेरिका के खाद्य व औषधि प्रशासन ने वजन घटाने की मात्र एक दवा ओर्लिस्टेट नामक दवा को मंजूरी दी हुई है और लगता है कि उस पर भी प्रतिबंध लगाने की नौबत आ जाएगी।ओर्लिस्टेट नामक इस दवा के घातक साइड प्रभावों के मद्देनजर यह माँग बलवती होती जा रही है कि इस पर प्रतिबंध लगाया जाए।
ओर्लिस्टेट का रासायनिक नाम टेट्राहाइड्रोलिपटेटिन है और इसे इस तरह तैयार किया गया है कि यह वजन बढ़ने से रोकती है। दरअसल ओर्लिस्टेट पैंक्रियाज के एक एंजाइम लाइपेज के अवरोधक एंजाइम का थोड़ा संशोधित रूप है।वह लाइपेज अवरोधक है लिपस्टेटिन और इसे एक बैक्टीरिया से प्राप्त किया गया है। लाइपेज हमारी आँतों में वसा के अवशोषण में मदद करता है। जब लाइपेज की क्रिया बाधित होती है, तो आँतों में वसा का अवशोषण नहीं हो पाता। यानी आपको उतनी ऊर्ज़ा नहीं मिलती और फलस्वरूप आप दुबले होने लगते हैं । जब यह दवा बाजार में आई थी तो इसका एकमात्र साइड प्रभाव यह बताया गया था कि आँतों में वसा का अवशोषण नहीं होने की वजह से वह वसा मल के साथ निकलती है और मल बहुत चिकना हो जाता है। मगर जब दवा का इस्तेमाल शुरू हुआ और विपणन-उपरांत अध्ययन शुरू हुए तो अन्य साइड प्रभाव सामने आने लगे। सबसे पहले पता चला कि ओर्लिस्टेट (ब्रांड नाम जेलिकेन या एली) के सेवन से लिवर को बहुत नुकसान होता है।

वजन कम करने के कुछ कारगर उपाय---
हम सब भी यही चाहते हैं कि हमारे शरीर का भार नियंत्रित हो ताकि हम खूबसूरत दिखने के साथ-साथ अपने कार्य को भी आसानी से संपादित कर पाएँ।
उसके लिए कुछ कारगर उपाय विभिन्न पद्धतियों का सहारा लिया जा सकता है |

आयुर्वेद पद्धति द्वारा इलाज़:--
आयुर्वेद में इलाज मुख्यत : जड़ी-बूटियों पर आधारित होता है। यह करीब - करीब नेचरोपैथी जैसा ही है। इसमें भी मसाज और स्टीम बेस्ड तकनीक होती है। मसाज के लिए अदरक , कुलष्ठा व दूसरी बूटियों मिला तेल या पाउडर इस्तेमाल किया जाता है। फिर स्टीम दी जाती है। खास पैक भी लगाया जाता है। इन सब तरीकों से अतिरिक्त वसा (फैट) पिघल जाता है। आयुर्वेद में आमतौर पर १०-१५ सिटिंग में पांच किलो तक वजन घट सकता है। इस इलाज़ की प्रक्रिया हेतु ५ हजार से २० हजार रुपये तक आपसे लिए जाते हैं। इसका फायदा यह है कि शरीर ढीला नहीं पड़ता और वजन भी अचानक वापस नहीं आता। चिकित्सक की सलाह से त्रिफला , आयोग्यवर्धिनी , घृतकुमारी आदि दवाएं भी ले सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार रात भर ताम्बे के पात्र में यदि पानी छोड़ दी जाय और सुबह खाली पेट पीया जाये तो इससे कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है |

होम्योपैथी पद्धति द्वारा इलाज़:--
दिन में तीन बार 10-15 बूंदें फायटोलका डिकंड्रा क्यू (Phytolaca Decandra Q) या फ्यूकसवेस क्यू (Fuccus Ves Q) चौथाई कप पानी में लें। कैल्केरिया कार्ब (Calc.Carb.) की 4-5 गोलियां भी दिन मे तीन बार ले सकते हैं । ये दवाएं फैट कम करती हैं और नियमित लेने पर दो - तीन महीने में असर दिखने लगता है। इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं है , फिर भी होम्योपैथ की सलाह से लेना बेहतर है ।

मशीनों की पद्धति द्वारा इलाज़:--
साइंटिफिक तकनीक में मशीनों द्वारा मसल एक्टिविटी , ब्लड सर्कुलेशन और शरीर की लचक बढ़ाई जाती है। 
(१)मॉर्निंग वॉकर मशीन  द्वारा इलाज़:-- वजन कम करने और हाई बीपी , डायबीटीज जैसी तमाम बीमारियों को दूर करने मेंमॉर्निंग वॉकर मशीन को काफी मददगार माना जाता है। रोजाना कुछ देर के लिए इसका इस्तेमाल कर दिन की शुरुआत की जा सकती है। 
(२)वाइब्रेशन  द्वारा इलाज़:-- मशीन के जरिए शरीर पर वाइब्रेशंस दी जाती हैं। इससे मांसपेशियों की एक्टिविटी बढ़ती है ,जिससे फैट बर्न होता है। 
(३)हीट थेरपी द्वारा इलाज़:-- आपके शरीर पर पैड लपेटकर हीट दी जाती है। इससे शरीर का ताप बढ़ जाता है , जो बेसिकमेटाबॉलिज्म रेट में इजाफा करता है। 

उपर्युक्त तरीकों में दूसरे और तीसरे तरीकों से वजन कम करने से आपकी त्वचा ढीली होने का खतरा होता है। उसके लिए मसाज की सलाह दी जाती है। मशीनी तरीकों से वजन कम करने के लिए दो से तीन हजार रुपये चार्ज किए जाते हैं। 

घरेलू पद्धति द्वारा इलाज़:--
(१)भोजन में गेहूं के आटे की चपाती लेना बन्द करके जौ-चने के आटे की चपाती लेना शुरू कर दें। इसका अनुपात है १० किलो चना व २ किलो जौ मिलाकर इन्हें मिलाकर पिसवा लें और इसी आटे की चपाती खाएं। इससे सिर्फ पेट और कमर ही नहीं सारे शरीर का मोटापा कम हो जाएगा।
(२)प्रातः एक गिलास ठंडे पानी में २ चम्मच शहद घोलकर पीने से भी कुछ दिनों में मोटापा कम होने लगता है। दुबले होने के लिए दूध और शुद्ध घी का सेवन करना बन्द न करें। वरना शरीर में कमजोरी, रूखापन, वातविकार, जोड़ों में दर्द, गैस ट्रबल आदि होने की शिकायतें पैदा होने लगेंगी। 
(३)पेट व कमर का आकार कम करने के लिए सुबह उठने के बाद या रात को सोने से पहले नाभि के ऊपर के उदर भाग को 'बफारे की भाप' से सेंक करना चाहिए। इस हेतु एक तपेली पानी में एक मुट्ठी अजवायन और एक चम्मच नमक डालकर उबलने रख दें। जब भाप उठने लगे, तब इस पर जाली या आटा छानने की छन्नी रख दें। दो छोटे नैपकिन या कपड़े ठण्डे पानी में गीले कर निचोड़ लें और तह करके एक-एक कर जाली पर रख गरम करें और पेट पर रखकर सेंकें। प्रतिदिन १० मिनट सेंक करना पर्याप्त है। कुछ दिनो में पेट का आकार घटने लगेगा।
(४)सुबह उठकर शौच से निवृत्त होने के बाद निम्नलिखित आसनों का अभ्यास करें या प्रातः २-३ किलोमीटर तक घूमने के लिए जाया करें। दोनों में से जो उपाय करने की सुविधा हो सो करें। 
(५)सेब स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है। यदि आप रोज सुबह उठकर नियम से एक सेब खाने की आदत डालेंगे तो इससे आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और सौंदर्य भी। 
(६)सूप से यदि आप अपने डिनर की शुरुआत करते हैं तो यह आपका मोटापा कम करने में कारगर सिद्ध होगा। सूप की खासियत यह होती है कि यह आपको भूख से तृप्ति दिलाने के साथ-साथ दूसरे भोजन की चाहत कोकम कर देता है। 
(७) टेलिविज़न देखते समय भी यदि आप कमरे में इधर-उधर टहलते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद होगा।
(८)धीरे-धीरे व चबा-चबाकर भोजन करने से आपके भोजन का पाचन अच्छे से होता है तथा आपको बार-बार भूख भी नहीं लगती है।
(९) सामान्य मान्यता के अनुसार लाल मिर्च को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन ब्रिटेन में हुए एक शोध में दावा किया है कि यह शरीर में व्याप्त अवांछित कैलोरी जलाने में मददगार साबित हो सकता है। शोध का नेतृत्व करने वाले पर्डयू यूनीवर्सिटी में खान-पान एवं पोषण के प्रोफेसर रिचर्ड मैट्स का कहना है, "हमने पाया कि लाल मिर्च खाना मोटापा कम करने और भोजन के बाद अधिक कैलोरी जलाने में मददगार हो सकता है।" यह शोध 'फिजियोलॉजी एंड बिहेवियर' पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
इसके अतिरिक्त अन्य शोधों में पाया गया है कि मिर्च में मौजूद कैप्सासिन तत्व, जो मिर्च को गर्मी देता है, भूख कम कर सकता है और कैलोरी को जलाते हुए ऊर्जा की खपत बढ़ा सकता है। ताज़ा शोध में लाल मिर्च के मसाले की मात्रा की भी चर्चा की गई है। इसके अनुसार एक ग्राम या आधा चम्मज लाल मिर्च का पावडर बहुत से लोगों के लिए स्वीकार्य है।शोध में सामान्यत: सूखे लाल मिर्च को शामिल किया गया।


सर्जरी और चिकित्सीय थेरपी द्वारा इलाज़:--
बेहद मोटे लोगों यानी जिन्हें 35-40 किलो वजन घटाना होता है , वे सर्जरी करा सकते हैं। 
(अ) लाइपोसक्शन या लाइपो-आर थेरपी द्वारा इलाज़:--यह थेरपी किसी एक हिस्से से फैट घटाने में मददगार होती है। मसलन अगर पेट पर ज्यादा चर्बी है तो फौरन एक - दो इंच तक पेट कम हो जाता है। महीने भर में कुल तीन इंच तक का फर्क हो सकता है।इसमें किसी तरह का कट या सर्जरी नहीं होती। इसमें १० से १५ हजार रुपए खर्च आता है। इसमें शरीर से फालतू फैट को निकाला जाता है। 
(ब) बैरिएट्रिक सर्जरी : इस सर्जरी को करने के कई तरीके हैं। इनमें जो सबसे पॉप्युलर है , उसमें पेट के साइज कोकम कर दिया जाता है , जिससे कम खाने के बाद ही इंसान की संतुष्टि हो जाती है। यह सर्जरी उन लोगों के लिएहै जो बहुत ज्यादा मोटे हैं और जिन्हें मोटापे की वजह से डायबीटीज और हाई बीपी जैसे समस्याओं ने घेर रखाहै। कुछ समय पहले बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने इसी सर्जरी को कराया था। 
(स) स्टमक बाइपास : पेट में एक पाउच बनाकर सीधे इंटेस्टाइन से जोड़ दिया जाता है। इससे ज्यादा कैलरीएब्जॉर्ब नहीं होती। 
(द) सिलिकॉन बैंड : पेट में सिलिकॉन बैंड फिट कर दिया जाता है। इससे पेट भरा लगता है और भूख कम लगतीहै। 

उम्र और मोटापा का बहुत गहरा सम्बन्ध होता है | ५० साल के आसपास का समय महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस उम्र में अकसर मोटापा आनेलगता है। दरअसल , महिलाओं में इस उम्र में मासिक धर्म बंद होने वाला होता है और उनकी हॉर्मोंस प्रक्रिया मेंबदलाव आने लगता है। इस उम्र में थकावट आदि रहने से महिलाएं आरामपरस्त हो जाती हैं और उनके शरीर का वजन धीरे धीरे बढ़ने लगता है। दूसरी तरफ पुरुषों को इस उम्र में दमा , खांसी , गठिया , जोड़ों का दर्द आदि हो जाते है , जिससे उनकी जिंदगी घर के दायरे में ही सिमटकर रह जाती है। यह स्थिति उनके मोटापे का कारण बन जाती है। ऐसे लोगों को चाहें वह महिलाएं हों या पुरुष घर के अंदर ही थोड़ी बहुत एक्सरसाइज , योगासन , प्राणायाम करते रहना चाहिए ,जिससे वजन पर कंट्रोल रखा जा सके। 
कैलरी की जरूरत का विवरण:--
उम्र
रोजाना जरूरी कैलरी
एक साल तक
100 कैलरी प्रति किग्रा शरीर के वजन के मुताबिक
1-3 साल
1200
4-6 साल
1500
7-9 साल
1800
10-12 साल
2100
13-15 साल (लड़के)
2500
13-15 साल (लड़की)
2200
16-18 साल (लड़के)
3000
16-18 साल (लड़की)
2200
पुरुष (हल्की मेहनत करने वाले)
2200
पुरुष (भारी मेहनत करने वाले)
3400
महिलाएं (हल्की मेहनत करने वाली)
1900
महिलाएं (भारी मेहनत करने वाली)
2800



















आपको अपने भोज्य पदार्थों में यह ध्यान रखना होगा कि किसके बजाय क्या खाएं :--
(१)-वाइट ब्रेड सैंडविच के बदले / होल वीट या ब्राउन ब्रेड
(२)-भरवां परांठा के बदले / भरवां रोटी
(३)-पुलाव / बिरयानी / वाइट राइस के बदले...... ब्राउन राइस ( मांड निकला)
(४)-समोसे / पकौड़े के बदले इडली / उपमा / पोहा
(५)-मिठाई के बदले गुड़ / सूखे मेवे
(६)-कोल्ड ड्रिंक के बदले नारियल पानी / नीबू - पानी
(७)-दूध वाली चाय के बदले हर्बल टी / लेमन टी
(८)-फुल क्रीम दूध के बदले डबल टोंड दूध
(९)-जूस के बदले संतरा / मौसमी
(१०)-मीठी लस्सी के बदले छाछ
(११)-पनीर के बदले टोंड मिल्क से बना पनीर / टोफू
(१२)-अंडा ( फुल ) के बदले अंडे का सफेद हिस्सा

हम अपने दैनिक जीवन में कुछ ऐसी गलतियां करते रहते हैं, जो  वजन बढ़ाती हैं |
(१)- कम या खूब खाने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण:- कुछ लोगों को लगता है कि बार - बार खाने से बेहतर है , दिन में सिर्फ तीन बार खाना। ऐसे में ज्यादा भूख लगती है और लोग ज्यादा कैलरी ले जाते हैं। मसलन अगर ब्रेकफास्ट सुबह ९ बजे और लंच दोपहर २ बजे लेंगे तो भूख ज्यादा लगेगी और लंच में ज्यादा खाना खाएंगे। बीच में ११ या ११:३० बजे अगर फल या ड्राइफ्रूटस या कोई और कम कैलोरी की स्वास्थ्यवर्धक चीज खा लेंगे तो लंच में खाना कम खाएंगे । रात्रि-भोज में भोजन का आधिक्य  भी वजन बढ़ने की अहम वजहों में से है। रात में हल्का खाना खाएं।
(२)- दावत में खाने पर संयम:- कई लोग हफ्ते में पांच - छह दिन डाइटिंग करते हैं , मसलन लिकविड डाइट पर रहते हैं , फल सब्जी खाते हैं पर सप्ताहांत पर जमकर खाते हैं। उन्हें लगता है कि एक दिन खुलकर खाने से क्या फर्क पड़ता है। यह सही नहीं है। इससे पूरे हफ्ते का संयम बेकार जाता है और एक ही दिन में हफ्ते भर में की कैलरी शरीर में लौट आती हैं।
(३)- मीठा और मिठाई से बचाव:- ज्यादातर लोगों के घर में खाने के बाद मीठे का चलन है। यह कॉम्बिनेशन और कैलरी , दोनों लिहाज से गलत है। गलत कॉम्बिनेशन इसलिए कि भारी कारबोहाइड्रेट या फैट के बाद शुगर नहीं खाना चाहिए। साथ ही मिठाई में मौजूद कैलरी सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। खाने के बाद मीठे का मन है तो गुड़ ले लें , लेकिन कम। गुड़ में मौजूद आयरन सेहत के लिए अच्छा है। सौंफ और किशमिश ले सकते हैं। सौंफ खाना पचाने में मदद करती है और किशमिश सीधे ग्लूकोज में नहीं बदलती।
(४)- शुगर-फ्री या डाइट के प्रयोग से बचाव:- आजकल शुगर-फ्री या डाइट आइटम फैशन में हैं। कई लोग नेचरल शुगर न लेकर 
शुगर-फ्री  लेते हैं। इससे वे चीनी के जरिए मिलनेवाली कैलरी से तो दूर रहते हैं पर लंबे वक्त तक  शुगर-फ्री  लेना अच्छा नहीं है।  शुगर-फ्री  आइटम्स में आर्टिफिशल चीजें होती हैं , जिन्हें लंबे समय तक नहीं खाना चाहिए।
(५)- बीच-बीचमें छुटपुट खाने (बिंज ईटिंग) की आदत :- एक टॉफी या चॉकलेट से क्या होता है , यह बात अक्सर लोग बोलते हैं , लेकिन यही छोटी चीजें मोटापे की वजह बनती हैं। हाई कैलरी स्नैकिग ( पकौड़े , समोसे , नमकीन , बिस्कुट आदि ) और बिंज ईटिंग (बीच-बीचमें छुटपुट खाना) की आदत वजन बढ़ने की बड़ी वजहों मे से हैं। जो लोग चॉकलेट के शौकीन हैं , वे डार्कचॉकलेट की बजाय वेफर वाली चॉकलेट खाएं। स्नैक्स में मुरमुरे , रोस्टेड ( भुने हुए ) स्नैक्स या नॉर्मल पॉपकॉर्न ले सकते हैं।

आपके वजन घटाने के लिए कुछ ज़रूरी ध्यान रखने योग्य बातें निम्नलिखित प्रकार से हैं |
(१)वजन घटाने के लिए सही वक्त पर सही खाना बेहद जरूरी है।
(२)तीनों वक्त खाना खाएं
(३)अगर वजन घटाना चाहते हैं तो सबसे पहले जरूरी है कि कोई भी खाना छोड़ें नहीं। तीन प्रॉपर मील और बीच में दो स्नैक्स जरूर लें। कोई खाना छोड़ेंगे तो अगली बार ज्यादा खाएंगे , जो सही नहीं है।
(४)शुगर , जंकफूड , फास्ट फूड , मिठाइयां खाने की लिस्ट से निकाल दें। कैंडी , जेली , शहद , मिठाई और सॉफ्टड्रिंक्स से दूर रहें। इसी तरह बिस्कुट, केक, पेस्ट्री में काफी फैट और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होता है , जो मोटापा बढ़ाता है। चीनी ज्यादा नहीं खानी चाहिए। ५ ग्राम (१ चम्मच ) चीनी में २० कैलरी होती हैं।
(५)खाने में ऊपर से नमक न मिलाएं। नमक शरीर में पानी को रोकता है , इसलिए ज्यादा नमक से बचना चाहिए।दिन भर में पांच ग्राम ( करीब एक चम्मच ) नमक काफी होता है। इसमें सब्जी आदि में डाला गया नमक भी शामिल है। दो चम्मच नमक से ज्यादा बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। कोशिश करें कि रात मे १० बजे के बाद नमक न लें। सलाद , रायता , ड्राई - फ्रूट्स , नीबू - पानी आदि में नमक से परहेज करे और टेबल सॉल्ट से दूर रहें। हेल्दी खाने का मतलब फीके खाने से नहीं है।
(६)परंपरागत मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं , बल्कि उनमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स , एंटी - ऑक्सिडेंट और फाइबर भीहोते हैं। बस इन्हें भूनने के लिए ज्यादा तेल का इस्तेमाल न किया जाए।
(७)बिना छना आटा खाएं। गेहूं के साथ चने का आटा मिलाने से पाचन अच्छा होता है। गेहूं या जौ का आटा ( बिनाछना ), ब्राउन ब्रेड , दलिया , कॉर्न या वीट फ्लैक्स , ब्राउन राइस व छिलके वाली दालें आदि खाएं। अंकुरित अनाज व दालें विटामिन , मिनरल , प्रोटीन से भरपूर होती हैं।
(८)दो घंटे के बीच में कुछ न खाएं। छुटपुट खाना ही सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन है। बीच - बीच में बिस्कुट ,नमकीन , ड्राई - फ्रूट्स , कोल्ड ड्रिंक , चाय - कॉफी पीते रहना काफी कैलरी जमा कर देता है।
(९)मौसमी फल खाएं। जूस के बजाय साबुत फल बेहतर है। सेब , बेरी लें। सेब में पेक्टिन केमिकल होता है। सेब केसाथ - साथ ज्यादातर सभी फलों के छिलकों में पेक्टिन पाया जाता है। यह फैट को अब्जॉर्ब करता है।
(१०)सोयाबीन में मौजूद लेसिथिन केमिकल सेल्स पर फैट जमा होने से रोकता है। हफ्ते में कम- से -कम तीन बारसोयाबीन खाने से शरीर में फैट से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। सोयाबीन को अंकुरित करके रोज सुबह लिया जासकता है। इसके अलावा लहसुन का रस शरीर में मौजूद फैट्स को कम करने में मददगार है। लहसुन कच्चा खाएं और चबाकर खाएं तो बेहतर है। साथ ही मुट्ठी भर नट्स रोज खाने चाहिए। इनमें बादाम , किशमिश , अखरोट और पिस्ता ले सकते हैं। लेकिन ये फ्राइड न हों और इनमें नमक भी नहीं होना चाहिए।
(११)यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो ज्य़ादातर सफेद चीजें ( आलू , मैदा , चीनी , चावल आदि ) कम करें और मल्टिग्रेन या मल्टिकलर खाने ( दालें , गेहूं , चना , जौ , गाजर , पालक , सेब , पपीता आदि ) पर जोर दें।
(१२)आप सदैव बिना फैट वाला दूध या दही खाएं। दूध में फैट कम करने के लिए उसमें पानी मिलाने से बेहतर है कि मलाई उतार लें। पानी मिलाने से दूध में पोषक तत्व कम होते हैं। सोया से बना पनीर , दूध और दही खा सकते हैं। जिन्हेंदूध या सोया प्रॉडक्ट से एलर्जी है , वे राजमा , नीबू , टमाटर , मेथी , पालक , बादाम , काजू जैसी चीजें खाकरकैल्शियम की कमी पूरी कर सकते हैं।
(१३)आप दिन में 2-3 लीटर पानी व तरल पदार्थ अवश्य लें। पानी न सिर्फ फैट कम करता है , बल्कि शरीर से जहरीले तत्वों को भी निकालता है। यह भूख कम करता है और कब्ज रोकता है। खाने के १५ मिनट बाद घूंट - घूंट कर गर्म पानी पीना चाहिए। आप जब भी पानी पिएं , ठंडे या सादे की बजाय गुनगुने पानी को तरजीह दें।

आपके दिन की शुरुआत निम्नलिखित प्रकार से होना चाहिए |
(१)दिन की शुरुआत कॉफी या चाय से न करें। नीबू पानी , नारियल पानी , जूस लिया जा सकता है।
(२)दिन भर के खाने में सबसे ज्यादा फोकस ब्रेकफास्ट पर होना चाहिए। अक्सर लोग वजन कम करने की धुन में ब्रेकफास्ट नहीं लेते लेकिन रिसर्च कहती हैं कि अगर नियमित रूप से ब्रेकफास्ट लिया जाए तो लंबी अवधि में वजन कम होता है। नाश्ते में हमेशा एक जैसी चीजें न खाएं , बल्कि बदलते रहें।

आपके दिन का अंत निम्नलिखित प्रकार से होना चाहिए :--
आपके दिन का खाना पूरा होना चाहिए , जबकि डिनर सबसे हल्का होना चाहिए। डिनर रात में 8 बजे तक कर लेना चाहिए। ऐसा संभव नहीं है तो भी सोने से दो घंटे पहले खाना जरूर खा लें। राजमा , चावल जैसी चीजें रात में नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये आसानी से पचती नहीं हैं। अगर देर रात तक जागते हैं और भूख लगती है तो फ्रूट्स या सलाद खाने चाहिए।

आपके सबसे जरूरी है किसी अच्छे विशेषज्ञ से सलाह करके योजना बनाना और उस पर लगातार अमल करना। आमतौर पर लोग वजन घटाने के लिए डाइटिंग को ही एक तरीका मानते हैं और भूखे रहने लगते हैं , जो सही नहीं है। डाइटिंग कामतलब भूखे रहना नहीं है , बल्कि सही वक्त पर उचित मात्रा में कम कैलरी और लो फैट वाली फाइबर युक्त चीजें खाना है। वास्तव में जब हम कम खाते हैं तो बॉडी का मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है और मिनरल व विटामिन की कमी होजाती है। इसलिए जरूरी है कि आप भरपूर , लेकिन सही खाना खाएं।

हमें वजन घटाने के लिए निम्नलिखित तीन आवश्यक पक्षों पर ध्यान देना ज़रूरी है:--
(१.) कैलरी कम लें। शरीर को कम कैलरी मिलेगी तो वह पहले से जमा कैलरी का इस्तेमाल करेगा।
(२.) ज्यादा कैलरी बर्न करें। एक्सरसाइज और शारीरिक मेहनत करने पर शरीर में जमा फालतू कैलरी बर्न होगी।
(३.) स्ट्रेस कम करें। इससे आपको भूख ज्यादा लगती है और आप इमोशनल ईटिंग करते हैं।

यदि आपने अपना ४ किलो वजन कम करने का लक्ष्य रखा है तो सबसे पहले खाने में से १००० कैलरी की कटौती करें। फिर कैलरी खर्च करें।
दूसरी जरूरी चीज है , आधे घंटे तेज सैर से ८० कैलरी तक बर्न हो जाती हैं। बाकी के लिए एरोबिक्स ,जॉगिंग , स्विमिंग या दूसरी व्यायाम की जा सकती हैं।
तीसरी जरूरी चीज है , लाइफस्टाइल में बदलाव। लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें , नौकर से पानी मांगने के बजाय खुद उठकर जाएं , आसपास रिक्शे या दूसरे वाहन के बजाय पैदल जाएं।
इन छोटी - छोटी चीजों से काफी कैलरी काफी खर्च होती हैं। एक महीने में ३-४ किलो वजन घटाना सही रहता है।

उपर्युक्त सुझावों के अलावा वजन घटाने के कुछ और भी तरीके हैं । इनमें से कुछ घर में अपनाए जा सकते हैं तो कुछ के लिए विशेषज्ञ या आधुनिक व्यायामशाला (जिम) का सहारा लेना होगा ।
'जय हिन्द,जय हिन्दी'