पृथ्वी पर प्रलय होने के साथ ही दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणी करने वाले हैरॉल्ड कैंपिंग ने दावा किया था कि दुनिया २१ अक्टूबर, सन् २०११ को खत्म होगी। अब उनका कहना है कि 'मिसकैलकुलेशन' के चलते २१ मई और २१ अक्टूबर को ले कर 'भूल' हो गई थी। कैंपिग के हवाले से प्रसिद्द 'गार्डियन' अखबार ने लिखा है कि भविष्यवाणी की घोषणा में ५ महीने का फेर गलती से हो गया था और अब कैंपिंग ने अनुयायियों से कहा है कि प्रलय की तिथि है २१ अक्टूबर, सन् २०११ होगी ।
आपको यह तो याद होगा कि २१ मई की शाम 6 बजे धरती के आग के गोले में बदल जाने की भविष्यवाणी की गई थी । यह भविष्यवाणी कैंपिंग ने की थी। अब कैंपिग का दावा है कि दुनिया को तो खत्म होना ही है और वह तारीख पांच महीने बाद की है ।हैरॉल्ड कैंपिंग इस समय ८९ वर्ष की आयु के हैं और सन् १९९४ में भी ऐसी भविष्यवाणी कर चुके हैं। तब कुछ नहीं हुआ था और उन्होंने कहा था कि गणना में गड़बड़ी हो गई। अमेरिका में ही ८६ साल पहले सन् १९२५ में भी ऐसी भविष्यवाणी की गई थी। सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च के अनुयायी राबर्ट रेट ने ६ फरवरी, सन् १९२५ को दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणी की थी। टाइम मैग्जीन ने उस तारीख के दो दिन पहले बताया कि रेट ने अपनी संपत्ति बेच दी थी। वह तारीख आई और चली गई।
वैज्ञानिक और बाइबिल के ज्ञाताओं के तर्क डेविड मोरिसन, नासा के एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट बताते हैं.. यह प्रचारित किया गया कि निबिरू नामक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा और जीवन खत्म हो जाएगा । ऐसा २१ मई, सन् २०११ को होगा, यह झूठ है।इस झूठ को बल क्यों मिला:निबिरू एक काल्पनिक ग्रह है। इसकी परिकल्पना लेखक जेचारिया सिचिन ने की। वे ढाई हजार साल पहले की मेसोपोटामियाई सभ्यता के बारे में कहानियां लिखते रहे हैं। सिचिन के मुताबिक निबिरू ग्रह का प्रमाण उसे कई पुरानी किताबों में मिला था इनमें कहा गया था कि निबिरू सूर्य की परिक्रमा ३६०० वर्ष में पूरी करता है। यह पृथ्वी से सन् २००३ में टकराएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ । वह सब कुछ भी वहम ही था | एलियन पर शोध कर रही वर्जीनिया की ज़ीटाटॉक कंपनी की शोधकर्ता नैन्सी लेडर ने भी कहा था कि पृथ्वी को किसी ग्रह से सन् २०१० में हानि पहुंच सकती है। वह भी एक वहम निकला। उल्का भी नहीं कर सकती नुकसान नासा के पास स्पेसगार्ड सर्वे नामक टीम है जो धरती के आस-पास के सभी ग्रहों पर नजर रखे हैं । विशालकाय उल्कापिंड ६५ लाख वर्ष पहले पृथ्वी से टकराया था और डायनोसॉर लुप्त हो गए।..लेकिन बाइबिल में ऐसा कुछ भी नहीं है | बाइबिल के ज्ञाता डेनवर स्थित अगस्टिन इंस्टीटच्यूट में प्रोफेसर डा.जेरेड स्टाउट के मुताबिक बाइबिल में ऐसा कुछ नहीं कि न्याय के दिन की तारीख निकाली जा सके ।
अमेरिका के सर्दन बैप्टिस्ट थियोलॉजिकल सेमिनरी के अध्यक्ष डॉ. अल्बर्ट मोहलर ने इस तरह का दावा करने वालों को जीसस क्राइस्ट ने डांटा था । परमात्मा द्वारा तय तारीख को कोई मनुष्य जान नहीं सकता। एक जर्मन विद्वान केविन बार्नी ने कहा कि इस तरीके की भविष्यवाणियों के झूठे साबित होने से मेरे शिष्य अब समझदार हो गए हैं । चर्च की आधिकारिक स्थिति है ‘अगर ऐसी कोई तिथि, दिन और समय है तो उसके बारे में ईश्वर के अलावा किसी व्यक्ति को तो दूर देवदूतों को भी नहीं मालूम है’दुनिया खत्म होने की अफवाहों का आधार क्या बताया था ? ७ दिन में दुनिया खत्म कर रहा हूं, सन् ४९९० वर्ष ईसा पूर्व में विशाल बाढ़ आने पर ईश्वर ने नूह से कहा कि वे ७ दिन में दुनिया खत्म कर रहे हैं। संत पीटर ने कहा कि ईश्वर का हर दिन हमारे लिए १००० वर्ष के बराबर है। यानी ७००० सालों में दुनिया खत्म होगी । ४९९० ईसा पूर्व में ७००१ वर्ष जोडने पर सन् २०११ होता है। इ्र्रसापूर्व से ईस्वी में आते समय शून्य वर्ष नहीं था इसलिए एक वर्ष अधिक जोड़ा गया। इसलिए कहा गया कि दुनिया २१ मई, सन् २०११ को समाप्त हो जाएगी। कहां से शुरु हुई ये अफवाएं फैली | ८९ वर्षीय अध्यक्ष हेरोल्ड कैंपिंग ने बाइबिल की कुछ बातों की गलत व्याख्या करते हुए दावा किया है कि धरती २१ मई, सन् २०११ को येरूशलम में सूर्यास्त होने के साथ ही (भारत में शाम साढ़े आठ बजे) खत्म हो जाएगी। इस अफवाह के चलते न्यूयॉर्क की गलियों में भी जजमेंट डे की टी-शर्ट और किताबें बांटी जा रहीं हैं ।
इस प्रकार की भविष्यवाणी करने वाले लगभग २०० से ज्यादा बार हमारी पृथ्वी समेत हमें खत्म कर चुके हैं | जिनमें कुछ प्रमुख निम्नवत हैं...........
दुनिया सन् १९८२ : अफवाह थी कि पृथ्वी खत्म हो जाएगी क्योंकि सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा के वक्त एक ही दिशा में थे। इसे एपोकैलिप्टिक प्रेडिक्शन कहा जाता है।
सन् १९९२ : ली जैंग रिम ने अफवाह उडाई कि २८ अक्टूबर, सन् १९९२ को दुनिया समाप्त होगी क्योंकि प्रभु यीशू सिडनी हार्बर पर आने वाले हैं। इस अफवाह के लिए उसे दो साल की जेल हुई ।
२१ दिसंबर सन् २०१२ : माया कैलेंडर के अनुसार दुनिया १३ बक्तुन चक्रों के बाद खत्म हो जाएगी। यह २१ दिसंबर २०१२ को पूरा हो रहा है ।
अलग-अलग समय पर ऐसी भविष्यवाणियां की गई। वैसे सुनामी, भूकंप, बाढ़ जैसी त्रासदियां आती रहती हैं। इनका ऐसी भविष्यवाणियों से कोई मतलब नहीं है। न्यूयॉर्क में बारिश हो रही थी और हर कोई दहशतजदा था । दरअसल यह खौफ शनिवार यानी २१ मई को दुनिया में आने वाली कथित प्रलय को लेकर थे । न्यूयॉर्क की सड़कों पर कई प्रचारक टी-शर्ट, ब्रोशर, किताबों और पोस्टरों के साथ लोगों को इस प्रलय के बारे में चेतावनी दे रहे थे । इन लोगों का विश्वासथा कि २१ मई, सन् २०११ को दुनिया खत्म हो जाएगी । यह गणना कैलिफोर्निया के धार्मिक रेडियो के प्रमुख हेरल्ड कैंपिंग ने की थी । २१ मई के बारे में उनका कहना है कि यह जजमेंट डे था और कयामत ' भौतिक रूप ' से न आकर ' आध्यात्मिक रूप ' से आई थी। फिलहाल इस तरह की बातों को लोग अफवाह के सिवा और कुछ नहीं मानते |
'जय हिंद,जय हिन्दी'
बहुत सार्थक प्रस्तुति , बधाई
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