(सितम्बर माह की १६ से ३० सितम्बर तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व) |
'१६ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'
१६ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २५९वॉ (लीप वर्ष मे २६०वॉ) दिन है। साल मे अभी और १०६ दिन बाकी है।
१६ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १८१०- निगवेल हिदाल्गो ने स्पेन से मैक्सिको
(२)सन् १८८२- इटली के प्रख्यात सैनिक नेता जोज़फ़ गेरी बॉल्डी का ७५ वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनका जन्म सन् १८०७ ईसवी में हुआ था युवावस्था में वे विभिन्न काम करने के पश्चात सेना में भर्ती हो गये। सेना में उन्होंने बड़ी तेज़ी से प्रगति की अंतत: इटली के स्वतंत्रता प्रेमियों के कमांडर बन गये। इस पद पर रहते हुए गेरीबॉल्डी ने अखंड इटली के गठन में बहुत अधिक प्रयास किया इसी कारण उन्हें राष्ट्रीय नायक के रुप में पहचाना गया।
(३)सन् १९३१- इटली के साम्राज्यवाद के विरुद्ध लीबिया राष्ट्र के संघर्ष के नेता अमर मुख्तार को फांसी दे दी गयी। उनका जन्म सन् १८५९ ईसवी में हुआ। और वे एक धर्मगुरु थे, सन् १८९५ ईसवी में वे सूडान चले गये उन्होंने ब्रिटिश साम्रात्यवाद के विरुद्ध मेहदी सूडानी के आंदोलन में भाग लिया परंतु इस आंदोलन की विफलता के पश्चात वे पुन: लीबिया लौट गये, सन् १९११ में इटली ने उस्मानी शासन से युद्ध करके लीबिया को अपने नियंत्रण में ले लिया उमर मुख्तार ने लीबियाई कबीलों के योद्धाओं की सहायता से इटली के अतिग्रहणकारियों के विरुद्ध सशस्त्र आंदोलन आरंभ किया और उन्हें भारी क्षति पहुँचाई परंतु इटली के सैनिकों ने अंतत: उन्हें गिरफ़तार कर लिया और आज ही के दिन उन्हें फांसी दे दी।
(४)सन् १९३९- पोलैंड की राजधानी वर्शो को जर्मनी के सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के पहले महीनें में अपने घेरे में ले लिया। नाजी जर्मनी के सैनिकों ने इससे १५ दिन पूर्व पोलैंड पर आक्रमण किया जर्मनी और सोवियत संघ की सेनाओं द्वारा दो ओर से घेरे जाने के बावजूद पोलैंड की सेना ने वर्शों की सुरक्षा के लिए कड़ा प्रतिरोध किया किंतु ११ दिनों के संघर्ष और बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के बाद वर्शों पर जर्मनी का नियंत्रण हो गया इस आक्रमण से पूर्व ही जर्मनी और सोवियत संघ के बीच हस्ताक्षरित होने वाले एक गुप्त समझौते के आधार पर पोलैंड को इन दौनो देशों ने आपस में बॉट लिया था।
(५)सन् १९५५- युवान पेरॉन अर्जेंटिना से विदा।
(६)सन् १९६३- मलया सिंगापुर ब्रिटिश नार्दन वौनियो से मलेशिया का गठन।
(७)सन् १९७५- पापुआ न्यु गिनि ने आस्ट्रेलिया से स्वतंत्रता हासिल की।
१६ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९१६- एम.एस.सुब्बालक्ष् मी, प्रसिद्ध भारतीय गायिका और अभिनेत्री
(२)सन् १९३१- आर. रामचंद्र राव, क्रिकेट अंपायर।
(२)सन् १९२३- बर्कले में भड़की आग ने कैलिफोर्निया में भीषण तबाही मचायी। इसमें कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के परिसर के उत्तर पड़ोस में सघन रूप से बनाए गए ५८४ घरों सहित कोई ६४० भवन आग की चपेट में आ गए।
(३)सन् १९४८-जर्मनी के लेखक एमिल लॉडविग का निधन हुआ। वे सन् १८८१ में पैदा हुए थे। वे जर्मनी के राष्ट्रपति बिसमार्क की जीवनी लिखकर १९वीं शताब्दी में प्रसिद्धि प्राप्त की।
(६)सन् १९६३- मलया सिंगापुर ब्रिटिश नार्दन वौनियो से मलेशिया का गठन।
(७)सन् १९७५- पापुआ न्यु गिनि ने आस्ट्रेलिया से स्वतंत्रता हासिल की।
१६ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९१६- एम.एस.सुब्बालक्ष्
(२)सन् १९३१- आर. रामचंद्र राव, क्रिकेट अंपायर।
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'१७ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'१७ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६०वॉ (लीप वर्ष मे २६१वॉ) दिन है। साल मे अभी और १०५ दिन बाकी है।१७ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १९२२- डच साइकिल चालक पीट मोस्कप्स विश्व चैंपियन बना।(२)सन् १९२३- बर्कले में भड़की आग ने कैलिफोर्निया में भीषण तबाही मचायी। इसमें कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के परिसर के उत्तर पड़ोस में सघन रूप से बनाए गए ५८४ घरों सहित कोई ६४० भवन आग की चपेट में आ गए।
(३)सन् १९४८-जर्मनी के लेखक एमिल लॉडविग का निधन हुआ। वे सन् १८८१ में पैदा हुए थे। वे जर्मनी के राष्ट्रपति बिसमार्क की जीवनी लिखकर १९वीं शताब्दी में प्रसिद्धि प्राप्त की।
(४)सन् १९४८-फिलिस्तीन के मामलों तथा अरबों और जायोनी शासन के बीच होने वाले प्रथम युद्ध में संयुक्त राष्ट्र संघ के मध्यस्थ केंट बेरनाडोट की बैतुल मुक़ददस के यहुदी बाहुल्य वाले क्षेत्र में हत्या कर दी गयी। उन्हें फ़िलिस्तीन समस्या तथा अरबों इज़्राईल के बीच होने वाले युद्ध की समाप्ति के लिए समाधान खोजने का उत्तरदायित्व सौंपा गया था।
(५)सन् १९८२-लेबनान के सबरा व शतीला नामक शिविरों में रहने वाले असैनिक फिलिस्तीनियों का ज़ायोनी शासन समर्थित फलान्जिस्टों ने निर्मन जनसंहार किया।
(५)सन् १९८२-लेबनान के सबरा व शतीला नामक शिविरों में रहने वाले असैनिक फिलिस्तीनियों का ज़ायोनी शासन समर्थित फलान्जिस्टों ने निर्मन जनसंहार किया।
१७ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९२२-वंस बॉर्जैली, अमेरिकी लेखक, उपन्यासकार, नाटककार, पत्रकार, और निबंधकार
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'१८ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'१८ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६१वॉ (लीप वर्ष मे २६२वॉ) दिन है। साल मे अभी और १०४ दिन बाकी है।१८ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १५०२ - क्रिस्टोफर कोलंबस कोस्टारिका (२)सन् १८०९- लंदन में रॉयल औवेरा हाउस खुला।
(३)सन् १८५१- द न्युयार्क डेली टाइम्स अख़बार का पहला संस्करण निकला था।
(४)सन् १८१८- चिली को स्पेन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। सन् १५३६ में स्पेन ने चिली पर क़ब्ज़ा कर लिया था। सन् १८१४ में चिली में स्वतंत्रता संग्राम आरंभ हुआ।
(५)सन् १९१९- हॉलैंड में महिला ओं को मतदान का अधिकार मिला।
(६)सन् १९२२- हंगरी का राष्ट् रसंघ में प्रवेश।
(७)सन् १९२३- न्यूयार्क में समाचारपत्र प्रकाशकों की हड़ताल हुई जो २३ सितंबर तक चली।
(८)सन् १९३१- जापान की सेना ने उत्तरपूर्वी चीन में स्थित मन्चूरी के क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया। यह क़ब्ज़ा चीन और जापान के बीच दूसरे युद्ध का कारण बना। जापानियों ने मन्चूरी पर नियंत्रण के पश्चात वहॉ मेन्टको की पिटठू सरकार स्थापित कर दी।
(६)सन् १९२२- हंगरी का राष्ट्
(७)सन् १९२३- न्यूयार्क में समाचारपत्र प्रकाशकों की हड़ताल हुई जो २३ सितंबर तक चली।
(८)सन् १९३१- जापान की सेना ने उत्तरपूर्वी चीन में स्थित मन्चूरी के क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया। यह क़ब्ज़ा चीन और जापान के बीच दूसरे युद्ध का कारण बना। जापानियों ने मन्चूरी पर नियंत्रण के पश्चात वहॉ मेन्टको की पिटठू सरकार स्थापित कर दी।
(९)सन् १९४७- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम द्वारा अमेरिका में केन्द्रिय गुप्तचर संस्था का गठन हुआ।
(१०)सन् १९६१- स्वीडन के प्रख्यात नेता व संयुक्त राष्ट्र संघ के दूसरे महासचिव डेग हेमरशोल्ड का कांगो की झड़पों को समाप्त कराने के प्रायास में एक वायु दुर्घटना में निधन हुआ।
(१०)सन् १९६१- स्वीडन के प्रख्यात नेता व संयुक्त राष्ट्र संघ के दूसरे महासचिव डेग हेमरशोल्ड का कांगो की झड़पों को समाप्त कराने के प्रायास में एक वायु दुर्घटना में निधन हुआ।
(११)सन् १९६७- नागालैंड ने कामकाज के लिए अंगरेजी भाषा को मान्यता दी।
(१२)सन् १९८६- मुम्बइ से पहली बार महिला चालकों ने जेट विमान उड़ाया।
१८ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १७०९ ईसवी को ब्रिटेन के प्रख्यात लेखक कवि और साहित्यकार सेमोइल जॉन्सन का लिचफील्ड नगर में जन्म हुआ।(सन् १७८४ में उनका निधन हुआ)
(१२)सन् १९८६- मुम्बइ से पहली बार महिला चालकों ने जेट विमान उड़ाया।
१८ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १७०९ ईसवी को ब्रिटेन के प्रख्यात लेखक कवि और साहित्यकार सेमोइल जॉन्सन का लिचफील्ड नगर में जन्म हुआ।(सन् १७८४ में उनका निधन हुआ)
(२)सन् १९२७- डॉ.तपेश चतुर्वेदी, कवि-लेखक-शिक्षाविद-भाषाविद और साहित्यकार का मँझोली रियासत में जन्म हुआ ।(१८ नवम्बर, सन् २००६ को निधन हुआ)
(३)सन् १९५०- शबाना आज़मी, हिंदी फिल्म की प्रसिद्ध अभिनेत्री
(४)सन् १९७६- रोनाल्डो, ब्राजी ल का महान फुटबॉल खिलाड़ी
(४)सन् १९७६- रोनाल्डो, ब्राजी
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'१९ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'१९ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६२वॉ (लीप वर्ष मे २६३वॉ) दिन है। साल मे अभी और १०३ दिन बाकी है।१९ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १९५६- 20वीं शताब्दी के अविष्कारक रिचर्ड लेज़ी बीर्ड का निधन हुआ। उनका जन्म सन् १८८९ में रकॉटलैंड में हुआ था। जेली बीर्ड ने सन् १९२६ में टलीवीजन का अविष्कार किया।(२)सन् १९९१- कुवैत ने एक सामरिक समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता इराक़ द्वारा कुवैत पर अतिग्रहण की समाप्ति के छ महीने पश्चात हुआ। कुवैत के अधिकारियों के अनुसार यह समझौता कुवैत पर इराक़ के पुन: सैनिक आक्रमण को रोकने के उददेश्य से किया गया था।
(३)सन् १८९३- संसार में पहली बार महिलाओं को मत देने का अधिकार प्राप्त हुआ। ये निर्णय न्यूजीलैंड में लिया गया।
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'२० सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२० सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६३वॉ (लीप वर्ष मे २६४वॉ) दिन है। साल मे अभी और १०२ दिन बाकी है।२० सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १८३१- भाप से चलने वाली पहली बस बनाई गयी। 30 लोगों की क्षमता तथा अत्यंत धीमी गति से चलने वाली इस बस के विष्कारक गोर्दन ब्रान्ज़ थे। जिनका संबंध ब्रिटेन से था।(२)सन् १८६७- ऑस्ट्रिया में हंग्री के विलय के पश्चात फ्रासवा जोज़फ औपचरिक रुप से ऑस्ट्रिया हंगरी के सम्राट बने। कई बार ऑस्ट्रिया व उस्मानी शासनी के नियंत्रण के में आने वाले देश हंगरी को अंतत: सन् १९१८ में प्रथम विश्व युद्ध में ऑस्ट्रिया की पराजय के पश्चात स्वतंत्रता मिली और इस देश में लोकतंत्र स्थापित हुआ।
(३)सन् १८७८- अंग्रेजी दैनिक द हिंदू के साप्ताहिक अंक का प्रकाशन शुरु।
(४)सन् १९४६- पहला कांत फिल्म समारोह आयोजित।
(५)सन् १९७९- केंद्रीय अफ़्रीक़ा के अत्याचारी शासक जॉन बदल बोकसा का निधन हुआ। उन्होंने सन् १९६५ में विद्रोह द्वारा राष्ट्रपति डेविड दाको की सरकार का तख्या पलट दिया था और स्वयं को केंद्रीय अफ़्रीक़ा का आजीवन राष्ट्रपति घोषित किया। अंतत: सन् १९७९ में जनता के भारी विरोध के कारण उन्हे सत्ता से हटना पड़ा और डेविड दोबारा राष्ट्रपति बने।
२० सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १८९७- नाना साहब परुलेकर, मराठी पत्रकार।
(२)सन् १९३५- इतालवी अभिनेत्री सोफिया लोरेन , प्रसिद्ध अभिनेत्री
(१)सन् १८६६- ब्रिटेन के प्रख्यात लेखक व इतिहासकार हर्बर्ट जॉर्ज वेल्ज़ का जन्म हुआ। उन्होंने लंदन विश्व विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और फिर अध्ययन से जुड़ गये। एच जी वेल्ज़ ने कुछ समय तक पत्रकारिता भी की। परंतु जिस चीज ने उन्हें विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई वो उनकी वैज्ञानिक व काल्पनिक कहानियां हैं। (वेल्ज़ का निधन सन् १९४६ में हुआ।)(४)सन् १९४६- पहला कांत फिल्म समारोह आयोजित।
(५)सन् १९७९- केंद्रीय अफ़्रीक़ा के अत्याचारी शासक जॉन बदल बोकसा का निधन हुआ। उन्होंने सन् १९६५ में विद्रोह द्वारा राष्ट्रपति डेविड दाको की सरकार का तख्या पलट दिया था और स्वयं को केंद्रीय अफ़्रीक़ा का आजीवन राष्ट्रपति घोषित किया। अंतत: सन् १९७९ में जनता के भारी विरोध के कारण उन्हे सत्ता से हटना पड़ा और डेविड दोबारा राष्ट्रपति बने।
२० सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १८९७- नाना साहब परुलेकर, मराठी पत्रकार।
(२)सन् १९३५- इतालवी अभिनेत्री सोफिया लोरेन , प्रसिद्ध अभिनेत्री
(३)सन् १९४९- महेश भट्ट, अर्थ, सारांश, नाम जैसी हिंदी कला फिल्में देने वाले निर्माता निर्देशक।
२० सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१)सन् १८१०- उर्दू भाषा के प्रख्यात कवि मीर का तक़ी मीर निधन हुआ। (जन्म सन् १७२२ में आगरा में हुआ था)
२० सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१)सन् १८१०- उर्दू भाषा के प्रख्यात कवि मीर का तक़ी मीर निधन हुआ। (जन्म सन् १७२२ में आगरा में हुआ था)
(२)सन् १९३३- एनी बेसेंट, भारत में होमरुल लीग की संस्थापिका।
(३)सन् १९९६- दया पवार, प्रसिद्ध साहित्यकार(४)सन् १९९९- राजकुमारी, तमिल सिनेमा की स्वप्न सुंदरी नाम से विख्यात अभिनेत्री। उनकी फिल्म हरिदास ११४ सप्ताह तक चेन्नई के सिनेमाघर में चलती रही थी।
(३)सन् १९९६- दया पवार, प्रसिद्ध साहित्यकार(४)सन् १९९९- राजकुमारी, तमिल सिनेमा की स्वप्न सुंदरी नाम से विख्यात अभिनेत्री। उनकी फिल्म हरिदास ११४ सप्ताह तक चेन्नई के सिनेमाघर में चलती रही थी।
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'२१ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२१ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६४वॉ (लीप वर्ष मे २६५वॉ) दिन है। साल मे अभी और १०१ दिन बाकी है।२१ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२)सन् १९०९- घाना के प्रख्यात राजनीतिज्ञ क़ेवाम नकरुमा का जन्म हुआ। उन्होंने अपना अचपन व जवानी बड़ी कठिन परिस्थितियों में बिताया किंतु आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी। और समाजशास्त्र में पी एच डी की डग्री प्राप्त की। उन्होंने ब्रिटेन की विरुद्ध घाना के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रुप से भाग लिया। सन् १९५१ में घाना में होने वाले पहले चुनावों के बाद वे प्रधान मंत्री बने (देहांत सन् १९७२ में हुआ।)
(३)सन् १९६४- माल्टा को स्वतंत्रता मिली। यह देश सन् १७९८ ईसवी में फ़्रांसीसी साम्राज्य के नियंत्रण में चला गया था। और कुछ समय बाद ब्रिटेन ने इस द्वीप पर अधिकार कर लिया। सन् १९२१ में ब्रिटेन ने इस देश को स्वायत्तता दी किंतु इस देश की जनता पूर्ण स्वतंत्रता चाहती थी।
(४)सन् १८३२- ब्रिटेन के इतिहासकार और कवि वाल्टर स्काट का निधन हुआ। वे सन् १७७१ में जन्में थे क़ानुन के विषय की शिक्षा लेने के बाद वे १४ वर्ष तक वकालत करते रहे। किंतु उन्हें साहित्य से अधिक लगाव था और वे आयु के अंतिम दिनों तक लिखते रहे।
(५)सन् १९८०- करीना कपूर, बॉलीवुड फिल्मों में काम करने वाली एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं, कपूर फ़िल्म परिवार में जन्मी करीना ने अभिनय की शुरुआत साल २००० में रिलीज़ हुई फ़िल्म रिफ्यूजी (Refugee) के साथ की |
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'२२ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२२ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६५वॉ (लीप वर्ष मे २६६वॉ) दिन है। साल मे अभी और १०० दिन बाकी है।२२ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)गुरु नानकदेव ने २२ सितम्बर,सन् १५३९ को ६९ वर्ष की आयु में अपनी भौतिक देह का त्याग किया। (जन्म सन् १४६९ को १५ अप्रैल को पंजाब के तलवंड़ी नामक एक गांव में हुआ)(२ )सन् १८२८- वर्तमान दक्षिणी अफ़्रीक़ा में ज़ोलो शासन श्रृंखला के संस्थापक शाका को उनके दो सौतेले भाइयों ने मार डाला। और उनमें से एक शासक बन गया। शाका के काल में ज़ोलो क़बीला किसी भी इन्य काल से बधिक शक्तिशाली था। अंतत: सन् १८८० ईसवी में ज़ोलो शासन काल का अंत हुआ।
(३)सन् १८६०- ब्रिटेन व फ़्रांस और चीन की सेनाओ के मध्य पेइचिंग युद्ध आरंभ हुआ। इस युद्ध में हथियारों के अभाव का शिकार चीनी सेना को पराजय हुई और ब्रिटेन व फ़्रांस ने पेइचिंग को लूट लिया।
(४)सन् १८६२- अमरीकी राष्ट्रपति, अब्राहाम लिंकन ने घोषणा की कि पहली जनवरी सन् १८६३ से अवज्ञाकारी राज्य के सभी दास स्वतंत्र हो जाएंगे।
इसी देश के पवित्र नगर मक्का में पैग़म्बरे इस्लाम का जन्म हुआ था।
(२)सन् १८६०- जर्मनी के प्रसिद्ध दार्शनिक आर्थर शोपनहावर का निधन हुआ। वे सन् १७८८ ईसवी में पैदा हुए थे। वे गोएटे और हेगल जैसे दर्शनशास्त्रियों के काल के दार्शनिक थे दार्शनिकों में वे अफ़लातून और कैंन्ट से विशोष रुप से प्रभावित थे। विश्व संकल्प और प्रदर्शन उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में हैं।
(३)सन् १९९१- अरमीनिया ने पूर्व सोवियत संघ से अपनी स्वाधीनता की धोषणा की ।
(३)सन् १८६०- ब्रिटेन व फ़्रांस और चीन की सेनाओ के मध्य पेइचिंग युद्ध आरंभ हुआ। इस युद्ध में हथियारों के अभाव का शिकार चीनी सेना को पराजय हुई और ब्रिटेन व फ़्रांस ने पेइचिंग को लूट लिया।
(४)सन् १८६२- अमरीकी राष्ट्रपति, अब्राहाम लिंकन ने घोषणा की कि पहली जनवरी सन् १८६३ से अवज्ञाकारी राज्य के सभी दास स्वतंत्र हो जाएंगे।
(५)सन् १९२२- फिलिस्तीन के जनादेश को राष्ट्रसंघ परिषद द्वारा मंजूरी दे दी गई।
(६)सन् १९६०- उत्तर पश्चिमी अफ़्रीक़ा महाद्वीप के माली देश को स्वाधीनता मिली। माली में लगभग दो हज़ार वर्ष पूर्व एक बड़ी सभ्यता का पता चलता है। कितु इस क्षेत्र पर आठवीं शताब्दी से सोलहवीं शताब्दी तक सूडान का अधिकार रहा १९वीं शताब्दी से इस देश पर फ़्रास का वर्चस्व स्थापित हुआ।
(७)सन् १९५५- पूर्वी ब्रिटेन में पहली बार टीवी पर विज्ञापन प्रसारित किया गया। टीवी का सर्वप्रथम विज्ञापन टूथपेस्ट के लिए था।
(८)सन् १९८०- इराक़ द्वारा ईरान पर अचानका आक्रमण के बाद दोनों देशों के बीच आठ वर्षीय युद्ध आरंभ हुआ
(७)सन् १९५५- पूर्वी ब्रिटेन में पहली बार टीवी पर विज्ञापन प्रसारित किया गया। टीवी का सर्वप्रथम विज्ञापन टूथपेस्ट के लिए था।
(८)सन् १९८०- इराक़ द्वारा ईरान पर अचानका आक्रमण के बाद दोनों देशों के बीच आठ वर्षीय युद्ध आरंभ हुआ
२२ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १७९१- प्रसिद्ध वैज्ञानिक माइकेल फैराडे का जन्म इंगलैंड के नेविंगटन नामक गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था।(२५ अगस्त, सन १८६७ को माइकेल फैराडे इस दुनिया से विदा हो गये)
(१)सन् १७९१- प्रसिद्ध वैज्ञानिक माइकेल फैराडे का जन्म इंगलैंड के नेविंगटन नामक गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था।(२५ अगस्त, सन १८६७ को माइकेल फैराडे इस दुनिया से विदा हो गये)
(२)सन् १९२२- चेन निंग यांग, चीनी भौतिकविद, नोबेल पुरस्कार विजेता
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'२३ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२३ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६६वॉ (लीप वर्ष मे २६७वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९९ दिन बाकी है।२३ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १९३२- सउदी अरब देश की स्थापना हुई तथा अब्दुल अज़ीज़ बिन सउद इस देश के नरेश बने। इस देश की आबादी लगभग २१ लाख है तथ क्षेत्रफल २ लाख ४० हज़ार वर्ग किलोमिटर है यह देश दक्षिण पश्चिम एशिया में फ़ार्स खड़ी और लाल सागर के बीच स्थित है।इसी देश के पवित्र नगर मक्का में पैग़म्बरे इस्लाम का जन्म हुआ था।
(२)सन् १८६०- जर्मनी के प्रसिद्ध दार्शनिक आर्थर शोपनहावर का निधन हुआ। वे सन् १७८८ ईसवी में पैदा हुए थे। वे गोएटे और हेगल जैसे दर्शनशास्त्रियों के काल के दार्शनिक थे दार्शनिकों में वे अफ़लातून और कैंन्ट से विशोष रुप से प्रभावित थे। विश्व संकल्प और प्रदर्शन उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में हैं।
(३)सन् १९९१- अरमीनिया ने पूर्व सोवियत संघ से अपनी स्वाधीनता की धोषणा की ।
२३ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९०८- रामधारी सिंह 'दिनकर', हिन्दी जगत सुप्रसिद्ध कवि
(२)सन् १९३५- हिन्दी फिल्मों में खलनायकी को नया आयाम देने वाले प्रेम चोपड़ा का जन्म लाहौर में हुआ |***
'२४ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२४ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६७वॉ (लीप वर्ष मे २६८वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९८ दिन बाकी है।२४ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२)सन् १९२३- मौसम का दूसरा तूफान। हिस्पनियोला के उत्तर में एक बड़ा तूफान आया।
(३)सन् १९३९- जर्मनी के बमवर्षक विमानों ने हॉलैंड की राजधानी वरसा पर आक्रमण आरंभ किया। द्वितीय विश्व युद्ध के आरंभ में होने वाली यह बमबारी तीन दिनों तक जारी रही। इस बमबारी के बाद वारसा की जनता ने ११ दिनों तक कठोर संघर्ष किया किंतु अंतत: उसे जर्मनी की सेना के सामने हथियार डालना पड़ा। हिटलर ने नाज़ी सेना के कमांडरों को आदेश दिया था कि जिस प्रकार से भी संभव हो इस शहर पर क़ब्ज़ा करें।
(४)सन् १९७४- अफ्रीकी देश गीनी बीसाओ ने पुर्तग़ाल से अपनी स्वाधीनता की घोषणा की, सन् १४४६ ईसवी में पुर्तग़ाल के युवराज प्रिंस हेनरी और उनके साथियों ने इस देश की खोज की जिसके बाद यह देश पुर्तग़ाल का उपनिवेश बन गया। यह देश उत्तर पश्चिमी अफ़्रीक़ा महाद्वीप में अटलॉटिक महासागर के तट पर स्थित है।
(३)सन् १९३९- जर्मनी के बमवर्षक विमानों ने हॉलैंड की राजधानी वरसा पर आक्रमण आरंभ किया। द्वितीय विश्व युद्ध के आरंभ में होने वाली यह बमबारी तीन दिनों तक जारी रही। इस बमबारी के बाद वारसा की जनता ने ११ दिनों तक कठोर संघर्ष किया किंतु अंतत: उसे जर्मनी की सेना के सामने हथियार डालना पड़ा। हिटलर ने नाज़ी सेना के कमांडरों को आदेश दिया था कि जिस प्रकार से भी संभव हो इस शहर पर क़ब्ज़ा करें।
(४)सन् १९७४- अफ्रीकी देश गीनी बीसाओ ने पुर्तग़ाल से अपनी स्वाधीनता की घोषणा की, सन् १४४६ ईसवी में पुर्तग़ाल के युवराज प्रिंस हेनरी और उनके साथियों ने इस देश की खोज की जिसके बाद यह देश पुर्तग़ाल का उपनिवेश बन गया। यह देश उत्तर पश्चिमी अफ़्रीक़ा महाद्वीप में अटलॉटिक महासागर के तट पर स्थित है।
(५)सन् २००८- कपिल देव, भारतीय क्रिकेटर को थलसेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने एक समारोह में प्रादेशिक सेना में लेफ़्टिनेंट कर्नल की मानद पदवी प्रदान की |
(६)सन् २०१०- उर्दू के शायर अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार' को ४४वें (सन् २००८) तथा मलयालम के कवि और साहित्यकार ओ.एन.वी. कुरुप को ४३वें (सन् २००७) ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
(६)सन् २०१०- उर्दू के शायर अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार' को ४४वें (सन् २००८) तथा मलयालम के कवि और साहित्यकार ओ.एन.वी. कुरुप को ४३वें (सन् २००७) ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
२४ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९२२- फ्लोयड लेविन, अमेरिकी संगीतशास्त्री (निधन-सन् २००७)
(२)सन् १९२५ - औतार सिंग पैंटल, भारतीय, चिकित्साशास्त् र के वैज्ञानिक.
(३)सन् १९५० - मोहिन्दर अमरनाथ, भारतीय, क्रिकेट खिलाड़ी
(१)सन् १९२२- फ्लोयड लेविन, अमेरिकी संगीतशास्त्री (निधन-सन् २००७)
(२)सन् १९२५ - औतार सिंग पैंटल, भारतीय, चिकित्साशास्त्
(३)सन् १९५० - मोहिन्दर अमरनाथ, भारतीय, क्रिकेट खिलाड़ी
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'२५ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२५ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६८वॉ (लीप वर्ष मे २६९वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९७ दिन बाकी है।२५ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १२९४- ब्रिटेन के दार्शनिकि और रसायनशास्त्री रोजर बेकन का निधन हुआ। उनका जन्म सन् १२१४ ईसवी को हुआ था। उन्हें हेब्रू ग्रीक और अरबी भाषाओं का पूरा ज्ञान था। साथ ही उन्हें प्रातिक ज्ञानों से विशेष लगाव था। रासायन शास्त्र के क्षेत्र में उन्होंने पुस्तकें लिखी हैं।(२)सन् १९९७- इज्राईल या ज़ायोनी शासन की गुप्तचर सेवा मोसाद ने एक अन्य वरिष्ठ फ़िलिस्तीनी नेता पर जानलेवा आक्रमण किया फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के राजनैतिक कार्यालय के अध्यक्ष खालिद मशअल को मोसाद के दो सदस्यों ने ज़ाईन की राजधानी में अपने आक्रमण से घायल कर दिया।
(१)सन् १९२२- हैमर डरॉबर्ट, नौरू के प्रथम राष्ट्रपति (निधन-सन् १९९ २)
(२)सन् १९४६- संतश्री मोरारी बापू का महुआ के समीप तलगारजा (सौराष्ट्र) में वैष्णव परिवार में मोरारी बापू का जन्म हुआ। पिता प्रभुदास हरियाणी के बजाय दादाजी त्रिभुवनदास का रामायण के प्रति असीम प्रेम था।***
'२६ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२६ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६९वॉ (लीप वर्ष मे २७०वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९६ दिन बाकी है।२६ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १९०७- न्यूज़ीलैंड ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा की। द्वीपों पर आधारित देश न्यूज़ीलैंड सन् १७६९ ईसवी में ब्रिटेन का उपनिवेश बन गया १९वीं शताब्दी में ब्रिटेन से बड़ी संख्या में लोगों के न्यूज़ीलैंड पलायन करने से इस देश पर ब्रिटेन की पकड़ अधिक मज़बूत हो गयी। और स्थानीय लोग स्वयं को विदेशियों के पंजे में जकड़ा हुआ आभास करने लगे। सन् १८४० ईसवी में स्थानीय लोगों और ब्रिटिश सरकार के बीच एक समझौता हुआ जिसके आधार पर न्यूज़ीलैंड पर ब्रिटेन के शासन को औपचारिकता मिल गयी किंतु यह शर्त रखी गयी थी कि ब्रिटेन के पलायनकार्ता न्यूज़ीलैंड वालों की भूमियों पर अतिक्रमण नहीं करेंगे।
(२)सन् १९२३- बेयर्न में गुस्ता(३)सन् १९६०- उत्तरी यमन का राजशाही शासन समाप्त कर दिया। आज के दिन सेना कमांडर अब्दुल्ला सल्लाल ने एक सैनिक विद्रोह करके राजशाही शासन व्यवस्था का अंत कर दिया। जिसके बाद वहॉ लोकतंत्र की स्थापना हुई। इस विद्रोह के दौरान सउदी अरबने यमन के अंतिम शाह मोहम्मद बद्र की और मिस्र ने अब्दुल्ला सल्लाल की सहायता की। चार वर्ष तक सशस्त्र संघर्ष के बाद दोनों पक्षो के बीच समझौता हो गया और राजशाही शासन व्यस्था के समर्थकों ने अपनी मांग छोड़ दी।
(४)सन् १९९०- इटली के उपन्यासकार अलबर्टो मोराविया का निधन हुआ। सन् १९०७ में इटली की राजधानी रोम में उनका जन्म हुआ था। उन्होंने लापरवाह इंसान भाविष्य की ओर हरकत और महिला नाम से प्रसिद्ध उपन्यास लिखे।
(४)सन् १९९०- इटली के उपन्यासकार अलबर्टो मोराविया का निधन हुआ। सन् १९०७ में इटली की राजधानी रोम में उनका जन्म हुआ था। उन्होंने लापरवाह इंसान भाविष्य की ओर हरकत और महिला नाम से प्रसिद्ध उपन्यास लिखे।
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'२७ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२७ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७०वॉ (लीप वर्ष मे २७१वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९५ दिन बाकी है।२७ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १९४०- द्वितीवय विश्व युद्ध की एकजुट सरकारों के बीच पोलाडीन नामक समझौता हुआ। इटली, जर्मनी और जापान के बीच इस समझौते के आधार पर तीन राजधानियां रोम, बरलिन और टोकियो तीन केंद्रों के रुप में एक दूसरे के संपर्क में हो गयीं। इस प्रकार से यह तीनों सरकारों द्वितीय विश्व युद्ध के मुख्य धुव्र के नाम से प्रसिद्ध हुई। जापान का अमरीका पर आक्रमण और अमरीका का द्वितीय विश्व युद्ध में कूद पड़ना इसी समझौते के परिणाम हैं।(२)सन् १९४१- रुस पर अतिक्रमण करते हुए जर्मनी को एक बड़ी सफलता मिली। दक्षिणी मोर्चों पर सोवियत संघ की सेना पर उस समय जर्मनी की सेना का व्यापक आक्रमण हुआ, जब वो थक चुकी थी तथा उसका अभियान भी समाप्त हो रहा था इस घटना में ६ लाख से अधिक रुसी सैनिक गिरफतार कर लिए गये तथा सोवियत संघ के लगभग १२ सौ टैंक और ५ हज़ार ४ सौ तोपें नष्ट हो गयीं या फिर जर्मन सेना ने हथिया लीं। किंतु कुछ दिनों बाद सोवियत संघ में शीतकाल के आ जाने तथा तीव्र वर्षा के आरंभ हो जाने के बाद जर्मनी की सेना की स्थिति खराब हो गयी। फिर सोवियत संघ की सेना ने उस पर व्यापक आक्रमण आरंभ कर दिया।
(३)सन् १९४९- चीन का भीड़ भाड वाला शहर पेइचिंग इस देश की राजधानी बन गया। यह ऐतिहासिक नगर पूर्वी चीन में स्थित है। जो चीन के राजनैतिक आर्थिक तथा संस्क्रतिक केंद्रों में गिना जाता है। चीन में माओ सरकार के सत्ता में पहुँने और च्यानकाय चेक की सरकार के चीन से ताइवान स्थानान्तरित हो जाने के बाद पेइचिंग को चीन की राजधानी बना दिया गया।
(४)सन् १९९६- अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालेबान ने क़ब्ज़ा कर लिया। यह गुट सन् १९९४ में अस्तित्व में आया। और अमरीका के समर्थन तथा पाकिस्तान के राजनैतिक एवं सैनिक सहयोग से धीरे धीरे इस गुट ने अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा कर लिया और फिर पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में स्थित काबुल की ओर क़दम बढ़ाए।
(३)सन् १९४९- चीन का भीड़ भाड वाला शहर पेइचिंग इस देश की राजधानी बन गया। यह ऐतिहासिक नगर पूर्वी चीन में स्थित है। जो चीन के राजनैतिक आर्थिक तथा संस्क्रतिक केंद्रों में गिना जाता है। चीन में माओ सरकार के सत्ता में पहुँने और च्यानकाय चेक की सरकार के चीन से ताइवान स्थानान्तरित हो जाने के बाद पेइचिंग को चीन की राजधानी बना दिया गया।
(४)सन् १९९६- अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालेबान ने क़ब्ज़ा कर लिया। यह गुट सन् १९९४ में अस्तित्व में आया। और अमरीका के समर्थन तथा पाकिस्तान के राजनैतिक एवं सैनिक सहयोग से धीरे धीरे इस गुट ने अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा कर लिया और फिर पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में स्थित काबुल की ओर क़दम बढ़ाए।
२७ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९३२ - यश चोपड़ा, भारतीय निर्देशक.
(२)सन् १९५३ - माता अमृतानंदमयी, भारतीय, धार्मिक नेता.
(३)सन् १९८१- लक्ष्मीपति बालाजी, भारतीय, क्रिकेट खिलाड़ी
२७ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(२)सन् १९५३ - माता अमृतानंदमयी, भारतीय, धार्मिक नेता.
(३)सन् १९८१- लक्ष्मीपति बालाजी, भारतीय, क्रिकेट खिलाड़ी
२७ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१)सन् १९७२- एस. आर. रंगनाथन, भारतीय गणितज्ञ
(२)सन् २००८ - महेन्द्र कपूर, भारत के हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध पार्श्वगायक
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'२८ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२८ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७१वॉ (लीप वर्ष मे २७२वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९४ दिन बाकी है।२८ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १८९१- अमरीकी लेखक हरमैन मिलवेल का देहान्त हुआ। उनका जन्म सन् १८१९ में हुआ। उन्हें समुद्र यात्रा से बहुत लगाव था। एक समुद्र यात्रा के दौरान अनका जहाज़ डूब गया और उन्होंने एक ऐसे द्वीप में शरण ली लहॉ के लोग नरभक्षक थे मिलवील ने इस पूरी घटना और इस द्वीप से अपने फ़रार के बाद में एक पुस्तक लिखी जिससे उन्हें बड़ी ख्याति मिली। उन्की एक अन्य महत्वपुर्ण पुस्तक मोबी डेक है। इसके अतिरिक्त भी उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं। (२)सन् १९७०- मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्दुन्नासिर का निधन हुआ। उनका जन्म सन् १९१६ ईसवी को हुआ। वे सन् १९४८ में अरब देशों और इज्राईल के बीच पहले युद्ध में शामिल थे। उन्होंने सन् १९५२ ईसवी में जनरल नजीब के साथ मिलकर मिस्र के राजशाही शासन के विरुद्ध सैनिक विद्रोह करके इस शासन व्यवस्था के यमाप्त कर दिया और इसके दो वर्ष बाद जनरल नजीब को सत्ता से हटाकर स्वंय मिस्र के राष्ट्रपति बन गये।
२८ सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९०७-भगत सिंह का जन्म, सुबह ९ बजे लायलपुर ज़िले के बंगा गाँव (चक नम्बर १०५ जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। हालांकि उनका पैतृक निवास आज भी भारतीय पंजाब के नवाँशहर ज़िले के खटकड़कलाँ गाँव में स्थित है। (भगत सिंह को २३ मार्च, सन् १९३१ को इनके साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया)
(२)सन् १९२९- सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जन्म इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ। लता मंगेशकर का नाम विश्व के सबसे जानेमाने लोगों में आता है। इनका जन्म संगीत से जुड़े परिवार में हुआ है ।
(३)सन् १९८२- रणबीर कपूर का जन्म मुंबई महाराष्ट्र,भारत में हुआ, यह एक भारतीय अभिनेता हैं जो बॉलीवुड सिनेमा में दिखते हैं। रणबीर के माता पिता अपने समय के लोकप्रिय फिल्म सितारे ऋषि कपूर और नीतू सिंह हैं, रणबीर की एक रिद्धिमा नाम की बहन भी है। यह पृथ्वीराज कपूर के पड़पोते और अभिनेता और फिल्मनिर्माता राज कपूर के पोते हैं।***
'२९ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'२९ सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७२वॉ (लीप वर्ष मे २७३वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९३ दिन बाकी है।२९ सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १९००- फ़्रांसीसी लेखक अमील ज़ोला की मृत्यु हुई। सन् १८४० ईसवी को पैरिस में उनका जन्म हुआ था उन्होंने बहुत सी पुस्तकें लिखीं जिनमें नाना और जर्मनल नामक मुस्तकें बहुत विख्यात हुई। (२)सन् १९०१- इटली के भौतिक शास्त्री एन्रिको फ़र्मी का रोम नगर में जन्म हुआ। फ़र्मी ने विभिन्न तत्वों के अणुवों में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन किया। और अंतत: अणु को फाड़कर तथा उसकी उर्जा को निकाल कर आणविक बैटरी बनाने में सफलता प्राप्त की। वर्ष १९४५ ईसवी को उनका निधन हो गया।
(३)सन् १९१८- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बुलगारिया ने, फ़्रांस रुस और ब्रिटेन की संयुक्त सेना से हथियार डाल दिए। प्रथम विश्व युद्ध में यह देश जर्मनी आस्ट्रिया हंग्री और उसमानी शासन का घटक था। १५ सितम्बर सन् १९१८ ईसवी के मेसीडोनिया में संयुक्त सेना से पराजित होने के बाद यूनान के सालूनीक नामक नगर में इसी नाम से दोनों पक्षों बीच एक समझौता हुआ जिसके बाद बुलगारिया युद्ध से किनारे हट गया। इसके लगभग डेढ़ महीने बाद जर्मनी ने भी संयुक्त सेना के सामने हथियार डाल दिए इस प्रकार से प्रथम विश्व युद्ध संयुक्त सेना के हित में समाप्त हो गया। सन् १९९२- अफ़्रीका महाद्वीप में दक्षिण भाग में स्थित देश अंगोला में पहली बार स्वतंत्र चुनाव आयोजित हुए। इस चुनाव में एम्पला पार्टी को सफलता मिली जो सन् १९७६ ईसवी से सत्ता में थी।
(३)सन् १९१८- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बुलगारिया ने, फ़्रांस रुस और ब्रिटेन की संयुक्त सेना से हथियार डाल दिए। प्रथम विश्व युद्ध में यह देश जर्मनी आस्ट्रिया हंग्री और उसमानी शासन का घटक था। १५ सितम्बर सन् १९१८ ईसवी के मेसीडोनिया में संयुक्त सेना से पराजित होने के बाद यूनान के सालूनीक नामक नगर में इसी नाम से दोनों पक्षों बीच एक समझौता हुआ जिसके बाद बुलगारिया युद्ध से किनारे हट गया। इसके लगभग डेढ़ महीने बाद जर्मनी ने भी संयुक्त सेना के सामने हथियार डाल दिए इस प्रकार से प्रथम विश्व युद्ध संयुक्त सेना के हित में समाप्त हो गया। सन् १९९२- अफ़्रीका महाद्वीप में दक्षिण भाग में स्थित देश अंगोला में पहली बार स्वतंत्र चुनाव आयोजित हुए। इस चुनाव में एम्पला पार्टी को सफलता मिली जो सन् १९७६ ईसवी से सत्ता में थी।
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'३० सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व'३० सितम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७३वॉ (लीप वर्ष मे २७४वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९२ दिन बाकी है।३० सितम्बर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १४४४- इटली के वस्तुकला के कलाकार डानैटो ब्रामांन्ट का जन्म हुआ। उन्होंने इटली में वस्तुकला और शिल्पकला की ख्याति के काल में जीवन बिताया। उन्होंने अपने दो साथियों माइकल आन्ज ओर रेफ़ाइल की सहायता से ऐतिहासिक गिरजाघर सेन्ट पीटर्ज़ की इमारत को नये सिरे से बनाया। उन्होंने इसी प्रकार इटली के मीलान नगर में सेंन्ट मैरी गिरजाघर की इमारत की बनाई। सन् १५१४ ईसवी में उनका निधन हो गया।(२)सन् १९३८- जर्मनी में मूनीख़ का ऐतिहासिक सम्मेलन आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में जर्मनी के नेता हिटलर इटली के नेता मोसोलीनी फ़्रांस के प्रधान मंत्री एडवर्ड डेलाडी और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री नोबल चेम्बरलन ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उददश्य जर्मनी और चेकसलवाकिया के बच मतभेदों को दूर करने का मार्ग खोजना था। इस सम्मेलन का परिणाम चेकसलवाकिया का कुछ भाग जर्मनी में जुड़ जाने के रुप में निकला।
(३)सन् १९४७- पाकिस्तान और यमन संयुक्त राष्ट्रसंघ के सदस्य बने।
(४)सन् १९८५- भूकम्प की तीव्रता को ऑकने वाले यंत्र रेक्टर स्केल के अविष्कारक चार्ल्ज़ रेक्टर का अमरीका में निधन हुआ। वे ७५ वर्ष के होकर मरे। उन्होंने अपने एक साथी शोधकर्ता की सहायता से भूकम्प को उस उर्जा के आधार पर जो भूकम्प से निकलती है तथा इसकी लहरों के आधार पर ९ प्रकार में विभाजित किया।
(४)सन् १९८५- भूकम्प की तीव्रता को ऑकने वाले यंत्र रेक्टर स्केल के अविष्कारक चार्ल्ज़ रेक्टर का अमरीका में निधन हुआ। वे ७५ वर्ष के होकर मरे। उन्होंने अपने एक साथी शोधकर्ता की सहायता से भूकम्प को उस उर्जा के आधार पर जो भूकम्प से निकलती है तथा इसकी लहरों के आधार पर ९ प्रकार में विभाजित किया।
(५)सन् १९९३- भारत के महाराष्ट् र राज्य के औरंगाबाद में भूकम्प के कारण दस हजार से अधिक लोग मारे गए एवं लाखों बेघर हो गए |(६)सन् २०१०- भारत में अयोध्या के बाबरी मस्जिद राम मंदिर विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटकर राम लला, निर्मोही अखाड़े और वक्फ बोर्ड को एक एक हिस्सा देने का निर्णय दिया।
३० सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९०८– डॉ योहाना बुडविज का जन्मदिन, डॉ योहाना विश्व विख्यात जर्मन जीवरसायन विशेषज्ञ व चिकित्सक थीं। उन्होंने भौतिक विज्ञान, जीवरसायन विज्ञान, भेषज विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की व प्राकृतिक विज्ञान में पी.एच.ड़ी. की। वे जर्मन व सरकार के खाद्य और भेषज विभाग में सर्वोच्च पद पर कार्यरत थी और सरकार की विशेष सलाहकार थी।(निधन– १९ मई, सन् २००३)
इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है । स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है । इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है ।
यदि आपको भी सितम्बर माह की १६ से ३० तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व इसी प्रकार ऐतिहासिक महत्व के सन्दर्भ में कुछ ज्ञात हो तो आप भी हमारा ज्ञानवर्द्धन अवश्य करें....
'जय हिंद,जय हिंदी'
३० सितम्बर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १९०८– डॉ योहाना बुडविज का जन्मदिन, डॉ योहाना विश्व विख्यात जर्मन जीवरसायन विशेषज्ञ व चिकित्सक थीं। उन्होंने भौतिक विज्ञान, जीवरसायन विज्ञान, भेषज विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की व प्राकृतिक विज्ञान में पी.एच.ड़ी. की। वे जर्मन व सरकार के खाद्य और भेषज विभाग में सर्वोच्च पद पर कार्यरत थी और सरकार की विशेष सलाहकार थी।(निधन– १९ मई, सन् २००३)
(२)सन् १९६२- शान, भारतीय गायक
यदि आपको भी सितम्बर माह की १६ से ३० तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व इसी प्रकार ऐतिहासिक महत्व के सन्दर्भ में कुछ ज्ञात हो तो आप भी हमारा ज्ञानवर्द्धन अवश्य करें....
'जय हिंद,जय हिंदी'
kya bhartiya itihaas me aisa kuchh bhi nahi ki jise prakashit kiya jaa sake aapke aalekh cut copy pest lagte hai mehnat nahi jhalakti
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