'१ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७४वॉ (लीप वर्ष मे २७५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ९१ दिन बाकी है। १ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १८५४- भारत में डाक टिकट का प्रचलन आरंभ। टिकट पर महारानी विक्टोरिया का सिर और भारत बना होता था। इसकी कीमत आधा आना (1/32 रूपये) थी।
(१) सन् १८५४- भारत में डाक टिकट का प्रचलन आरंभ। टिकट पर महारानी विक्टोरिया का सिर और भारत बना होता था। इसकी कीमत आधा आना (1/32 रूपये) थी।
(२)सन् १९२२- गुरजिएफ ने फ्रां स के फॉनटेनब्लियू में मनुष्य का सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए अपना संस्थान खोला।
(३)सन् १९४९- चीन में लोकतंत्र की औपचारिक रुप से घोषणा की गयी और माओत्सेतुंग चीन के राष्टपति चुने गये। प्राचीन संस्कृति का प्रतीक यह देश १६ शताब्दी के अंतिम वर्षों में योरोपीय देशों के प्रभाव में आ गया था, चीनियों ने पश्चिमी विशेषकर ब्रिटिश साम्राज्य से छुटकारा पाने के लिए कई बारे संघर्ष किये। किंतु उन्हें सफलता न मिल सकी। किंतु सन् १९१२ में सोन यात सिन के नेतृत्व में राजशाही शासन व्यवस्था के विरुद्ध एक सफल क्रान्ति हुई। जिसके बाद सोन यात सिन चीन के राष्ट्रपति चुने गये। सन् १९३१ से चीन पर जापान का आक्रमण आरंभ हो गया और चीन में उस समय माओ त्से तोंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों और चियान काय चेक के नेतृत्व में सत्ता के लिए आंतरिक युद्ध चल रहा था। सन् १९४५ ईसवी में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापान के हथियार डाल देने के बाद चीन और जापान का युद्ध समाप्त हो गया। चीन से जापान के निकल जाने के बाद उसके नियंत्रण में रह चुके क्षेत्रों को क़ब्ज़े में लेने के लिए चीन में आंतरिक युद्ध आरंभ हो गया। इस युद्ध में कम्युनिस्टों को विजय प्राप्त हुई और सन् १९४९ में माओ ने औपचारिक रुप से चीन में लोकतंत्र की स्थापना की घोषणा की।
(४)सन् १९६०- नाइजेरिया ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ। और इस दिन को इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया। १५वीं शताब्दी में पुर्तगाल और बाद की शताब्दियों में ब्रिटेन का नाइजेरिया पर अधिकार रहा। १७वीं शताब्दी में यह देश व्यापारिक केंद्रों में गिना जाता था। १९वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में ब्रिटेन ने इस देश पर पूर्ण अतिग्रहण कर लिया। किंतु कुछ वर्षों के बाद नाइजेरिया ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा करता हुए राष्ट्रमंडल का सदस्य हो गया।
(५) सन् १९८५- जायोनी शासन के युद्धक विमानों ने टयूनेशिया में फ़िलिस्तीन की स्वतंत्रता के संगठन पी एल ओ के मुख्यालय पर आक्रमण किया जिसमें लगभग ७० लोग मारे गये और बड़ी संख्या में घायल हुए। सन् १९८२ में लेबनान पर ज़ायोनी शासन के आक्रमण के बाद पी एल ओ ने अपना मुख्यालय टयूनेशिया स्थानान्तरिक कर लिया था।
(४)सन् १९६०- नाइजेरिया ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ। और इस दिन को इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया। १५वीं शताब्दी में पुर्तगाल और बाद की शताब्दियों में ब्रिटेन का नाइजेरिया पर अधिकार रहा। १७वीं शताब्दी में यह देश व्यापारिक केंद्रों में गिना जाता था। १९वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में ब्रिटेन ने इस देश पर पूर्ण अतिग्रहण कर लिया। किंतु कुछ वर्षों के बाद नाइजेरिया ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा करता हुए राष्ट्रमंडल का सदस्य हो गया।
(५) सन् १९८५- जायोनी शासन के युद्धक विमानों ने टयूनेशिया में फ़िलिस्तीन की स्वतंत्रता के संगठन पी एल ओ के मुख्यालय पर आक्रमण किया जिसमें लगभग ७० लोग मारे गये और बड़ी संख्या में घायल हुए। सन् १९८२ में लेबनान पर ज़ायोनी शासन के आक्रमण के बाद पी एल ओ ने अपना मुख्यालय टयूनेशिया स्थानान्तरिक कर लिया था।
(६)सन् १९६७- भारतीय पर्यटन विकास निगम की स्थापना हुई।
(७) भारत में वरिष्ठ नागरिक दिवस |
(८)साइप्रस, नाइजिरिया, और तुआलु, में स्वाधीनता दिवस।
(७) भारत में वरिष्ठ नागरिक दिवस |
(८)साइप्रस, नाइजिरिया, और तुआलु, में स्वाधीनता दिवस।
(१)सन् १८४७- एनी बेसेंट, थियोसोफिकल सोसायटी की अध्यक्ष,
(२)सन् १९३२ इसवी को इराक़ ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। ५३९ वर्ष ईसापूर्व ईरान ने इराक़ पर अधिकार कर लिया था और यह देश सन् ६४२ ईसवी तक ईरान का भाग रहा कुछ समय पश्चात मुसलतानों ने इराक़ को ईरान के क़ब्ज़े से निकाल लिया। बाद में यह देश उसमानी शासन के अधिकार में चला गया किंतु प्रथम विश्व युद्ध में उसमानी शासन की पराजय तथा उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों के विभाजन के बाद इराक़ सन् १९२० में ब्रिटेन के अधिकार में चला गया। किंतु इस देश की जनता ने ब्रिटेन के विरुद्ध संघर्ष आरंभ कर दियाद। अंतत: सन् १९३२ ईसवी में ब्रिटेन को इराक़ की स्वाधीनता स्वीकार करने पर विवश होना पड़ा। इस देश में अनेक बाद विद्रोह हुए और बहुत से देशों ने इस पर अधिकार किया।
३ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९१५- पूर्वोत्तरी यूनान की महत्वपूर्ण बंदरगाह सालूनीक, प्रथम विश्व युद्ध की एक सैनिक कार्रवाई में संयुक्त सेना के नियंत्रण में चली गयी। रुस फ़्रांस और ब्रिटेन ने इस बंदरगाह पर नियंत्रण बाक़ी रखने के लिए बहुत प्रयास किये किंतु इन देशों की आधी सेना मौत के घाट उतर गयी और अंतत: इस बंदरगाह पर संयुक्त सेना का क़ब्ज़ा हो गया।
(१) सन् १५८२- ग्रेगरी के पञ्चांग के लागू होने के कारण पोलैंड, स्पेन, इटली तथा पुर्तगाल में यह दिन रद्द किया गया अर्थात इस साल ऐसा कोई दिन ही नहीं आया ।
(२) सन् १७६२- ब्रिटेन और स्पे न के बीच चल रहे सप्तवर्षीय युद्ध का अंत हुआ, इसको मनीला की लड़ाई के नाम से भी जाना जाता है ।
(३) सन् १७६८- रुस की ज़ारीना सम्राज्ञी कैथरिन द्वितीय कैथिल द... ने देशों पर अधिकार करने के अभियान के अंतर्गत अपनी सेनाएं पोलैंड भेजीं जिसके बाद उसमानी शासन ने रुस के साथ युद्ध की घोषणा कर दी। १८वीं शताब्दी में रुस और उसमानी शासन के बीच कई युद्ध हुए। किंतु पोलैंड पर अधिकार के लिए दोनों पक्षों की लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण कही जा सकती है। इस युद्ध में अंतरिक समस्याओं के कारण उसमानी शासन की थल तथा जल सेनाओं कोपराजय का सामना हुआ यहॉ तक कि सन् १७७४ ईसवी को दोनों पक्षों के बीच युद्ध विराम के समझौतक पर हस्ताक्षए हुए। जिसके बाद यह लड़ाई समाप्त हो गयी।
(३) सन् १९४९- पूर्वी जर्मनी डेमोक्रेटिक सरकार के अस्तित्व में आने के साथ एक अलग देश बना। द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम महीनों में सोवियत संघ ने पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी देशों ने पश्चिमी जर्मनी पर नियंत्रण कर लिया और दोनों पक्षों के कमांडरों की परिषद ने जर्मनी का प्रशासन संभाला किंतु थोड़ा ही समय बीता था कि सोवियत संघ और पश्चिमी देशों के बीच मतभेद उत्पन्न हो गये। और सन् १९४८ में सोवियम संघ इस परिषद से निकल गया। जिसके बाद पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी एक दूसरे से अलग दो देश बन गये। जो सन् १९९० में पुन: एक हुए।
(४) सन् १९५०- चीन में कम्युनिस्ट शासन की स्थापना के एक वर्ष बाद इस देश की सेना ने तिब्बत पर आक्रमण करके उसे अपने नियंत्रण में कर लिया। यह देश पहले भी लंबें समय तक चीन के अधिकार में रहा था किंतु १९वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में ब्रिटेन ने इस देश पर अधिकार कर लिया, जिसके बाद चीन ने दोबारा उसे छीन लिया किंतु दलाई लामा के नेतृत्व में तिब्बत की जनता ने चीन का विरोध आरंभ कर दिया जिसे सन् १९५९ में चीनी सेना ने कुचल दिया और दलाई लामा को देशनिकाला दे दिया। दलाई लामा जिन्हें पश्चिम का समर्थन प्राप्त है निरंतर चीन का विरोध कर रहे हैं। तिब्बत समुद्र तल से बहुत उँचाई पर स्थित होने के कारण विश्व की छत कहलाता है। यह चीन में एक स्वायत्त क्षेत्र के रुप में है।
(२)सन् १९१९- मजरुँह सुल्तानपु री, हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार
(३)सन् १९२२- बर्क मार्शल, अमेरिकी वकील और राजनितिज्ञ (निधन-सन् २००३)
(३)सन् १९२२- बर्क मार्शल, अमेरिकी वकील और राजनितिज्ञ (निधन-सन् २००३)
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'२ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७५वॉ (लीप वर्ष मे २७६वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ९० दिन बाकी है। २ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् ११८७ ईसवी को इस्लामी सेना के सरदार यलाहुददीन अय्यूबी ने सलीबी युद्ध के दौरान बैतुल मुक़ददस को स्वतंत्र कराया। सलीबी युद्ध का पहला चरण सन् १०९५ ईसवी से आरंभ हुआ। और चार वर्ष बाद सलीबी सैनिकों के बैतुल मुक़ददस पर आक्रमण और नियंत्रण का बाद समाप्त हुआ। इस युद्ध के दूसरे चरण में सलाहुददीन अययूबी ने सीरिया लेबनान और मिस्र पर अधिकार करके बैतुल मुक़ददस का परिवेष्टन कर लिया और वहॉ की ईसाई सरकार को आत्मसमर्पण पर विवश किया।(२)सन् १९०४ ईसवी को ब्रिटेन के लेखक ग्रनी का जन्म हुआ। उनकी पुस्तकें में सदा अच्छाई और बुराई की तुलना दिखाई पड़ती है। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक शाक्ति और साहस में धैर्य सहनशीलता को सफलता का गार्ग बताया है। वर्ष १९९१ में उनका निधन हुआ।
(३) सन् १९२४- राष्ट्रसंघ को शक्तिशाली बनाने के उद्देश्य से लाया गया जेनेवा प्रस्ताव सन् १९२४ महासभा द्वारा स्वीकृत हुआ किंतु बाद में उसकी पुष्टि नहीं हुई।
(४) सन् १९४१ ईसवी को नाज़ी जर्मनी के नेता आडोल्फ हिटलर ने पूर्व सोवियत संघ पर दोबारा सैनिक आक्रमण का आदेश दिया। जर्मनी ने २२ जून, सन् १९४१ ईसवी को सोवियत संघ पर आक्रमण करके उसके भाग पर अधिकार कर लिया था |२ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१)सन् १८६९ - महात्मा गाँधी - भारत के राष्ट्रपिता
(२)सन् १९०४ - लालबहादुर शास्त्री - भारत के दूसरे प्रधानमंत्री
(३)सन् १९४२ - आशा पारेख
(४)सन् १९८४ - मारियोन बार्तोली
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(१)सन् १८६९ - महात्मा गाँधी - भारत के राष्ट्रपिता
(२)सन् १९०४ - लालबहादुर शास्त्री - भारत के दूसरे प्रधानमंत्री
(३)सन् १९४२ - आशा पारेख
(४)सन् १९८४ - मारियोन बार्तोली
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'३ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
३ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७६वॉ (लीप वर्ष मे २७७वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८९ दिन बाकी है। ३ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १८६६- इटली और ऑस्ट्रिया साम्राज्य के प्रतिनिधियों के बीच वियना समझौते पर हस्ताक्षर हुए। जिसके आधार पर ऑस्ट्रिया ने वेंनसी राज्य को इटली के हवाले कर दिया। इस समझौते का एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु यह था कि ऑस्ट्रिया को इटली के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से रोक दिया गया था। इस समझौते ने सन् १८७० में इटली की एकता की भूमिका समतल कर दी। (२)सन् १९३२ इसवी को इराक़ ने ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। ५३९ वर्ष ईसापूर्व ईरान ने इराक़ पर अधिकार कर लिया था और यह देश सन् ६४२ ईसवी तक ईरान का भाग रहा कुछ समय पश्चात मुसलतानों ने इराक़ को ईरान के क़ब्ज़े से निकाल लिया। बाद में यह देश उसमानी शासन के अधिकार में चला गया किंतु प्रथम विश्व युद्ध में उसमानी शासन की पराजय तथा उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों के विभाजन के बाद इराक़ सन् १९२० में ब्रिटेन के अधिकार में चला गया। किंतु इस देश की जनता ने ब्रिटेन के विरुद्ध संघर्ष आरंभ कर दियाद। अंतत: सन् १९३२ ईसवी में ब्रिटेन को इराक़ की स्वाधीनता स्वीकार करने पर विवश होना पड़ा। इस देश में अनेक बाद विद्रोह हुए और बहुत से देशों ने इस पर अधिकार किया।
(३)सन् १९५७- विविध भारती की स्थापना हुई थी ।भारतीय मीडिया के इतिहास में विविध भारती पहला मनोरंजन रेडियो चैनल है । विविध-भारती ने एक सुनहरा दौर देखा है रेडियो का । वो दौर जब सन् 1967 से रेडियो पर विज्ञापन प्रसारण सेवा की शुरूआत हुई और फिर अमीन सायानी, ब्रज जी, मनोहर महाजन जैसे अनेक रेडियो प्रस्तुतकर्ताओं ने अपने प्रायोजित कार्यक्रम तैयार किये ।
(४)सन् १९९० ईसवी को पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एक होने की औपचारिक रुप से घोषणा की गयी। यह दोनों देश ४५ वर्षों के बाद दोबारा एक देश में परिवर्तित हो गये। द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय के बाद पूर्वी जर्मनी पर सोवियत संघ और पश्चिमी जर्मनी पर पश्चिमी देशों का अधिकार हो गया। सन् १९४९ में पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी ने दो अलग अलग देश होने की घोषणा की। बरलिन नगर भी पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में बँटा हुआ था सोवियत संघ ने पूर्वी बरलिन के लोगों को पश्चिमी बरलिन की ओर फ़रार से रोकने के लिए सन् १९६१ में एक दीवार बना दी जो जर्मनी के विभाजन के चिन्ह में परिवर्तित हो गयी। सन् १९८० के दशक के अंतिम वर्षों के परिवर्तनों और पूर्वी ब्लॉक के विघटन के बाद जर्मनी के एक हो जाने की भूमिका समतल हो गयी। अंतत: नवम्बर सन् १९८९ में बरलिन दीवार गिरा दी गयी और एक साल से कम की अवधि में दोनों जर्मनी एक हो गये ।
सन् १९४९ - जे. पी. दत्त, भारतीय फिल्म निर्देशक |
३ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
सन् २००७ - एम.एन. विजयन, भारतीय लेखक |
३ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
सन् २००७ - एम.एन. विजयन, भारतीय लेखक |
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'४ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
४ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७७वॉ (लीप वर्ष मे २७८वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८८ दिन बाकी है। ४ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१)सन् १८३०- बेल्जियम ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा की यह देश १८वीं शताब्दी के आरंभ से ऑस्टिया के अधिकार में था और इस शताब्दी के अंतिम वर्षों में फ़्रांस के अधिकार में चला गया। किंतु योरोपीय सरकारों से नेपोलियन की पराजय के बाद बेल्जियम और हॉलैंड ने सन् १८१५ ईसवी में एक युनियन बनाई किंतु यह युनियन अधिक दिनों तक सुरक्षित न रह सकी और बेल्जियम के कैथेलिक ईसाइयों ने हॉलैंड के प्रोटेस्टियंट ईसाइयों के विरुद्ध संघर्ष आरंभ कर दिया और अपने देश को अलग कर लिया। बाद में हॉलैंड को बेल्जियम पर आक्रमण भी ब्रिटेन और फ़्रांस के हस्तक्षेप के चलते विफल हो गया बेल्जियम में राजशाही शासन व्यवस्था है। इसका क्षेत्रफल ३० हज़ार वर्ग किलोमीटर है।
(२)सन् १९५७- अंतरिक्ष यात्रा के अभियान में सबसे पहले रूस द्वारा प्रथम स्पुतनिक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। हर १६ मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा लगाने वाले इस स्पुतनिक ने दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया। इसी के एक मास बाद स्पुतनिक-२ छोड़ा गया जिसमें लाइका नामक कुतिया थी । स्पुतनिक-२ से दो मास पूर्व अमरीकी वैनगार्ड की उड़ान का प्रयास असफल रहा । इस उपग्रह स्पुतनिक ने ९२ दिनों में १४०० बार पृथ्वी का चक्कर लगाया और पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी पर रेडियायी संदेश भेजा। इसका भार ८३ किलोग्राम तथा व्यास ८५ सेंटीमीटर था। इसमें रेडियायी संदेश भेजने वाले दो यंत्र लगे हुए थे।
(२)सन् १९५७- अंतरिक्ष यात्रा के अभियान में सबसे पहले रूस द्वारा प्रथम स्पुतनिक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। हर १६ मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा लगाने वाले इस स्पुतनिक ने दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया। इसी के एक मास बाद स्पुतनिक-२ छोड़ा गया जिसमें लाइका नामक कुतिया थी । स्पुतनिक-२ से दो मास पूर्व अमरीकी वैनगार्ड की उड़ान का प्रयास असफल रहा । इस उपग्रह स्पुतनिक ने ९२ दिनों में १४०० बार पृथ्वी का चक्कर लगाया और पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी पर रेडियायी संदेश भेजा। इसका भार ८३ किलोग्राम तथा व्यास ८५ सेंटीमीटर था। इसमें रेडियायी संदेश भेजने वाले दो यंत्र लगे हुए थे।
(३)सन् १९६३ ईसवी को कैरेअयान सागर का काला तूफ़ान आरंभ हुआ। इय तुफ़ान ने कैरेबियन सागर की सारी बंदरगाहों को नष्ट कर दिया इसकी गति १५० किलोमीटर प्रतिघंटा थी इसमें कुल मिलाकर ६ हज़ार लोग मारे गये जिनमें अधिकांश क्यूबा और हाइटी के थे ।
(१) सन् १८२२-रदरफोर्ड बी हेस४ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् ११८२- सेंट फ्रांसिस (३) सन् १९७८- भारतीय फिल्म अभिनेत्री सोहा अली खान अभिनय-प्रतिभा और आकर्षक व्यक्तित्व के बल पर अभिनेत्रियों की भीड़ में विशिष्ट पहचान बनाने में कामयाब रही हैं। बड़े भाई सैफ अली खान और मां शर्मिला टैगोर के मार्गदर्शन में सोहा ने अपने फिल्मी कैरियर को सार्थक दिशा दी है।(जन्मस्थान- नई दिल्ली)
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'५ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
५ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७८वॉ (लीप वर्ष मे २७९वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८७ दिन बाकी है। ५ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् २०००- यूगोस्लाविया के तानाशाह और बालकान में रक्तरंजित युद्धों के दोषी ओस्लोबोदान मिलोशोविच को आंतरिक विरोध और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध के बाद सत्ता से हटना पड़ा। वे सन् १९९० से सन् १९९७ ईसवी तक सर्बिया के राष्ट्रपति रहे फिर वे यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति बन गये। जनता के व्यापक विरोध के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद मिलोशोविच ने पुलिस की सहायता लेकर स्वयं को अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक कार्रवाई से बचाना चाहा। उन्होंने यह प्रयास किया कि उन पर युद्ध अपराधी के रुप में मुक़द्दमा न चले। किंतु ९ महीनों के बाद यूगोस्लाविया के अधिकारियों ने देश पर लगे प्रतिबंध को हटाने और विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए मिलोशोविच को हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायालय के हवाले कर दिया।
(३) सन् २०११- दिल्ली में लॉन्च हुआ दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट कम्प्यूटर जिसपर मेड इन इंडिया का टैग रहेगा.. नाम है आकाश,लक्ष्य ये है कि इसे 1750 रुपए में बच्चों को उपलब्ध करवाया जाए हालांकि इसे बनाने की लागत लगभग दोगुनी है | मानव संसाधन मंत्रालय अपने सस्ते टैबलेट को लाखों विद्यार्थियों को मुहैया करवाना चाहता है ताकि वे शैक्षणिक सामग्री डाउनलोड कर सकें और आईटी क्षेत्र से जुड़ सकें | टैबलेट आकाश को भारत के शीर्ष आईटी कॉलेजों ने विकसित किया है और इसका निर्माण विदेशी कंपनी डाटाविंड ने ये बीड़ा उठाया. बाद में भी ये कम्प्यूटर भारत में ही एसेंबल किया जाएगा |
५ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७१३- फ़्रांस के लेखक और दार्शनिक डेनिस डाइड्रो का जन्म हुआ। उनके निरीक्षण में इन्साइक्लोपीडिया लिखी गयी। इसे लिखने में २१ वर्ष लगे। डेनिस डाइड्रो ने कई उपन्यास भी लिखें।
(१) सन् १७१३- फ़्रांस के लेखक और दार्शनिक डेनिस डाइड्रो का जन्म हुआ। उनके निरीक्षण में इन्साइक्लोपीडिया लिखी गयी। इसे लिखने में २१ वर्ष लगे। डेनिस डाइड्रो ने कई उपन्यास भी लिखें।
(२) सन् १८६४- फ़्रांस के सायन रसायनशस्त्री लूईस लोमीर का जन्म हुआ। उन्होंने अपने भाई आगोस्ट के साथ मिलकर एक मशीन बनायी जिससे पर्दे पर फ़िल्म दिखायी जा सकी। उन्होंने इसी वर्ष पहली बार पर्दे पर फ़िल्म का प्रदर्शन किया। वर्ष १९४८ में उनका निधन हुआ।
(३) सन् १९२२- जोसे फ्रोयलैन गोन्ज़ालेज़, अर्जेंटीनाई रेस कार ड्राइवर (सन् 1951 ब्रिटिश ग्रांड प्रिक्स में एक फार्मूला वन विश्व चैम्पियनशिप की दौड़ में पहली जीत स्कोरिंग के लिए, विशेष रूप से उल्लेखनीय है)
(३) सन् १९२२- जोसे फ्रोयलैन गोन्ज़ालेज़, अर्जेंटीनाई रेस कार ड्राइवर (सन् 1951 ब्रिटिश ग्रांड प्रिक्स में एक फार्मूला वन विश्व चैम्पियनशिप की दौड़ में पहली जीत स्कोरिंग के लिए, विशेष रूप से उल्लेखनीय है)
५ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १७९४- गनफ़्रेड आग़ोस्ट बरगर नामक जर्मन लेखक और कवि का निधन हुआ। उनका जन्म सन् १७४७ ईसवी को हुआ। उन्होंने अपनी निराशा और विफलताओं को शेर के रुप में इस प्रकार पेश किया कि वह जर्मन साहित्य का भाग बन गया। ज़िनकी प्रसिद्ध पुस्तक का नाम हिंसक शिकारी और साहसी पुरुष है।
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'६ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
६ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २७९वॉ (लीप वर्ष मे २८०वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८६ दिन बाकी है। ६ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १७६२- ब्रिटेन और स्पे
(३) सन् १७६८- रुस की ज़ारीना सम्राज्ञी कैथरिन द्वितीय कैथिल द... ने देशों पर अधिकार करने के अभियान के अंतर्गत अपनी सेनाएं पोलैंड भेजीं जिसके बाद उसमानी शासन ने रुस के साथ युद्ध की घोषणा कर दी। १८वीं शताब्दी में रुस और उसमानी शासन के बीच कई युद्ध हुए। किंतु पोलैंड पर अधिकार के लिए दोनों पक्षों की लड़ाई सबसे महत्वपूर्ण कही जा सकती है। इस युद्ध में अंतरिक समस्याओं के कारण उसमानी शासन की थल तथा जल सेनाओं कोपराजय का सामना हुआ यहॉ तक कि सन् १७७४ ईसवी को दोनों पक्षों के बीच युद्ध विराम के समझौतक पर हस्ताक्षए हुए। जिसके बाद यह लड़ाई समाप्त हो गयी।
(४) सन् १९३९- पोलैंड की निर्णायक हार ।
(५) सन् १९७२- मिस्र ने इसरायल अधिकृत सिनाई प्रायद्वीप पर हमला किया । यह आक्रमण यहूदी धर्म के पवित्रतम दिन योम किप्पूर के अवसर पर किया गया था, सीरिया इसमें मिस्र के साथ था ।
(६) सन् १९७३- अरबों और इज़्राईल का चौथा युद्ध आरंभ हुआ। आज के दिन मिस्र की सेना ने स्वेज़ नहर के उस पार ज़ायोनी शासन की सेना पर अचानक आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में मिस्र और सीरिया की सेनाओं ने ज़ायोनी शासन को भारी क्षति पहुँचाई। और ज़ायोनी शासन के कई युद्धक विमानों को मार गिराया। किंतु अमरीका की त्वरित और व्यापक सहायता से इज़राईल को अत्याधुनिक हथियार मिल गये। इस प्रकार से अरबों की जीत पर पानी फिर गया। बाद में अमरीका और सोवियत संघ के हस्तक्षेप से यह युद्ध रुका। और क्षेत्र के संकट के समाधान का दायित्व संयुक्त राष्ट्रसंघ को सौंपा गया। इस युद्ध में इज़राईल के अजेय होने का दावा खोखला साबित हुआ।
(७) सन् १९८१- मिस्र (मस्र) के राष्ट्रपति अनवर अल सादत की हत्या की गई । तत्कालीन राष्ट्रपति अनवर सादात की कुछ सैनिक अधिकारियों ने हत्या कर दी। उन्हें सन् १९७८ ईसवी में इज़्राईल के साथ लज्ताजनक कैम्प डेविड समझौते पर हस्ताक्षर के कारण यह दंड दिया गया।
(५) सन् १९७२- मिस्र ने इसरायल
(६) सन् १९७३- अरबों और इज़्राईल का चौथा युद्ध आरंभ हुआ। आज के दिन मिस्र की सेना ने स्वेज़ नहर के उस पार ज़ायोनी शासन की सेना पर अचानक आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में मिस्र और सीरिया की सेनाओं ने ज़ायोनी शासन को भारी क्षति पहुँचाई। और ज़ायोनी शासन के कई युद्धक विमानों को मार गिराया। किंतु अमरीका की त्वरित और व्यापक सहायता से इज़राईल को अत्याधुनिक हथियार मिल गये। इस प्रकार से अरबों की जीत पर पानी फिर गया। बाद में अमरीका और सोवियत संघ के हस्तक्षेप से यह युद्ध रुका। और क्षेत्र के संकट के समाधान का दायित्व संयुक्त राष्ट्रसंघ को सौंपा गया। इस युद्ध में इज़राईल के अजेय होने का दावा खोखला साबित हुआ।
(७) सन् १९८१- मिस्र (मस्र) के राष्ट्रपति अनवर अल सादत की हत्या की गई । तत्कालीन राष्ट्रपति अनवर सादात की कुछ सैनिक अधिकारियों ने हत्या कर दी। उन्हें सन् १९७८ ईसवी में इज़्राईल के साथ लज्ताजनक कैम्प डेविड समझौते पर हस्ताक्षर के कारण यह दंड दिया गया।
(८) सन् २०००- युगोस्लाव राष्ट्रपति स्लोबोदान मिलोसेविच ने इस्तीफ़ा दिया ।
६ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १५४७- मिगुएल डे सर्वंतेस सावेद्र |
(२) सन् १८२०- जेनी लिंद |
(३) सन् १८४६- जॉर्ज वेस्तिन्घोउसे |
(४) सन् १८८७- ले कोर्बुसिएर |
(५) सन् १९०५- हेलेन विल्स मूडी |
६ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १५४७- मिगुएल डे सर्वंतेस सावेद्र |
(२) सन् १८२०- जेनी लिंद |
(३) सन् १८४६- जॉर्ज वेस्तिन्घोउसे |
(४) सन् १८८७- ले कोर्बुसिएर |
(५) सन् १९०५- हेलेन विल्स मूडी |
(६) सन् १९४६- विनोद खन्ना, हिन्दी फ़िल्म अभिनेता ।
६ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-(१) सन् १६६१- गुरु हर राय, सिक्खों के सातवें मानव गुरु ।(जन्म १६३० ईस्वीं में कीरतपुर रोपड़ में हुआ था)
(१) सन् १८६८- अमेरिका में कोर्नोल विश्वविद्यालय खुला। इसमें ४१२ विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था जो उस समय की सबसे बड़ी संख्या थी।
(२) सन् १९४०- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक व्यापक सैनिक कार्रवाई में रोमानिय जर्मनी के नियंत्रण में चला गया। इस प्रकार जर्मनी के लिए २२ जून,सन् १९४१ ईसवी को पूर्व सोवियत संघ पर आक्रमण का अवसर उपलब्ध हो गया। रोमानिया में राजशाही शासन व्यवस्था थी। यह देश जर्मनी के घटकों में था किंतु इस देश की भौगोलिक स्थिति और सोवियत संघ के पड़ोस में होने के कारण जर्मनी ने इस देश पर औपचारिक रुप से नियंत्रण कर लिया। ६ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(२) सन् १९७४- वेङ्ङालिल कृष्णन कृष्ण मेनन, जिन्हें सामान्यतः कृष्ण मेनोन कहा जाता है, एक भारतीय राष्ट्रवादी, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, तथा सन् १९५७ से १९६२ तक भारत के रक्षा मंत्री थे। (जन्म-३ मई,सन् १८९६)
(३) सन् २००७- लक्ष्मीमल्ल सिंघवी- ख्यातिलब्ध न्यायविद, संविधान विशेषज्ञ, कवि, भाषाविद एवं लेखक थे। उनका जन्म भारत के राजस्थान में स्थित जोधपुर नगर में हुआ। १९६२ से १९६७ तक तीसरी लोक सभा के सदस्य श्री सिंघवी ने १९७२ से ७७ तक राजस्थान के एडवोकेट जनरल तथा अनेक वर्षों तक यूके में भारत के राजदूत पद पर कार्य किया। उन्हें १९९८ में पद्म विभूषण से अलंकृत किया गया तथा १९९९ में वे राज्य सभा के सदस्य भी चुने गए। डॉ. लक्ष्मीमल सिंघवी ने नेपाल, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के संविधान रचे। उन्हें भारत में अनेक लोकपाल, लोकायुक्त संस्थाओं का जनक माना जाता है।( जन्म- ९ नवंबर १९३१)
(४) सन् २०११- प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अमरीकी की बड़ी कंपनियों में से एक ऐपल के पूर्व मुख्य कार्यकारी और सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स का निधन हो गया |वह दुनिया के अग्रणी व्यवसायियों में से एक थे और उन्होंने आईपॉड तथा आईफ़ोन जैसे उपकरण दुनिया को दिए |(जन्म- २४ फरवरी,सन् १९५५)
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'७ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
७ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८०वॉ (लीप वर्ष मे २८१वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८५ दिन बाकी है। ७ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(३) सन् १९४९- पूर्वी जर्मनी डेमोक्रेटिक सरकार के अस्तित्व में आने के साथ एक अलग देश बना। द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम महीनों में सोवियत संघ ने पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी देशों ने पश्चिमी जर्मनी पर नियंत्रण कर लिया और दोनों पक्षों के कमांडरों की परिषद ने जर्मनी का प्रशासन संभाला किंतु थोड़ा ही समय बीता था कि सोवियत संघ और पश्चिमी देशों के बीच मतभेद उत्पन्न हो गये। और सन् १९४८ में सोवियम संघ इस परिषद से निकल गया। जिसके बाद पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी एक दूसरे से अलग दो देश बन गये। जो सन् १९९० में पुन: एक हुए।
(४) सन् १९५०- चीन में कम्युनिस्ट शासन की स्थापना के एक वर्ष बाद इस देश की सेना ने तिब्बत पर आक्रमण करके उसे अपने नियंत्रण में कर लिया। यह देश पहले भी लंबें समय तक चीन के अधिकार में रहा था किंतु १९वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में ब्रिटेन ने इस देश पर अधिकार कर लिया, जिसके बाद चीन ने दोबारा उसे छीन लिया किंतु दलाई लामा के नेतृत्व में तिब्बत की जनता ने चीन का विरोध आरंभ कर दिया जिसे सन् १९५९ में चीनी सेना ने कुचल दिया और दलाई लामा को देशनिकाला दे दिया। दलाई लामा जिन्हें पश्चिम का समर्थन प्राप्त है निरंतर चीन का विरोध कर रहे हैं। तिब्बत समुद्र तल से बहुत उँचाई पर स्थित होने के कारण विश्व की छत कहलाता है। यह चीन में एक स्वायत्त क्षेत्र के रुप में है।
(५) सन् १९५०- मदर टेरेसा ने कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरीटी की स्थापना की थी।
(६) सन् १९५८- पाकिस्तान में पहली बार मार्शल लॉ लगा, देश का पहले संविधान बनने के महज़ दो साल के अंदर पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्ज़ा ने देश में आम चुनावों के महज़ चंद रोज़ पहले संविधान के स्थगित कर के अक्तूबर 7 ही के दिन मार्शल लॉ लगा दिया | उनके इस कदम को देश के तत्कालीन सेनाध्यक्ष फ़ील्ड मार्शल अयूब खान का पूरा समर्थन था | मार्शल लॉ के बाद पाकिस्तान में फ़ील्ड मार्शल अयूब खान को देश मार्शल लॉ प्रशासक घोषित किया गया |(७) सन् १९५९- सोवियत संघ के अंतरिक्षयान लूनर-3 द्वारा चंद्रमा के छिपे हिस्से की तस्वीर ली गई। पृथ्वी से चंद्रमा का केवल एक ही भाग देखा जा सकता है।
(८) सन् १९९२- भारत में त्वरित कार्यवाइ बल का गठन किया गया था। इसका गठन विशेष रूप से सांप्रदायिक दंगों से सहानुभूति पूर्वक और विशेषज्ञतापूर्वक निबटने के लिए हुआ था। प्रकृतिक आपदाओं से निबटने में भी यह बल नागरिक प्रशासन की मदद करता है।
(८) सन् १९९२- भारत में त्वरित कार्यवाइ बल का गठन किया गया था। इसका गठन विशेष रूप से सांप्रदायिक दंगों से सहानुभूति पूर्वक और विशेषज्ञतापूर्वक निबटने के लिए हुआ था। प्रकृतिक आपदाओं से निबटने में भी यह बल नागरिक प्रशासन की मदद करता है।
(९) सन् २००१- अमरीका ने अफ़ग़ानिस्तान के विरुद्ध अपनी सैनिक कार्रवाई आरंभ की। यह कार्रवाई अलक़ायदा गुट का दमन करने के बहाने आरंभ हुई जिसपर वाशिंगटन ने न्यूयार्क में ११ सितम्बर की आतंकवादी घटना का आरोप लगाया था ।
७ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८८५- नील्स बोह्र |
(२) सन् १८८८- हेनरी ए वालेस |
(३) सन् १९०५- एंडी डेविने |
(४) सन् १९०७- हेलेन मसिन्नेस |
(५) सन् १९११- वुघं मुनरो |
(६) सन् १९१७- जून अलल्यसों |
(७) सन् १९२७- आर.डी. लैंग |
(८) सन् १९३१- बिशप डेसमंड टूटू |
७ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८८५- नील्स बोह्र |
(२) सन् १८८८- हेनरी ए वालेस |
(३) सन् १९०५- एंडी डेविने |
(४) सन् १९०७- हेलेन मसिन्नेस |
(५) सन् १९११- वुघं मुनरो |
(६) सन् १९१७- जून अलल्यसों |
(७) सन् १९२७- आर.डी. लैंग |
(८) सन् १९३१- बिशप डेसमंड टूटू |
(९) सन् १९७८- जहीर खान (भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी)
(१०) सन् १९७९- युक्तामुखी - (भारतीय मॉडल, अभिनेत्री एवं मिस वर्ल्ड)
(११) सन् १९८०- धर्मवीर, भारतीयखिलाड़ी
(१) सन् १२५६- पेरिस में विश्व के प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में गिने जाने वाले सोरबन विश्वविद्यालय का उदघाटन हुआ। धीरे धीरे इस विश्वविद्यालय का विकास होता गया यहॉ तक कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हो गया। इसके संस्थापक का नाम रॉबर्ट सोरबन था।
(२) सन् १५३४- ब्रिटेन की संसद ने इस देश के नरेश हेनरी अष्टम के प्रभाव में आक्रर एक ऐसा क़ानून पारित किया जिसके कारण ब्रिटेन के गिरजाघर का रोम के कैथोलिक गिरजाघर से संबंध-विच्छेद हो गया। हालॉकि हेनरी अष्टम और पोप कलेमेंटो सप्तम के साथ अच्छे संबंध थे किंतु जब गिरजाघर ने हेनरी के अपनी पत्नी को तलाक़ देने के आवेदन को रदद कर दिया तो नरेश के पोप के साथ संबंधों में इतनी कड़वाहट आ गयी कि पोप ने हेनरी को नास्तिक घोषित कर दिया। किंतु हेनरी ने संसद के क़ानून के आधार पर नया विवाह कर लिया और इस देश के गिरजाघर के नेता बन गये।
(३) सन् १७३५- पृथ्वी की आकृति की पहचान के लिए गणितज्ञों और भूगोल शास्त्रियों का प्रयास आरंभ हुआ। यह प्रयास फ़्रांसीसियों ने आरंभ किया भा। फ़्रांस की सरकार ने भी इस संदर्भ में खोजकर्ताओं की भारी आर्थिक आर्थिक सहायता की। खोजकर्ताओं को उनके प्रयास में उल्लेख्नीय सफलता मिली।
(४) सन् १८६०- अमेरिका के लॉस एंजिल्स और सैनफ्रांसिस्को के बीच टेलीग्राफ लाइन स्थापित हुई थी।
(१०) सन् १९७९- युक्तामुखी - (भारतीय मॉडल, अभिनेत्री एवं मिस वर्ल्ड)
(११) सन् १९८०- धर्मवीर, भारतीयखिलाड़ी
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'८ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
८ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८१वॉ (लीप वर्ष मे २८२वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८४ दिन बाकी है। ८ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १५३४- ब्रिटेन की संसद ने इस देश के नरेश हेनरी अष्टम के प्रभाव में आक्रर एक ऐसा क़ानून पारित किया जिसके कारण ब्रिटेन के गिरजाघर का रोम के कैथोलिक गिरजाघर से संबंध-विच्छेद हो गया। हालॉकि हेनरी अष्टम और पोप कलेमेंटो सप्तम के साथ अच्छे संबंध थे किंतु जब गिरजाघर ने हेनरी के अपनी पत्नी को तलाक़ देने के आवेदन को रदद कर दिया तो नरेश के पोप के साथ संबंधों में इतनी कड़वाहट आ गयी कि पोप ने हेनरी को नास्तिक घोषित कर दिया। किंतु हेनरी ने संसद के क़ानून के आधार पर नया विवाह कर लिया और इस देश के गिरजाघर के नेता बन गये।
(३) सन् १७३५- पृथ्वी की आकृति की पहचान के लिए गणितज्ञों और भूगोल शास्त्रियों का प्रयास आरंभ हुआ। यह प्रयास फ़्रांसीसियों ने आरंभ किया भा। फ़्रांस की सरकार ने भी इस संदर्भ में खोजकर्ताओं की भारी आर्थिक आर्थिक सहायता की। खोजकर्ताओं को उनके प्रयास में उल्लेख्नीय सफलता मिली।
(४) सन् १८६०- अमेरिका के लॉस एंजिल्स और सैनफ्रांसिस्को के बीच टेलीग्राफ लाइन स्थापित हुई थी।
(५) सन् १८८१- वियतनाम में विनाशकारी तूफ़ान आया। इस तूफ़ान ने वियतनाम के दक्षिणी भाग में भारी तबाही मचायी। इसके चलते 3 लाख लोगों की मौत हो गयी।
(६) सन् १८८५- फ़्रांस ने वियतनाम पर अपना वर्चस्व स्थापित किया। इससे पहले वियतनाम चीन का भाग था किंतु आंतरिक अशांति और पश्चिमी साम्राज्यवादियों से युद्ध के कारण चीन कारण चीन के कमज़ोर हो जाने के बाद फ़्रांस ने चीन के कुछ भागों पर अधिकार कर लिया। फ़्रांस ने १९वीं शताब्दी के मध्य से वियतनाम के क्षेत्रों पर अधिकार करना आरंभ किया और अंतत: आज के दिन वियतनाम को अपना उपनिवेश बना लिया। किंतु ७० वर्षों के नियंत्रण के बाद वियतनामी जनता ने फ़्रांस को अपने क्षेत्र से निकाल बाहर किया ।
(६) सन् १८८५- फ़्रांस ने वियतनाम पर अपना वर्चस्व स्थापित किया। इससे पहले वियतनाम चीन का भाग था किंतु आंतरिक अशांति और पश्चिमी साम्राज्यवादियों से युद्ध के कारण चीन कारण चीन के कमज़ोर हो जाने के बाद फ़्रांस ने चीन के कुछ भागों पर अधिकार कर लिया। फ़्रांस ने १९वीं शताब्दी के मध्य से वियतनाम के क्षेत्रों पर अधिकार करना आरंभ किया और अंतत: आज के दिन वियतनाम को अपना उपनिवेश बना लिया। किंतु ७० वर्षों के नियंत्रण के बाद वियतनामी जनता ने फ़्रांस को अपने क्षेत्र से निकाल बाहर किया ।
(७) सन् १९३२- भारतीय वायुसेना का गठन।
(८ ) सन् १९६५- लंदन की ४८१ फुट ऊँची डाकघर मीनार को खोला गया। यह इंग्लैंड की उस समय की सबसे ऊँची इमारत थी।
(९) सन् १९६७- बोलिविया में चो गुवारा और उनके दल के लोग पकड़े गए।
(१०) सन् १९७०- सोवियत संघ के लेखक एलैकजेंडर सोल्जनित्सन को नोबेल पुरस्कार मिला।
(११) सन् २००५- पाकिस्तान में ७.५ की तीव्रतावाला भूकंप आया। इसमें लगभग ७० हजार लोगों की मृत्यु हुई और लगभग इतने ही लोग घायल हुए। इसने तीस लाख से भी अधिक लोगों को बेघर कर दिया था।
८ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८९०- एडी रिक्केंबक्केर (एडवर्ड वी.) |
(२) सन् १८९५- जुऑन पेरोन |
(३) सन् १९३६- दाऊद कार्रदिने |
(४) सन् १९३६- रोना बैरेट |
(५) सन् १९३९- पॉल होगन |
(६) सन् १९४१- जेसी जैक्सन |
(७) सन् १९४३- चेवी चेस |
(९) सन् १९६७- बोलिविया में चो गुवारा और उनके दल के लोग पकड़े गए।
(१०) सन् १९७०- सोवियत संघ के लेखक एलैकजेंडर सोल्जनित्सन को नोबेल पुरस्कार मिला।
(११) सन् २००५- पाकिस्तान में ७.५ की तीव्रतावाला भूकंप आया। इसमें लगभग ७० हजार लोगों की मृत्यु हुई और लगभग इतने ही लोग घायल हुए। इसने तीस लाख से भी अधिक लोगों को बेघर कर दिया था।
८ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८९०- एडी रिक्केंबक्केर (एडवर्ड वी.) |
(२) सन् १८९५- जुऑन पेरोन |
(३) सन् १९३६- दाऊद कार्रदिने |
(४) सन् १९३६- रोना बैरेट |
(५) सन् १९३९- पॉल होगन |
(६) सन् १९४१- जेसी जैक्सन |
(७) सन् १९४३- चेवी चेस |
८ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९३६- प्रेमचंद, प्रसिद्ध हिंदी कहानीकार और उपन्यासकार (गोदान) (कफन, पूस की रात, बड़े घर की बेटी) (जन्म- सन् १८८०)
(१) सन् १९३६- प्रेमचंद, प्रसिद्ध हिंदी कहानीकार और उपन्यासकार (गोदान) (कफन, पूस की रात, बड़े घर की बेटी) (जन्म- सन् १८८०)
(२) सन् १९७९- लोकनायक जयप्रकाश नारायण, संपूर्ण क्रांति के प्रणेता |(जन्म11 अक्तूबर १९०२, जन्म स्थान-बलिया, भारत)
(१) सन् १४४६- कोरियन वर्णमाला हंगुल का पहली बार प्रकाशन हुआ।
(२) सन् १५४७- स्पेन के लेखक मिगेल सेरवान्तेस का जन्म हुआ। युवाकाल में वे स्पेन की नौसेना में भर्ती हो गये और बहुत सी समुद्रीय यात्राएं कीं। धीरे धीरे साहित्य से उनकी रुचि बढ़ती गयी। और अंतत: वे डॉन किशोट नामक महत्वपूर्ण साहित्यिक पुस्तक लिखने में सफल हुए।
(३) सन् १७०८- स्वीडन और रुस की विश्व विख्यात लड़ाई जिसे डिनाइपर के नाम से जाना जाता है। स्वीडन की पराजय के साथ समाप्त हुई। यह युद्ध इसी वर्ष के जनवरी महीन में स्वीडन के रुस पर आक्रमण के साथ आरंभ हुआ। इस लड़ाई के दौरान स्वीडन की सेना के बहुत सारे जवान रसद न पहुँचने के कारण मर गये । इस युद्ध के पश्चात् सन् १७०९ में स्वीडन को रुस से दोबारा भारी पराजय हुई। और स्वीडन के जीवित बचे सैनिक भागकर उसमानी सेना से जा मिले।***
'९ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
९ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८२वॉ (लीप वर्ष मे २८३वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८३ दिन बाकी है। ९ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १५४७- स्पेन के लेखक मिगेल सेरवान्तेस का जन्म हुआ। युवाकाल में वे स्पेन की नौसेना में भर्ती हो गये और बहुत सी समुद्रीय यात्राएं कीं। धीरे धीरे साहित्य से उनकी रुचि बढ़ती गयी। और अंतत: वे डॉन किशोट नामक महत्वपूर्ण साहित्यिक पुस्तक लिखने में सफल हुए।
(४) सन् १८५५- आइजेक सिंगर ने सिलाइ मशीन की मोटर को पेटेंट कराया था।(३) सन् १८६५- अमेरिका के पेंसिलवेनिया में तेल के लिए भूमिगत पाइपलाइन बिछाई गई थी।(४) सन् १८७४- स्वीटजरलैंड के बर्न में यूनिवर्सल पोस्टल युनीयन की स्थापना की गई थी। सन् १८७६- पहली बार टेलीफोन पर आउट वायर के जरिए दोतरफा बातचीत हुई थी। इसके बाद सन् १९४७ में चलती हुई कार और प्लेन में बैठे दो लोगों ने बातचीत की थी। सन् १९५९ में ऑटोरिक्सा और प्लेन में चलते हुए लोगों ने बात की। सन् १८८८- वाशिंगटन मौन्युमेंट को सरकारी स्तर पर आम जनता के लिए खोल दिया गया।
(५) सन् १९२२- लंदन महानगर पुलिस सेवा आयुक्त सर विलियम हॉरवुड को आर्सेनिक भरे चॉकलेट की जहर का शिकार बनाया गया।
(६) सन् १९६२- युगांडा गणतंत्र बना। युगंडा ब्रिटेन से स्वाधीन होने में सफल हुआ। इस लिए इस दिन को इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया है। सन् १८९० ईसवी में युगांडा, ब्रिटेन की अफ़्रीक़ी कम्पनियों के नियंत्रण में आ गया। और कुछ ही समय बाद इसे औपचारिक रुप से ब्रिटेन का उपनिवेश घोषित कर दिया गया। जिसके बाद इस देश में ब्रिटेन के विरुद्ध विद्रोह तेज़ हो गया जो सन् १९६२ ईसवी में युगंडा की स्वाधीनता के बाद रुका। इस देश में प्रजतांत्रिक शासन व्यवस्था है। इसका क्षेत्रफल २ लाख ३५ हज़ार ८८० वर्ग किलोमीटर है। यह अफ़्रीक़ा महाद्विप का देश है। इसके पड़ोसी देशों में सूडान, केनिया, तनज़ानिया, रुअंडा और कोंगो हैं।
(७) सन् १९६७- लैटिन अमरीका के प्रसिद्ध क्रांतिकारी एर्नेस्तो चे ग्वारा को उनके कुछ साथियों के साथ मृत्युदड दे दिया गया। चे ग्वारा का जन्म सन् १९२८ में अर्जेंटाइना में हुआ था। अमरीका द्वारा लैटिन अमरीकी राषट्रों के शोषण से उत्पन्न होने वाले भेदभाव और दरिद्रता को उन्होंने देखा तो साम्रज्यवाद विरोधी विचारधारा उनके मन में बस गयी। मेक्सिको में वे फीडल कास्त्रो से परिचित हुए। और इन दोनों ने सफलता मिलने तक क्यूबा की क्रान्ति का नेतृत्व किया। क्यूबा की क्रान्ति की सफलता के बाद चे ग्वारा सन् १९५९ में बोलीविया चले गये। और वहॉ एक छापामार गुट बनाकर इस देश में अमरीका की पिटठू सरकार के विरुद्ध संघर्ष में लग गये। किंतु सन् १९६७ में आज ही के दिन सी आई ए की सहायता से बोलीविया के सैनिकों ने चे ग्वारा कोउके गुप्त ठिकाने से ढूँढ कर मार दिया।
(६) सन् १९६२- युगांडा गणतंत्र
(७) सन् १९६७- लैटिन अमरीका के प्रसिद्ध क्रांतिकारी एर्नेस्तो चे ग्वारा को उनके कुछ साथियों के साथ मृत्युदड दे दिया गया। चे ग्वारा का जन्म सन् १९२८ में अर्जेंटाइना में हुआ था। अमरीका द्वारा लैटिन अमरीकी राषट्रों के शोषण से उत्पन्न होने वाले भेदभाव और दरिद्रता को उन्होंने देखा तो साम्रज्यवाद विरोधी विचारधारा उनके मन में बस गयी। मेक्सिको में वे फीडल कास्त्रो से परिचित हुए। और इन दोनों ने सफलता मिलने तक क्यूबा की क्रान्ति का नेतृत्व किया। क्यूबा की क्रान्ति की सफलता के बाद चे ग्वारा सन् १९५९ में बोलीविया चले गये। और वहॉ एक छापामार गुट बनाकर इस देश में अमरीका की पिटठू सरकार के विरुद्ध संघर्ष में लग गये। किंतु सन् १९६७ में आज ही के दिन सी आई ए की सहायता से बोलीविया के सैनिकों ने चे ग्वारा कोउके गुप्त ठिकाने से ढूँढ कर मार दिया।
(८) सन् १९८१- फ़िलिस्तीन के एक नेता माजिद अबू शरार की ज़ायोनी शासन ने इटली में हत्या कर दी। वे फिलिस्तीन स्वतंत्रता संगठन पी एल ओ के प्रचारिक विभाग के प्रमुख थे।
(९) सन् १९९१- लंदन के रॉयल अलबर्ट हॉल में जापान से बाहर पहली सूमो रेसलिंग प्रतियोगिता आयोजित हुई।
(१०) सन् २००६- गूगल ने यू-ट्यू ब के अधिग्रहण की घोषणा की।
(११) सन् २००८- २००८ टी.एस.२६ उल्का आपके सिर(अर्थात पृथ्वी) से मात्र ६,१५० किलोमीटर की दूरी से गुजरी थी। इसके पूर्व सन २००४ मे २००४ एफ़.य़ू.१६२ नामक उल्का मात्र ६,५३५ किलोमीटर की दूरी से गुजरी थी। नासा की नीयर योजना इन उल्काओं पर नजर रखने की कोशिश करती है जिससे की पृथ्वी के लिये खतरा बन सकने वाली उल्काओं की निशानदेही की जा सके और यदि उनके टकराने की संभावना हो तो उनसे बचने के उपाय ढूढे जा सकें।(१०) सन् २००६- गूगल ने यू-ट्यू
(१२) सन् २००९- अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सन् २००९ के नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई ।
९ अक्तूबर को कुछ प्रसिद्द दिवस:-
९ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९१०- वाराणसी में मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में प्रथम अखिल भारतीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
(२) सन् १९२४- शिकागो में स्थित लोयोला विश्वविद्यालय के लेक शोर परिसर में अल्फा डेल्टा गामा बिरादरी की स्थापना की गई।
(३) सन् १९४२- सोवियत संघ ने आस्ट्रेलिया के साथ अपने राजनयिक संबंध की शुरुआत की।
(४) सन् १९४४- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान होलोकोस्ट में 800 जीप्सी बच्चों को मार डाला गया था।
(५) सन् १९६४- टोकियो में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का पहली बार दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण किया गया।
(६) सन् १९६७- बाह्य अंतरिक्ष संधि प्रभावी हुआ। यह संधि २७ जनवरी, सन् १९६७ को किया गया था।
(२) सन् १९६८- अपोलो ७ को प्रक्षेपित किया गया। इस अभियान के दौरान खाना खराब हो गया और तीनो यात्रीयो को सर्दी हो गयी थी। इसके कारण कमांडर स्कीरा चीडचीडे से हो गये थे। तीनो यात्रीयो ने मुख्य नियंत्रण कक्ष से वापसी की बाते शुरू कर दी थी। इस सबके फलस्वरूप अपोलो के अगले अभियानो मे इन तीनो मे से किसी को भी नही चुना गया। लेकिन इस सब के बावजूद यह अभियान सफल रहा।
(३) सन् १९९१- पूर्व सोवियत संघ की इंटेलीजेन्स संस्था केजीबी ने इस संघ के विघटन से कुछ पहले अपनी सक्रियता समाप्त कर दी। केजीबी का गठन सोवियत संघ की कम्युनिस्ट शासन व्यवस्था का अंत करने के लिए जारी षडयंत्रों का मुक़ाबला करने के लिए किया गया था। इस संस्था का उद्देश्य कम्युनिस्ट शासन के विरोधियों का सफ़ाया करना था। केजीबी की शक्ति धीरे धीरे इतनी बढ़ गई कि कम्युनिस्ट पार्टी ने इससे बहुत बड़े बड़े काम करवाना आरंभ कर दिया। केजीबी की समाप्ति के बाद इसके दायित्वों को दो संस्थाओं के बी में बांट दिया गया। एक संस्था आंतरिक इंटेलीजन्स के रूप में काम करती है जबकि दूसरी संस्था का काम देश के बाहर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
९ अक्तूबर को कुछ प्रसिद्द दिवस:-
(१) विश्व डाक दिवस
(२) दक्षिण कोरिया में हंगुल दिवस
(३) युगांडा में गणतंत्र दिवस
(२) दक्षिण कोरिया में हंगुल दिवस
(३) युगांडा में गणतंत्र दिवस
९ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८२६- राजा लक्ष्मण सिंह हिन्दी साहित्य के इतिहास से जुड़े सुप्रसिद्ध साहित्यकार
(१) सन् १८२६- राजा लक्ष्मण सिंह हिन्दी साहित्य के इतिहास से जुड़े सुप्रसिद्ध साहित्यकार
(२) सन् १८७४- निकलाई रेरिख,(जन्म स्थान- सेंट पीटर्सबर्ग, रूस) रूस के जाने-माने दार्शनिक, चित्रकार और कवि जो लम्बे समय तक भारत में रहे और भारत में ही हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के पास ’नगर’ नामक कस्बे में जिनका देहान्त हुआ। (निधन: 13 दिसम्बर १९४७)
(३) सन् १९४०- जॉन लेनन, गीतकार और संगीतकार
(४) सन् १९६२- ऑरगी लुइस बुरुसागा, सन् १९८६ के फीफा विश्व कप टीम का अर्जेंटीना का फुटबॉल खिलाड़ी |
९ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् २००६- कांशीराम, बहुजन समाजवादी दल के संस्थापक (जन्म- 15 मार्च, 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले के ख्वासपुर गांव में दलित (सिख समुदाय के रैदसिया) परिवार में हुआ)
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'१० अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१० अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८३वॉ (लीप वर्ष मे २८४वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८२ दिन बाकी है। १० अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १९२४- शिकागो में स्थित लोयोला विश्वविद्यालय के लेक शोर परिसर में अल्फा डेल्टा गामा बिरादरी की स्थापना की गई।
(३) सन् १९४२- सोवियत संघ ने आस्ट्रेलिया के साथ अपने राजनयिक संबंध की शुरुआत की।
(४) सन् १९४४- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान होलोकोस्ट में 800 जीप्सी बच्चों को मार डाला गया था।
(५) सन् १९६४- टोकियो में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का पहली बार दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण किया गया।
(६) सन् १९६७- बाह्य अंतरिक्ष संधि प्रभावी हुआ। यह संधि २७ जनवरी, सन् १९६७ को किया गया था।
(७) सन् १९७०- फिजी स्वतंत्र हुआ।
(८) सन् १९७१- अमेरिका के ओरिजोना के लेक हवासु शहर में लंदन ब्रीज को पुनर्निर्मित किया गया। इसे ब्रिटेन से खरीदकर तोड़कर अमेरिका लाया गया था।
(९) सन् १९८६- सैन सल्वाडोर में रिक्टर पैमाने पर ७.५ की तीव्रता वाला भूकंप आया। इसमें लगभग १,५०० लोगों की मौत हो गई थी।
(१०) सन् २०११- सुप्रसिद्ध गजल गायक और गजल के बादशाह कहे जानेवाले जगजीत सिंह का सोमवार की सुबह ८ बजे मुंबई में देहांत हो गया, वे सत्तर वर्ष के थे और मुंबई के लीलावती अस्पताल में पिछले कई दिनों से भर्ती थे| उन्हें ब्रेन हैमरेज होने के कारण २३ सितम्बर,सन् २०११ को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था | ब्रेन हैमरेज होने के बाद जगजीत सिंह की सर्जरी की गई, जिसके बाद से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी | (जगजीत सिंह का जन्म ८ फरवरी, सन् १९४१ को राजस्थान के गंगानगर में हुआ था)
(८) सन् १९७१- अमेरिका के ओरिजोना के लेक हवासु शहर में लंदन ब्रीज को पुनर्निर्मित किया गया। इसे ब्रिटेन से खरीदकर तोड़कर अमेरिका लाया गया था।
(९) सन् १९८६- सैन सल्वाडोर में रिक्टर पैमाने पर ७.५ की तीव्रता वाला भूकंप आया। इसमें लगभग १,५०० लोगों की मौत हो गई थी।
(१०) सन् २०११- सुप्रसिद्ध गजल गायक और गजल के बादशाह कहे जानेवाले जगजीत सिंह का सोमवार की सुबह ८ बजे मुंबई में देहांत हो गया, वे सत्तर वर्ष के थे और मुंबई के लीलावती अस्पताल में पिछले कई दिनों से भर्ती थे| उन्हें ब्रेन हैमरेज होने के कारण २३ सितम्बर,सन् २०११ को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था | ब्रेन हैमरेज होने के बाद जगजीत सिंह की सर्जरी की गई, जिसके बाद से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी | (जगजीत सिंह का जन्म ८ फरवरी, सन् १९४१ को राजस्थान के गंगानगर में हुआ था)
१० अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९०६- आर. के. नारायन, भारतीय उपन्यासकार.
(२) सन् १९१२- डॉ. रामविलास शर्मा, हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक
(३) सन् १९१३- क्लाद सिमोन, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित फ्रेंच लेखक।
(४) सन् १९५४- रेखा - हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री |
(५) सन् १९६९- ब्रैट फार्व - अमरीकी फुटबॉल में ग्रीन बे पैकर्स के मशहूर क्वार्टरबैक |
(१) सन् १८९९- दक्षिणी अफ़्रीक़ा में बसे हालैंड और ब्रिटेन के गोरों के मध्य भयानक युद्ध आरंभ हुआ। ब्रिटेन की सेना सन् १८४१ में इस क्षेत्र में पहुंची थी और उसने अनेक आवासीय क्षेत्र बनाकर वहां रहना आरंभ कर दिया। दक्षिणी अफ़्रीक़ा में सोने और हीरे की खदानों का पता चला तो यूरोप से बड़ी संख्या में लोग वहां जाने लगे। हालैंड के लोग इस क्षेत्र में १७वीं शताब्दी में पहुंचे थे अतः वह चाहते थे कि नए प्रवासी इस देश में न आने पाएं इसी बात को लेकर हालैंड और ब्रिटेन के लोगों के मध्य युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में ब्रिटिश सरकार के भारी समर्थन के कारण ब्रिटिश प्रवासियों को हालैंड मूल के लोगों पर विजय मिली इसके बाद दक्षिणी अफ़्रीक़ा ब्रिटेन का उपनिवेश बन गया। दक्षिणी अफ़्रीक़ा को सन् १९३१ में स्वाधीनता मिली।(१) सन् १९०६- आर. के. नारायन, भारतीय उपन्यासकार.
(२) सन् १९१२- डॉ. रामविलास शर्मा, हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक
(३) सन् १९१३- क्लाद सिमोन, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित फ्रेंच लेखक।
(४) सन् १९५४- रेखा - हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री |
(५) सन् १९६९- ब्रैट फार्व - अमरीकी फुटबॉल में ग्रीन बे पैकर्स के मशहूर क्वार्टरबैक |
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'११ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
११ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८४वॉ (लीप वर्ष मे २८५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८१ दिन बाकी है। ११ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १९६८- अपोलो ७ को प्रक्षेपित किया गया। इस अभियान के दौरान खाना खराब हो गया और तीनो यात्रीयो को सर्दी हो गयी थी। इसके कारण कमांडर स्कीरा चीडचीडे से हो गये थे। तीनो यात्रीयो ने मुख्य नियंत्रण कक्ष से वापसी की बाते शुरू कर दी थी। इस सबके फलस्वरूप अपोलो के अगले अभियानो मे इन तीनो मे से किसी को भी नही चुना गया। लेकिन इस सब के बावजूद यह अभियान सफल रहा।
(३) सन् १९९१- पूर्व सोवियत संघ की इंटेलीजेन्स संस्था केजीबी ने इस संघ के विघटन से कुछ पहले अपनी सक्रियता समाप्त कर दी। केजीबी का गठन सोवियत संघ की कम्युनिस्ट शासन व्यवस्था का अंत करने के लिए जारी षडयंत्रों का मुक़ाबला करने के लिए किया गया था। इस संस्था का उद्देश्य कम्युनिस्ट शासन के विरोधियों का सफ़ाया करना था। केजीबी की शक्ति धीरे धीरे इतनी बढ़ गई कि कम्युनिस्ट पार्टी ने इससे बहुत बड़े बड़े काम करवाना आरंभ कर दिया। केजीबी की समाप्ति के बाद इसके दायित्वों को दो संस्थाओं के बी में बांट दिया गया। एक संस्था आंतरिक इंटेलीजन्स के रूप में काम करती है जबकि दूसरी संस्था का काम देश के बाहर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
११ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८९३- मेघनाद साहा सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलविज्ञानी (एस्ट्रोफिजिसिस्ट्) थे। वे साहा समीकरण के प्रतिपादन के लिये प्रसिद्ध हैं। यह समीकरण तारों में भौतिक एवं रासायनिक स्थिति की व्याख्या करता है। उनकी अध्यक्षता में गठित विद्वानों की एक समिति ने भारत के राष्ट्रीय शक पंचांग का भी संशोधन किया, जो २२ मार्च सन् १९५७ (१ चैत्र १८७९ शक) से लागू किया गया।(निधन - १६ फरवरी,सन् १९५६)
(१) सन् १८९३- मेघनाद साहा सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलविज्ञानी (एस्ट्रोफिजिसिस्ट्) थे। वे साहा समीकरण के प्रतिपादन के लिये प्रसिद्ध हैं। यह समीकरण तारों में भौतिक एवं रासायनिक स्थिति की व्याख्या करता है। उनकी अध्यक्षता में गठित विद्वानों की एक समिति ने भारत के राष्ट्रीय शक पंचांग का भी संशोधन किया, जो २२ मार्च सन् १९५७ (१ चैत्र १८७९ शक) से लागू किया गया।(निधन - १६ फरवरी,सन् १९५६)
(२) सन् १९०२- जयप्रकाश नारायण, लोकनायक के नाम से प्रसिद्ध राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी (जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना में ८ अक्टूबर, सन् १९७९ को हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण हुआ।)
(३) सन् १९११- नानाजी देशमुख भारत के एक प्रसिद्ध समाजसेवी थे। वे पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता थे। वे भारत के ऊपरी सदन राज्यसभा के सदस्य भी थे। (निधन - २७ फरवरी, सन् २०१०)(४) सन् १९४२- अमिताभ बच्चन, बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता है। सन् १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तबसे भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं।
११ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १८८९- जेम्स प्रेसकॉट जूल, अँग्रेज़ भौतिक वैज्ञानिक जिनके नाम पर ऊर्जा का मात्रक का नामकरण जूल किया गया।
(२) सन् १८९६- ऐंटन ब्रॉटनर,, महान संगीतज्ञ
(३) सन् १९६३- ज़ॉंकोक्तो (ज़ॉमॉख़ीज़ युज़ेनक्लिमो कॉकतो, प्रसिद्ध उपन्यासकार, प्रसिद्ध उपन्यास लिज़ौंपो तेख़िबला
(४) सन् २००२- दीना पाठक, खूबसूरत और गोलमाल सहित १२० से अधिक हिंदी फिल्मों में काम करने वाली प्रसिद्ध अभिनेत्री
(१) सन् १५३२- स्पेनवासी अतिग्रहणकारियों ने उस क्षेत्र पर अतिग्रहण के लिए जिसे आज पेरू कहा जाता है फ्रान्सवा पीज़ारो के नेतृत्व में आक्रमण आरंभ किया। उस समय इस क्षेत्र में लैटिन अमेरिका की इन्का जाति की सत्ता थी इस राष्ट्र के आधिकारीयों ने इस आक्रमण को विशेष महत्व नहीं दिया और समय पर बचाव के उपाय नहीं किए जिसके चलते स्पेन ने सरलता से इस क्षेत्र पर अधिकार कर लिया और इन्का जाति को स्पेन का उपनिवेश बन जाने का प्रस्ताव दिया किंतु इन्का जाति ने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जिसके बाद इस जाति का जनसंहार आरंभ हो गया। यह जनसंहार इतने बड़े स्तर पर हुआ कि इस जाति की सांकृति और ढांचा ही बिखर कर रह गया।
(२) सन् १९६८- गिनी को स्पेन से स्वतंत्रता मिली और यह दिन इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया। १५वीं शताब्दी में पुर्तगाल के नाविकों ने इस क्षेत्र की खोज की थी और सन् १७७८ में पुर्तगाल ने इसे स्पेन के हवाले कर दिया। इस देश पर स्पेन का क़ब्ज़ा बहुत लंबे समय तक जारी रहा । सन् १९६८ में इसे स्वतंत्रता मिली। २८ हज़ार इक्यावन वर्गकिलोमीटर वाला यह देश पश्चिमी अफ्रीक़ा में गैबन और कैमरून के पड़ोस में स्थित है।
(१) सन् १८८९- जेम्स प्रेसकॉट जूल, अँग्रेज़ भौतिक वैज्ञानिक जिनके नाम पर ऊर्जा का मात्रक का नामकरण जूल किया गया।
(२) सन् १८९६- ऐंटन ब्रॉटनर,, महान संगीतज्ञ
(३) सन् १९६३- ज़ॉंकोक्तो (ज़ॉमॉख़ीज़ युज़ेनक्लिमो कॉकतो, प्रसिद्ध उपन्यासकार, प्रसिद्ध उपन्यास लिज़ौंपो तेख़िबला
(४) सन् २००२- दीना पाठक, खूबसूरत और गोलमाल सहित १२० से अधिक हिंदी फिल्मों में काम करने वाली प्रसिद्ध अभिनेत्री
(४) सन् २०१०- महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष प्रो0 आत्मप्रकाश श्रीवास्तव का सायंकाल असामयिक निधन हो गया ।
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'१२ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१२ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८५वॉ (लीप वर्ष मे २८६वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ८० दिन बाकी है। १२ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १९६८- गिनी को स्पेन से स्वतंत्रता मिली और यह दिन इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया। १५वीं शताब्दी में पुर्तगाल के नाविकों ने इस क्षेत्र की खोज की थी और सन् १७७८ में पुर्तगाल ने इसे स्पेन के हवाले कर दिया। इस देश पर स्पेन का क़ब्ज़ा बहुत लंबे समय तक जारी रहा । सन् १९६८ में इसे स्वतंत्रता मिली। २८ हज़ार इक्यावन वर्गकिलोमीटर वाला यह देश पश्चिमी अफ्रीक़ा में गैबन और कैमरून के पड़ोस में स्थित है।
(३) सन् १९९९- पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने विद्रोह करके प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की सत्ता का अंत कर दिया और देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली। प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़ ने जनरल मुशर्रफ़ को अपदस्थ कर दिया था जिसके एक दिन बाद जनरल मुशर्रफ़ ने विद्रोह किया। परवेज़ मुशर्रफ़ बाद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति बन गए और संविधान में कुछ परिवर्तन करके उन्होंने राष्ट्रपति के अधिकार बढ़ा लिए और देश के सबसे शक्तिशाली नेता बन गए किंतु आंतरिक और बाहरी दबावों के कारण जनरल मुशर्रफ़ नवंबर, सन् २००७ में सेना प्रमुख का पद छोड़ने पर विवश हुए और जुलाई, सन् २००८ में राजनैतिक दलों की स्थिति मज़बूत हो जाने के बाद राष्ट्रपति पद से भी हट गए ।
(४) सन् २००५- सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) भारत के संसद द्वारा पारित एक कानून है, लागू हुआ (१५ जून, सन् 2005 को इसके कानून बनने के १२०वें दिन)।
१२ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७१०- जोनाथन तरुम्बुल्ल |
(२) सन् १८६६- जेम्स रामसे मैकडोनाल्ड |
(१) सन् १७१०- जोनाथन तरुम्बुल्ल |
(२) सन् १८६६- जेम्स रामसे मैकडोनाल्ड |
(३) सन् १८७२- राल्फ वॉन विलियम्स |
(४) सन् १९१८- कृष्णकांत बिड़ला का जन्म राजस्थान के पिलानी में हुआ था। उनके पिता घनश्याम दास बिड़ला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्थकों और गांधी जी के निकटवर्तियों में शामिल थे।(निधन-३० अगस्त, २००८)
(४) सन् १९१८- कृष्णकांत बिड़ला का जन्म राजस्थान के पिलानी में हुआ था। उनके पिता घनश्याम दास बिड़ला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्थकों और गांधी जी के निकटवर्तियों में शामिल थे।(निधन-३० अगस्त, २००८)
(५) सन् १९१९- राजमाता विजयाराजे सिंधिया, का जन्म 1919 ई. सागर, मध्य प्रदेश के राणा परिवार में हुआ था। विजया राजे सिंधिया के पिता श्री महेन्द्रसिंह ठाकुर जालौन ज़िला के डिप्टी कलैक्टर थे, और विजयाराजे सिंधिया की माता श्रीमती 'विंदेश्वरी देवी' थीं। विजयाराजे सिंधिया का विवा ह के पूर्व का नाम 'लेखा दिव्येश्वरी' था। विजयाराजे सिंधिया का विवाह २१ फ़रवरी, सन् १९४१ ई. में ग्वालियर के महाराजा जीवाजी राव सिंधिया से हुआ था। (मृत्यु- जनवरी, सन् २००१ ई. ग्वालियर)
(६) सन् १९३२- डिक ग्रेगरी |
(७) सन् १९३५- लुसियानो पावारोत्ती |
(८) सन् १९३६- टोनी कूबेक |
(९) सन् १९४७- क्रिस वालेस |
(७) सन् १९३५- लुसियानो पावारोत्ती |
(८) सन् १९३६- टोनी कूबेक |
(९) सन् १९४७- क्रिस वालेस |
१२ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९६७- राम मनोहर लोहिया, मात्र 57 साल की उम्र में निधन हो गया था, इतनी ही कम उम्र में उन्होंने भारत की राजनीति को जितना प्रभावित किया,वह अनेक समकालीन नेताओं के लिए ईर्ष्या का विषय बना।(२३ मार्च, सन् १९१० को मध्यवित्त मारवाड़ी परिवार में जन्म)
(१) सन् १९६७- राम मनोहर लोहिया, मात्र 57 साल की उम्र में निधन हो गया था, इतनी ही कम उम्र में उन्होंने भारत की राजनीति को जितना प्रभावित किया,वह अनेक समकालीन नेताओं के लिए ईर्ष्या का विषय बना।(२३ मार्च, सन् १९१० को मध्यवित्त मारवाड़ी परिवार में जन्म)
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'१३ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१३ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८६वॉ (लीप वर्ष मे २८७वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७९ दिन बाकी है। १३ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---(१) सन् ५३९ वर्ष ईसा पूर्व- ईरान में हख़ामनेशी शासन श्रंखला की स्थापना करने वाले शासक कोरूश ने एतिहासिक नगर बाबिल पर विजय प्राप्त की। बाबिल पर क़ब्ज़ा करने के लिए कोरूश ने आदेश दिया कि दजला नदी के बहाव का मार्ग बदल दिया जाए जो नगर के बीच से बहती थी। नदी का मार्ग बदल दिया गया तथा पुराने मार्ग से सैनिक नगर के भीतर पहुंच गए और नगर पर उनका क़ब्ज़ा हो गया। यह नगर उस समय क्षेत्र का बहुत महत्वपूर्ण नगर समझा जाता था।
(२) सन् १८८२- फ्रांसीसी लेखक जोज़फ़ आर्थर गोबीनियो का निधन हुआ। वह सन् १८१६ में पेरिस में जन्मे। वह कुछ समय तक ईरान में फ्रांस के राजदूत के रूप में तैनात रहे और इस अवधि में उन्होंने फ़ारसी और अरबी भाषाएं सीखीं। उनका मानना था कि गोरे लोग दूसरो से श्रेष्ठ हैं। उन्होंने अपनी दो पुस्तकों में इस अपने इस विचार को प्रमाणित करने का प्रयास किया है। ईरान का इतिहास और एशिया में तीन वर्ष उनकी महत्वपूर्ण पुस्तकों में हैं।
(३) सन् १९२३- मुस्तफा कमाल पाशा की सरकार द्वारा इस्तांबुल की जगह अंकारा को तुर्की की नई राजधानी बनाया गया। मौसम का तीसरा तूफान ओक्साका में आया यह तूफान पूर्वी प्रशांत बेसिन को पार कर अटलांटिक बेसिन में पहुँचने वाला पहला ज्ञात तूफान था ।
(४) सन् १९४४- दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पूर्व योगोस्लाविया की राजधानी बेलग्राड पर टीटो के नेतृत्व में और पूर्व सोवियत संघ की लाल सेना के समर्थन से योगोस्लाविया के राष्ट्रवादियों का नियंत्रण हो गया और यह क्षेत्र जर्मनी के नियंत्रण से निकल गया। इस नगर पर सन् १९४१ में जर्मनी का अधिकार हो गया था।
(५) सन् २००९- अमेरिकी महिला अर्थशास्त्री इलिनॉर ऑस्ट्रॉम और ओलिवर विलियमसन को अर्थशास्त्र में नोबल स्मृति पुरस्कार देने की घोषणा की गयी।
१३ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९११ - अशोक कुमार (असली नाम-कुमुदलाल कुंजीलाल गांगुली), भारतीय अभिनेता (अशोक कुमार का निधन १० दिसम्बर २००१ को हुआ।)
(२) सन् १९२१- इअख़मोनतोन, इटली
(३) सन् १९२५- मार्ग्रेट थैचर- युनाइटेड किंगडम की प्रधानमंत्री
(४) सन् १९३४- ऐननमस कूरी, ग्रीक गायिका और राजनीतिज्ञ
(५) सन् १९४८- नुसरत फतह अली खाँ, सूफी शैली के प्रसिद्ध पाकिस्तानी गायक
१३ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९८७- किशोर कुमार, भारतीय सिनेमा के सबसे मशहूर पार्श्वगायक समुदाय में से एक रहे हैं। वे एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं।(किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में वहाँ के जाने माने वकील कुंजीलाल के यहाँ हुआ था। किशोर कुमार का असली नाम आभासकुमार गांगुली था। )
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'१४ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१४ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८७वॉ (लीप वर्ष मे २८८वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७८ दिन बाकी है। १४ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १३२२- स्कॉटलैंड की सेना ने अंग्रेजी राजा एडवर्ड द्वितीय को हराया और इस प्रकार स्कॉटलैंड को अंग्रेज़ी शासन से मुक्ति दिलाई ।
(३) सन् १८८०- फ़्रांस के महान वैज्ञानिक पियर क्यूरी अपने भाई पॉल क्यूरी के साथ मिल कर पराध्वनी आवाज़ों की खोज की। मनुष्य का कान पराध्वनी आवाज़ों को सुनने की क्षमता नहीं रखता क्योंकि इनका ध्वनी स्तर एक सेकेंड में बीस हज़ार से अधिक होता है। पियर क्यूरी और पाल क्यूरी ने वर्षों तक परीक्षण और प्रयोग के पश्चात इन आवाज़ों को खोजने में सफलता प्राप्त की।
(४) सन् १८८२- शिमला में पंजाब विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। यह ब्रिटिश उपनिवेशवादी सरकार द्वारा कलकत्ता, बंबइ और मद्रा स के बाद स्थापित किया गया भारत का चौथा विश्वविद्यालय था।
(५) सन् १९२३- वर्ष का चौथा उष्णकटिबंधीय तूफान पनामा के ठीक उत्तर में आया।
(६) सन् १९३३- नाज़ी जर्मनी ने राष्ट्रसंघ से अपने को अलग किया ।
(७) सन् १९४४- नाज़ी जर्मनी के प्रख्यात सैनिक कमांडर एरविन रोमल ने हिटलर के आदेश पर आत्महत्या कर ली। रोमल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उत्तरी अफ़्रीक़ा में जर्मनी के कमांडर थे और उन्होंने ब्रिटिश सेना को मिस्र तक पीछे हटने पर विवश कर दिया था। इसी कारण उन्हें फ़ील्ड मार्शल की पदोन्नती दी गई किंतु ब्रिटिश सेना के जवाबी हमले और उत्तरी अफ़्रीक़ा में जर्मन सेना को पर्याप्त सहायता न मिलने के कारण रोमल को पीछे हटना पड़ा। रोमल, युद्ध के संचालन के संबंध में हिटलर से मतभेद रखते थे। इसी कारण हिटलर को उनकी ओर से संदेह हो गया और उसने अपनी हत्या का षड़यंत्र रचने के आरोप में रोमल को आत्महत्या करने का आदेश दिया ।
(८) सन् १९५३- ज़ायोनी शासन के सैनिकों ने जार्डन नदी के पश्चिमी तटवर्ती किनारे के कुवैह नामक गांव में एक नया अपराध करते हुए इस गांव पर नियंत्रण कर लिया और दो दिनों तक इस गांव के निद्रोष लोगों का जनसंहार और उनके घरों को ध्वस्त करते रहे। इस शासन के पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शैरुन के नेतृत्व में ज़ायोनी सैनिकों ने बयालिस बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की हत्या के अतिरिक्त दसियों अन्य को घायल कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने दर्जनों घरों तथा एक स्कूल को बम लगा कर ध्वस्त कर दिया ।
(५) सन् १९२३- वर्ष का चौथा उष्णकटिबंधीय तूफान पनामा के ठीक उत्तर में आया।
(६) सन् १९३३- नाज़ी जर्मनी ने
(७) सन् १९४४- नाज़ी जर्मनी के प्रख्यात सैनिक कमांडर एरविन रोमल ने हिटलर के आदेश पर आत्महत्या कर ली। रोमल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उत्तरी अफ़्रीक़ा में जर्मनी के कमांडर थे और उन्होंने ब्रिटिश सेना को मिस्र तक पीछे हटने पर विवश कर दिया था। इसी कारण उन्हें फ़ील्ड मार्शल की पदोन्नती दी गई किंतु ब्रिटिश सेना के जवाबी हमले और उत्तरी अफ़्रीक़ा में जर्मन सेना को पर्याप्त सहायता न मिलने के कारण रोमल को पीछे हटना पड़ा। रोमल, युद्ध के संचालन के संबंध में हिटलर से मतभेद रखते थे। इसी कारण हिटलर को उनकी ओर से संदेह हो गया और उसने अपनी हत्या का षड़यंत्र रचने के आरोप में रोमल को आत्महत्या करने का आदेश दिया ।
(८) सन् १९५३- ज़ायोनी शासन के सैनिकों ने जार्डन नदी के पश्चिमी तटवर्ती किनारे के कुवैह नामक गांव में एक नया अपराध करते हुए इस गांव पर नियंत्रण कर लिया और दो दिनों तक इस गांव के निद्रोष लोगों का जनसंहार और उनके घरों को ध्वस्त करते रहे। इस शासन के पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शैरुन के नेतृत्व में ज़ायोनी सैनिकों ने बयालिस बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की हत्या के अतिरिक्त दसियों अन्य को घायल कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने दर्जनों घरों तथा एक स्कूल को बम लगा कर ध्वस्त कर दिया ।
(९) सन् १९५६- डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने ३,८५,०००(तीन लाख,पिचासी हज़ार) अनुयायियों के साथ कोचांदा में बौद्ध धर्म स्वीकार किया और अपने समर्थकों को २२ बौद्ध प्रतिज्ञाओं का अनुसरण करने की सलाह दी।
(१०) सन् १९६४- अमरिकी मानवाधिकारों के नेता मार्टिन लूथर किंग को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
(११) सन् १९६४- पूर्व सोवियत संघ की कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव निकीता ख़ूश्चेफ़ को उनके पद से हटा दिया गया। वे १९३९ में सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के राजनैतिक कार्यालय के सदस्य बने और सन् १९५३ में स्टेलिन की मृत्यु के बाद वे इस देश के सबसे प्रहावशाली व्यक्ति बन गए। ख़ूश्चेफ़ ने अपने सत्ताकाल में सोवियत संघ के राजनैतिक व आर्थिक क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन उत्पन्न करने का प्रयास किया किंतु कम्युनिस्ट पार्टी के अनेक रुढ़िवादी नेताओं ने उनका विरोध किया और अंतत: सन् १९६४ में आज के दिन उन्हें ऐसे समय में सभी सरकारी और पार्टी पदों से अपदस्थ कर दिया गया जब वे छुटिटयां मनाने में व्यस्त थे। ल्यूनिड ब्रेज़नेफ़ उनके उत्तराधिकारी बने । सन् १९७१ में ख़ूश्चेफ़ का निधन हुआ |
(१०) सन् १९६४- अमरिकी मानवाधिकारों के नेता मार्टिन लूथर किंग को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
(११) सन् १९६४- पूर्व सोवियत संघ की कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव निकीता ख़ूश्चेफ़ को उनके पद से हटा दिया गया। वे १९३९ में सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के राजनैतिक कार्यालय के सदस्य बने और सन् १९५३ में स्टेलिन की मृत्यु के बाद वे इस देश के सबसे प्रहावशाली व्यक्ति बन गए। ख़ूश्चेफ़ ने अपने सत्ताकाल में सोवियत संघ के राजनैतिक व आर्थिक क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन उत्पन्न करने का प्रयास किया किंतु कम्युनिस्ट पार्टी के अनेक रुढ़िवादी नेताओं ने उनका विरोध किया और अंतत: सन् १९६४ में आज के दिन उन्हें ऐसे समय में सभी सरकारी और पार्टी पदों से अपदस्थ कर दिया गया जब वे छुटिटयां मनाने में व्यस्त थे। ल्यूनिड ब्रेज़नेफ़ उनके उत्तराधिकारी बने । सन् १९७१ में ख़ूश्चेफ़ का निधन हुआ |
१४ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १६४३- बहादुरशाह प्रथम, दिल्ली (भारत) का मुगल बादशाह ('शहज़ादा मुअज्ज़म' कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब के दूसरे पुत्र थे। अपने पिता के भाई और प्रतिद्वंद्वी शाहशुजा के साथ बड़े भाई के मिल जाने के बाद शहज़ादा मुअज्ज़म ही औरंगज़ेब के संभावी उत्तराधिकारी थे। बहादुर शाह प्रथम को 'शाहआलम प्रथम' या 'आलमशाह प्रथम' के नाम से भी जाना जाता है।) २६ फ़रवरी, सन् १७१२ को बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु हो गयी।
(१) सन् १६४३- बहादुरशाह प्रथम, दिल्ली (भारत) का मुगल बादशाह ('शहज़ादा मुअज्ज़म' कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब के दूसरे पुत्र थे। अपने पिता के भाई और प्रतिद्वंद्वी शाहशुजा के साथ बड़े भाई के मिल जाने के बाद शहज़ादा मुअज्ज़म ही औरंगज़ेब के संभावी उत्तराधिकारी थे। बहादुर शाह प्रथम को 'शाहआलम प्रथम' या 'आलमशाह प्रथम' के नाम से भी जाना जाता है।) २६ फ़रवरी, सन् १७१२ को बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु हो गयी।
(२) सन् १९७८- अशर - आर और बी संगीत गायक
१४ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १२४०- रजिया सुल्तान, भारत की प्रथम महिला शासिका रज़िया अल-दिन(१२०५-१२४०) (फारसी / उर्दु: رضیہ سلطانہ), शाही नाम “जलॉलात उद-दिन रज़ियॉ” (फारसी /उर्दु: جلالۃ الدین رضیہ), इतिहास में जिसे सामान्यतः “रज़िया सुल्तान” या “रज़िया सुल्ताना” के नाम से जाना जाता है, दिल्ली सल्तनत की सुल्तान (भारत की प्रथम महिला शासिका) थी। रज़िया ने सन् १२३६ से सन् १२४० तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया।
१४ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १२४०- रजिया सुल्तान, भारत की प्रथम महिला शासिका रज़िया अल-दिन(१२०५-१२४०) (फारसी / उर्दु: رضیہ سلطانہ), शाही नाम “जलॉलात उद-दिन रज़ियॉ” (फारसी /उर्दु: جلالۃ الدین رضیہ), इतिहास में जिसे सामान्यतः “रज़िया सुल्तान” या “रज़िया सुल्ताना” के नाम से जाना जाता है, दिल्ली सल्तनत की सुल्तान (भारत की प्रथम महिला शासिका) थी। रज़िया ने सन् १२३६ से सन् १२४० तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया।
(२) सन् २०१०- केरल के जनकवि ए.अयप्पण का निधन | मलयालम भाषा का यह प्रसिद्ध साहित्यकार दिल को छू लेने वाली कविताओं और खानाबदोश जीवनशैली के लिए जाना जाता था। उन्हें सन् २०१० के लिए मलयालम साहित्य का सर्वोच्चा सम्मान "असान पुरस्कारम" प्रदान करने की घोषणा की गई थी। इस पुरस्कार को ग्रहण करने के लिए चेन्नई जाते समय १४ अक्तूबर, सन् २०१० को तिरुअनंतपुरम में उनका ६१ वर्ष की अवस्था में निधन हो गया।
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'१५ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१५ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८८वॉ (लीप वर्ष मे २८९वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७७ दिन बाकी है। १५ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(२) सन् १९३५- टाटा एयरलाइन (जो कालांतर में एयर इंडिया बन गया) की पहली उड़ान।
(३) सन् १९८८- उज्ज्वला पाटिल पूरी दुनिया की समुद्री यात्रा करने वाली एशिया की प्रथम महिला बनी।
१५ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १५४२- जलालउद्दीन मोहम्मद अकबर(जन्मस्थान-उमरकोट किला, सिंध), दिल्ली (भारत) पर शासन करने वाला मुगल वंश का सबसे प्रतापी सम्राट, (मृत्यु: २७ अक्टूबर १६०५ (निधनस्थल- फतेहपुर सीकरी, आगरा)
(२) सन् १९२२- लुइजी जिउसानी, इतालवी कैथोलिक पादरी (निधन- सन् २००५)
(३) सन् १९३१- डाक्टर अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम का जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडू, भारत में हुआ, जिन्हें आमतौर पर डाक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम, के नाम से जाना जाता है भारत के ११वें राष्ट्रपति बने । वे भारत के जाने-माने वैज्ञानिक और अभियंता हैं |
(४) सन् १९५७- मीरा नायर, भारतीय हिन्दी फिल्म-निर्देशक ।
१५ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९१८- शिरडी के साईं बाबा का देहांत हुआ था | आप में से सभी ने यह फोटो और साईं की मूर्ति घरों में और मंदिरों में अवश्य देखी होगी। ये हैं भारत के एक महान फकीर संत। कई वर्ष पहले एक अनाम युवक महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव शिरडी में अचानक प्रकट हुआ। वह कहाँ से आया, यह कोई नहीं जानता। वह युवक कोई साधारण पुरुष नहीं था। उसकी प्रेममय कृपा-दृष्टि सबसे पहले सीधे-सादे ग्रामवासियों को प्राप्त हुई। साईं बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए वह युवक संत फिर जीवन भर वहीं रहे। उनका कर्म स्थल शिरडी आज एक प्रमुख तीर्थस्थान बन गया है।)
१५ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९१८- शिरडी के साईं बाबा का देहांत हुआ था | आप में से सभी ने यह फोटो और साईं की मूर्ति घरों में और मंदिरों में अवश्य देखी होगी। ये हैं भारत के एक महान फकीर संत। कई वर्ष पहले एक अनाम युवक महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव शिरडी में अचानक प्रकट हुआ। वह कहाँ से आया, यह कोई नहीं जानता। वह युवक कोई साधारण पुरुष नहीं था। उसकी प्रेममय कृपा-दृष्टि सबसे पहले सीधे-सादे ग्रामवासियों को प्राप्त हुई। साईं बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए वह युवक संत फिर जीवन भर वहीं रहे। उनका कर्म स्थल शिरडी आज एक प्रमुख तीर्थस्थान बन गया है।)
(२) सन् १९३८- वीणा धनम्मल(वीणा वादन में कुशल संगीतकार) का निधन 15 अक्तू बर, सन् १९३८ को हुआ था।वीणा धनम्मल का जन्म चेन्नई के जार्जटाउन में संगीतकारों और नृत्य कलाकारों के परिवार में सन् १८६७ में हुआ था। उनके पड़दादा, दादा और उनकी मॉ सभी कुशल संगीतकार थे। उन्होंने प्रसिद्ध गुरूओं से वीणा और कंठसंगीत की शिक्षा प्राप्त की। वीणा वादन में उनका कोई सानी नहीं था।
(३) सन् १९६१- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हिन्दी कविता के छायावाद युग के प्रमुख कवि का इलाहाबाद में निधन हुआ। (जन्म: २१ फरवरी, सन् १८९६ को पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के महिषादल नामक देशी राज्य में हुआ)
इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है । स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है । इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है ।
यदि आपको भी अक्टूबर माह की १ से १५ अक्टूबर तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व इसी प्रकार ऐतिहासिक महत्व के सन्दर्भ में कुछ ज्ञात हो तो आप भी हमारा ज्ञानवर्द्धन अवश्य करें....
'जय हिंद,जय हिंदी
यदि आपको भी अक्टूबर माह की १ से १५ अक्टूबर तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व इसी प्रकार ऐतिहासिक महत्व के सन्दर्भ में कुछ ज्ञात हो तो आप भी हमारा ज्ञानवर्द्धन अवश्य करें....
'जय हिंद,जय हिंदी
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