रविवार, 30 अक्टूबर 2011

'आज का इतिहास,अष्टम-भाग'


'१६ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१६ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८९वॉ (लीप वर्ष मे २९०वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७६ दिन बाकी है। १६ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १८१५- फ्रांस के तानाशाह नेपोलियन सेंट हेलन द्वीप में पहुंचे और उनका दूसरा देश निकाला आरंभ हुआ। नेपोलियन को जो पूरे विश्व पर राज करने का सपना देख रहा था यूरोप के बड़े भाग पर अधिकार कर लेने के बाद वाटरलू युद्ध में ब्रिटिश कमांडर के हाथों पराजय हुई जिसके बाद ब्रिटेन ने उन्हें सेंट हेलन भेज दिया। मई सन् १८२१ में वहीं नेपोलियन की मृत्यु हो गई।
(२) सन् १९४६- नूरनबर्ग न्यायालय के फ़ैसले के अनुसार जर्मनी के नौ नाज़ी नेताओं को युद्ध अपराध के दोष में मृत्यु दंड दे दिया गया। हिटलर का दायां हाथ कहे जाने वाले जर्मन वायु सेना के प्रमुख हरमैन गोरयंग को भी मृत्युदंड सुनाया गया था किंतु फांसी पर चढ़ाए जाने से कुछ ही घंटों पूर्व आत्महत्या कर ली।
(३) सन् १९२३- छठा उष्णकटिबंधीय तूफान मैक्सिको की खाड़ी में आया ।
(४) सन् १९२३- एमजे विंक्‍लर के साथ वितरण संबंधी समझौते के बस कुछ घंटे के बाद ही सन् १९२३ में १६ अक्‍तूबर को दो भाइयों वाल्‍ट और रॉय ने एक कंपनी की नींव रखी, जिसे हम वाल्‍ट डिज्‍नी के नाम से जानते हैं |
(५) सन् १९४५- संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना की गई थी। इस संगठन की स्थापना के दिन ही विश्व के करीब १५० देशों ने १६ अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में घोषित कर दिया। इस खाद्य दिवस की थीम रखी गयी है, ‘विश्व खाद्य संकट: जलवायु परिवर्तन की चुनौती और जैव उर्जा।
१६ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७५८- नूह वेबस्टर |
(२) सन् १८५४- ऑस्कर विल्दे |
(३) सन् १८८६- डेविड बेन-गुरिओं |
(४) सन् १८८८- यूजीन ओ 'नील |
(५) सन् १८९८- विलियम ओ डगलस |
(६) सन् १९२५- एंजेला लंस्बुरी |
(७) सन् १९४८- हेमा मालिनी, हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री और भरतनाट्यम् की समर्पित नृत्यांगना। तमिलनाडु (भारत) के तंजवुर में जन्मी और ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर हेमामालिनी की प्रमुख फिल्में हैं- सीता और गीता, अंदाज, क्रांति, जुगनू, सन्यासी, द बर्निंग ट्रेन, वीरज़ारा, बागबाँ आदि |
१६ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् २००९- महान हिन्दी विज्ञान लेखक गुणाकर मूले का निधन ।(जन्म:- ३ जनवरी, सन् 1935 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के एक गांव में हुआ था।)
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'१७ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१७ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९०वॉ (लीप वर्ष मे २९१वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७५ दिन बाकी है।
१७ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १४५६- ग्रीसवाल्ड विश्वविद्यालय की स्थापना। यह उत्तरी यूरोप का दूसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है।
(२) सन् १८८८- एडिसन ने ऑप्टिकल फोनोग्राफ के पेटेंट के लिए आवेदन किया। यह दुनिया की पहली फिल्म थी।
(३) सन् १९७३ से तेल निर्यातक अरब देशों ने इस्राईल को तेल बेचने वाली अमरीकी व ब्रिटिश तथा दूसरी कम्पनियों पर प्रतिबंध लगा दिया। क्योंकि ६ अक्तूबर से मिस्र और सीरिया क विरुद्ध आरंभ होने वाले इस्राईल के युद्ध में अमरीका और ब्रिटेन ने इस्राईल का व्यापक समर्थन किया था।
(४) सन् १९८३-  फ़्रांस के समाज शास्त्री रीमून आरविन का निधन हुआ। वे सन् १९०५ में जन्में थे। उन्होंने पेरिस के सोरबन विश्वविद्यालय में वर्षों तक समाज शास्त्र के विषय की शिक्षा दी।
(५) सन् २००९- हिंद महासागर में स्थित मालदीव ने पानी के अंदर दुनिया की पहली कैबिनेट बैठक कर सभी राष्ट्रों को ग्लोबल वार्मिंग के ख़तरे से आगाह करने की कोशिश की।
(६) सन् २०१०- मैक्किलॉप ऑस्ट्रेलिया की पहली महिला हैं, जिन्हें संत घोषित किया गया है। १७ अक्टूबर, सन् २०१० को वेटिकन सिटी, सेंट पीटर स्केयर में जब उन्हें औपचारिक रूप से पोप बेनेडिक्ट-१६ ने संत घोषित किया तो लगभग पाँच हजार श्रद्धालु वहां मौजूद थे ।

१७ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८१७- सर सैयद अहमद खाँ, अलीगढ़ ओरिएंटल कॉलेज के संस्थापक(निधन- २७ मार्च, सन् १८९८, स्थान-अलीगढ़)
(२) सन् १९१५– आर्थर ऐशन मिलर, प्रसिद्ध अमेरिकी नाटककार। इनके मुख्य नाटक हैं- सच ऐज ऑल माइ सन, डेथ ऑफ ए सेल्स मैन, द क्रूसेबल आदि (निधन – १० फरवरी, सन् २००५)
(३) सन् १९५०- हावर्ड रोलिंस, एक अमेरिकी टेलीविजन, फिल्म, और रंगमंच अभिनेता (निधन - ८ दिसंबर, सन् १९९६)
(४) सन् १९५६- मॅई जेमिसन, अमेरिकी चिकित्सक और नासा के पहली अश्वेत महिला अंतरिक्ष यात्री है |
(५) सन् १९५७- स्टीव मकमिचेल, (अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी और व्यावसायिक कुश्ती खिलाड़ी)
(६) सन् १९५८- एलन जैक्सन, एक अमेरिकी संगीत गायक |
(७) सन् १९६३- नॉर्म म़कडोनाल्ड, कनाडा के लोकप्रिय कॉमेडियन, लेखक और फ़िल्मी कलाकार |
(८) सन् १९६५- अरविंद डिसिल्वा (पूरा नाम-पिन्नादुवागे अरविन्द डिसिल्वा) जन्मस्थान- कोलम्बो,श्रीलंका (निक्क नाम -Mad Max), श्रीलंकाई क्रिकेट टीम का पूर्व प्रमुख बल्लेबाज |
(९) सन् १९७०- अनिल कुंबले, भारतीय क्रिकेट टीम का प्रमुख लेग स्पिनर। वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे।
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'१८ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१८ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९१वॉ (लीप वर्ष मे २९२वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७४ दिन बाकी है।
१८ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १५६५- फ़िलिपीन औपचारिक रुप स्पेन के एशयाई उपनिवेशों में शामिल हो गया। पुर्तगाल के नाविक माज़लान ने सन् १५२१ में इस देख की खोज की थी और सोलहवीं शताब्दी के अंत तक इस द्वीप समूह के चप्पे पर स्पेन का अधिकार हो गया। स्पेन ने इस देश पर अपने तीन शताब्दियों के वर्चस्व के दौरान इसे जमकर लूटा। अंतत: सन् १८९८ ईसवी में अमरीका से पराजित होने के बाद स्पेन को यह क्षेत्र अमरीका को देना पड़ा और सन् १९४६ में इस देश को स्वतंत्रता मिली। यह द्वीप समूह दक्षिण पूर्वी एशिया में स्थित है इसका क्षेत्रफल तीन लाख वर्ग किलोमीटर है।
(२) सन् १८००-  उसमानी शासन और इटली ने संधि के समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार उसमानी शासन ने लीबिया को इटली के हवाले किया। इटली की सेना ने इस समझौते से एक वर्ष पूर्व लीबिया पर अपना आक्रमण आरंभ किया आरंभ में उसमानी शासन को इटली की सेनाओं के मुकाबले में कुछ सफलताएं मिलीं किंतु अंतत: इटली की सेना ने लीबिया पर अधिकार कर लिया। द्वितीय विश्व युद्ध के परिवर्तनों और फिर कुछ समय तक फ़्रांस और ब्रिटेन के अधीन रहने के पश्चात सन् १९५१ में लीबिया को स्वतंत्रता मिली।
(३) सन् १९२२- ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की स्थापना की गई। किंतु सन् १९२७ में यह संस्था सरकार के नियंत्रण में चली गई और यह ब्रिटेन का सरकारी रेडियो हो गया बीबीसी ने सन् १९३६ से अपना टीवी प्रसारण ही आरंभ किया।
बीबीसी निष्पक्षता का दावा करती है किंतु पिछली अर्ध शताब्दी में यह संस्था ब्रिटिश सरकार के प्रोपगंडे का साधन सिद्ध हुई है और इसने विभिन्न देशों के आंतरिक मामलों में लंदन के हस्तक्षेप की भूमि समतल की है और लक्ष्यपूर्ण समाचारों तथा कार्यक्रमों से तीसरी दुनिया के देशों में ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीतियों का औचित्य पेश करती रही है।
१८ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९००- लोट्टे लेनया |
(२) सन् १९१९- अनीता ओ'डे |
(३) सन् १९१९- पियरे इलियट ट्रुडाऊ |
(४) सन् १९२१- जेस हेल्थ |
१८ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९३१- थॉमस एल्वा एडिसन, महान अमेरिकन आविष्कारक एवं व्यवसायी थे। एडिसन ने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों युक्तियाँ विकसित कीं। भारी मात्रा में उत्पादन के सिद्धान्त एवं विशाल टीम को लगाकर अन्वेषण-कार्य को आजमाने वाले वे पहले अनुसंधानकर्ता थे। (जन्म- ११ फरवरी, सन् १८४७)
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'१९ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
१९ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९२वॉ (लीप वर्ष मे २९३वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७३ दिन बाकी है।
१९ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १३८६- उसमानी साम्राज्य की सेनाने बुल्गारिया की राजधानी सूफ़िया का अधिकार कर लिया। इस आक्रमण के साथ ही उसमानी शासन के पूर्वी क्षेत्रों पर तैमूर लंग ने आक्रमण किया किंतु उमसानी शासन ने बालकान के क्षेत्र में अपनी प्रगति को जारी रखा तथा मेसीडोनिया तथा सर्बिया पर अधिकार कर लिया। बालकान क्षेत्र के देश पांच शताब्दियों तक उसमानी साम्राज्य के अधीन रहे और १९वीं शताब्दी के अंत तथा बीसवीं शताब्दी के आरंभ में यह देश स्वतंत्र हुए।
(२) सन् १८१३- नेपोलियन के नेतृत्व में फ़्रांस की एक लाख पचपन हज़ार जवानों पर आधारित फ़्रांसीसी सेना और स्वीडन ब्रिटेन प्रॉस रुस और ऑस्टिया के सैनिकों पर आधारित तीन लाख की संयुक्त सेना के मध्य होने वाली लड़ाई नेपोलियन की पराजय के साथ समाप्त हो गई। यह चार दिनों की लड़ाई जर्मनी के नगर पाइपज़ीक के निकट हुई जो राष्ट्रों के युद्ध के नाम से जानी जाती है।
(३) सन् १९२४- अब्दुल अज़ीज़ ने स्वयं को मक्का में पवित्र स्थानों का रक्षक घोषित किया।
(४) सन् १९४४- फ़िलिपीन द्वीप समूह में अमरीका और जापान की सेनाओं के मध्य युद्ध आरंभ हुआ। उल्लेखनीय है कि द्वितीय विश्व युद्ध के आरंभ में फ़िलिपीन पर जापान ने आक्रमण किया और थोड़े ही समय में इस देश पर कब्ज़ा कर लिया। किंतु द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ी जर्मनी की पराजय के पश्चात अमरीकी सेना ने मैक आर्थर की कमान में फ़िलिपीन पर आक्रमण किया और जापानी सेनाओं को इस देश से खदेड़ दिया और फ़िलिपीन पर अमरीकी सैनिकों का अधिकार हो गया उन्होंने अपनी छावनियॉ बनाई और इसे अपने वर्चस्व के पंजे में जकड़ लिया।
(५) सन् १९५०- मदर टेरेसा ने कलकत्ता (भारत) में मिशनरी ऑफ चैरिटिज की स्थापना की।
(६) सन् १९७०- भारत में निर्मित पहला मिग-२१ विमान भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया।
(७) सन् १९७६- फ़िलिस्तीन मुक्ति मोर्चा के अधिकारी अली हसन सलामह जायोनी शासन की जासूसी संस्था मोसाड के षड़यंत्र द्वारा लेबनान में शहीद कर दिए गए। वे फ़िलिस्तीन मुक्ति मोर्चा के सुरक्षा अधिकारी थे ।
(८) सन् २००९- हिंद महासागर में स्थित मालदीव ने पानी के अंदर दुनिया की पहली कैबिनेट बैठक कर सभी राष्ट्रों  को ग्लोबल वार्मिंग के ख़तरे से आगाह करने की कोशिश की।
१९ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९१०- सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर ,विख्यात तमिल भारतीय-अमेरिकी खगोलशास्त्री थे। भौतिक शास्त्र पर उनके अध्ययन के लिए उन्हें विलियम ए. फाउलर के साथ संयुक्त रूप से सन् १९८३ में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।(निधन- २१ अगस्त, सन् १९९५)
(२) सन् १९२०- बलबीर सिंह, भारतीय हॉकी खिलाड़ी। वे सन् १९४८ से सन् १९५६ तक भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे।
(३) सन् १९२२ - जैक एंडरसन, अमेरिकी पत्रकार (निधन- सन् २००५)
(४) सन् १९३२- रॉबर्ट रीड |
(५) सन् १९३७- पीटर मैक्स |
(६) सन् १९४०- माइकल गमबों |
(७) सन् १९६१- सनी देओल के नाम से प्रसिद्ध अजय सिंह, हिंदी फिल्म अभिनेता। इनकी प्रसिद्ध फिल्में हैं- बेताब, सोनी-महीवाल, घायल, गदर, जो बोले सो निहाल आदि।
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'२० अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२० अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९३वॉ (लीप वर्ष मे २९४वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७२ दिन बाकी है।
२० अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १८२७- भूमध्यसागर के उत्तरी भाग में नावारुन खाड़ी में इसी नाम का एक युद्ध हुआ। इस युद्ध में ब्रिटेन रुस और फ़्रांस की युद्धक नौकाओं ने यूनान की सहायता करते हुए उसमानी शासन की युद्धक नौकाओं पर आक्रमण किया। तीनों देशों की सेनाओं ने उसमानी शासन की साठ युद्धक नौकाएं नष्ट कर दीं और उसमानी सेना के ६ हज़ार सैनिकों को हताहत किया। इस युद्ध में उसमानी शासन को पराजय का सामना हुआ और यूनान की पश्चिमी जल सीमा में उसमानी सेना का सफ़ाया हो गया।
(२) सन् १९४७- कश्मीर में असैनीक युद्ध आरंभ हो गया। पाकिस्तान ने इस विषय को संयुक्त राष्ट्रसंघ में उठाया ।
(३) सन् १९६२- चीन ने भारत के ऊपर एक सुनियोजित हमला बोल दिया था |
(४) सन् १९७३- तिब्बतियों के धार्मिक नेता दलाई लामा को पहली बार ब्रिटेन पहुंचे |
(५) सन् २०११- लीबिया के पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी को उनके गृहनगर सिर्ते में मार गिराया गया,गद्दाफी के साथ उनके सैन्य प्रमुख अबु बकर यूनुस जब्र भी मारा गया | समाचार एजेंसियों के मुताबिक गद्दाफी को भागते समय विद्रोहियों ने गोली मारी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई, ४२ वर्षों तक लीबिया पर राज करने वाले गद्दाफी को आखिरकार मार गिराया गया, कई महीनों से विद्रोहियों के निशाने पर रहे गद्दाफी का आखिरकार अंत हो गया |
२० अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८५९- जॉन डेवी |
(२) सन् १८७४- चार्ल्स इवेस |
(३) सन् १८८२- बेला लुगोसी  |
२० अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९१० ईसवी को रुस के विख्यात लेखक लियोन टोल्सटोय का निधन हुआ। वे सन् १८२८ में जन्मे थे। उन्होंने योरोपीय देशों की यात्रा करके योरोपीय समाजों के बारे में व्यापक अध्ययन किया।
(२) सन् २०११- लीबिया के पूर्व तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी को उनके गृहनगर सिर्ते में मार गिराया गया,गद्दाफी सन् १९६९ में सत्तारूढ़ हुए थे। फरवरी में भड़केजनांदोलन की वजह से उन्हें अपदस्थ होना पड़ा था।अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत भी गद्दाफी की गिरफ्तारी केलिए बयान दे चुका था ।
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'२१ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२१ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९४वॉ (लीप वर्ष मे २९५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७१ दिन बाकी है।
२१ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १२९६- अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की गद्दी संभाली।
(२) सन् १७९०- फ़्रांसीसी कवि अलफ़ांस डो ला मार्टिन का जन्म हुआ। वे बहुत ही सूक्ष्म दृष्टि और को मल भाव के स्वामी थे। शायरी की कोमलता की दृष्टि से वे फ़्रांस के सबसे बड़े कवि थे। उन्होंने पूर्वी देशों की यात्रा की और कुछ समय लेबनान की राजधानी बैरुत में रहे इस यात्रा के अनुभवों पर आधारित एक पुस्तक लिखी जिसका नाम भी पूर्व की यात्रा है।
(३) सन् १८०५- दक्षिण पश्चिमी स्पेन में जिबराल्टर जल डमरु मध्य के निकट टैफेल्गर नामक युद्ध हुआ। इस युद्ध में ब्रिटेन की युद्धक नौकाओं ने स्पेन और फ़्रांस की संयुक्त सेना की नौकाओं के विरुद्ध मोर्चा संभाला इस युद्ध में फ़्रांस और स्पेन की बहुत सी नौकाएं डूब गई और फ़्रांस की नौसेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस युद्ध में ब्रिटेन को विजय मिली और इस प्रकार नेपोलियन बोनापार्ट को पहली बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा।
(४) सन् १८३३- स्वीडन के रवसायनशास्त्री और डाइनामाइट के अविष्कारक अलफ्रेड नोबल का जन्म हुआ। उन्हें रसायन शास्त्र से गहरी रुचि थी इसी लिए उन्होंने इस विषय में व्यापक अध्ययन और अनुसंधान किए और डाइनामाइट का अविष्कार किया। नोबल की अपेक्षा के विपरीत सरकारों और सेनाओं ने डाइनामाइट को युद्धों में प्रयोग करना आरंभ कर दिया जिससे व्यापक स्तर पर लोगों का जनसंहार होने लगा। नोबल को डाइनामाइट के इस उपयोग की अपेक्षा न थी अत : उन्होंने जो एक धनवान व्यक्ति थे अपनी सारी सम्पत्ति एक पुरस्कार से विशेष कर दी। उनका लक्ष्य यह था कि यह पुरस्कार हर वर्ष ऐसे लोगों को दिया जाए जिन्होंने साहित्य, विज्ञान अथवा विश्व शांति के लिए सराहनीय प्रयास किए हों। किंतु इस पुरस्कार का भी नोबल की इच्छा के विपरीत इस समय राजनीतिकरण हो गया है और इसे भी पश्चिम की नीतियों के प्रचार के लिए प्रयोग किया जाने लगा है ।
(५) सन् १९३४- जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया।
(६) सन् १९३४- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिंद फौज की स्थापना सिंगापुर में की |
(७) सन् १९५४- भारत और फ्रांस ने पौण्डीचेरी, करैकल, और माहे को भारतीय गणतंत्र में शामिल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया, यह समझौता १ नवम्बर से लागू हुआ |
(८) सन् १९८६- फ़िलिस्तीन की नौसेना के एक कमांडर मुन्ज़िर अबू ग़ज़ाला को ज़ायोनी शासन की गुप्तचर संस्था मोसाड ने शहीद कर दिया। मोसाड के जासूसों ने यूनान की राजधानी एथेंन्ज़ में उनकी गाड़ी में बम लगा कर उसका धमाका किया जिससे अबू ग़ज़ाला शहीद हो गए। उन्हें इस्राईल के अमरीका समर्थित सरकारी आतंकवाद की भेंट माना जाता है।
२१ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९३१- शम्मी कपूर, प्रसिद्ध हिंदी फिल्म अभिनेता, प्रसिद्ध फिल्में- तुम सा नहीं देखा, दिल देके देखो, जंगली, ब्रह्मचारी आदि।(निधन- १४ अगस्त, सन् २०११ को मुंबई के ब्रीज कैंडी अस्पताल में सुबह ५:४१ बजे शम्मी कपूर ने अंतिम सांस ली।)
(२) सन् १९४२- एल्विन बिशप |
(३) सन् १९५६- कैरी फिशर |
(४) सन् १९७६- जेरेमी मिलर |
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'२२ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२२ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९५वॉ (लीप वर्ष मे २९६वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ७० दिन बाकी है।
२२ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १४९४- इतालवी नाविक क्रिस्टोफ़र कोलंबस ने अपनी दूसरी खोजी समुद्री यात्रा आंरभ की। इस यात्रा में कोलंबस ने एंटील द्वीप समूह की खोज की। कोलंबस ने अपनी पहली खोजी यात्रा में जो अक्तूबर महीने में आरंभ हुई अमरीका महाद्वीप की खोज की।
(२) सन् १८३६- सेन हाउटन टेक्सास गणराज्य के पहले राष्ट्रपति बने।
(३) सन् १८७८- सेलफोर्ट में पहली बार रगबी मैच ब्राउटन और स्वींटन के बीच खेला गया।
(४) सन् १८८१- बॉस्टन सिंफनी आर्केस्ट्रा ने पहला संगीत समारोह किया।
(५) सन् १८८३- न्यूयार्क में ओपेरा हाउस का उद्घाटन हुआ।
(६) सन् १९१८- प्रथम विश्व युद्धों का अंतिम चरण जर्मन सेना पर संयुक्त सेना के आक्रमण के साथ ही आरंभ हो गया। यह युद्ध फ़्लान्डर युद्ध के नाम से प्रसिद्ध है। क्योंकि यह इसी नाम के एक क्षेत्र में लड़ा गया। इस युद्ध में पहले तो जर्मन सेना ने डट कर मुक़ाबला किया किंतु अंततः संयुक्त सेना की विजय हुई इस प्रकार नवंबर सन् १९१८ में जर्मनी के हथियार डाल देने के साथ है प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ।
(७) सन् १९२४- टोस्टमास्टर्स क्लब की स्थापना की गई।
(८) सन् १९५६ ईसवी को फ्रांस में फ्रांसीसी, ब्रिटिश और ज़ायोनी प्रधानमंत्रियों की गुप्त बैठक हुई जिसमे मिस्र पर आक्रमण की योजना की समीक्षा की गई। वर्ष सन् १९५६ में मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्दुन्नासिर ने स्वेज़ नहर का राष्ट्रीयकरण कर लिया जिसके बाद इस क्षेत्र में फ्रांस और ब्रिटेन के अवैध हित ख़तरे में पड़ गए इस लिए उन्होंने स्वेज़ नहर पर क़ब्ज़ा कर लेने का मन बना लिया।
(९) सन् १९६२- भारत की सबसे बड़ी बहूद्देशीय नदी-घाटी परियोजना भाखड़ा नांगल राष्ट्र को समर्पित की गई।
(१०) सन् १९६४- फ्रांसीसी दार्शनिक और लेखक ज्याँ पाल सार्त्र ने नोबेल पुरस्कार ठुकराया।
(११) सन् २००८- इसरो ने भारत के पहले चंद्रयान मिशन चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया। इस मिशन से चंद्रमा पर पानी के होने का पता लगा ।

२२ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९१९- डोरिस लेसिंग, सन् २००७ में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली ब्रितानी लेखिका हैं। उन्हें यह पुरस्कार अपने पाँच दशक लंबे रचनाकाल के लिए दिया गया। महिला, राजनीति और अफ़्रीका में बिताए यौवनकाल उनके लेखन के प्रमुख विषय रहे। सन् १९०१ से प्रारंभ इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली लेसिंग ११वीं महिला रचनाकार है।
(२) सन् १९२२- जॉन चैफी, अमेरिकी राजनीतिज्ञ (निधन- सन् १९९९)
(३) सन् १९३७- कादर खान, प्रसिद्ध हिंदी और उर्दू फिल्म अभिनेता। इनकी प्रमुख फिल्में हैं- खुद्दार, कूली नंबर वन, बोल राधा बोल
(४) सन् १९३८- डेरेक जैकोबी _
(५) सन् १९३९- टोनी रॉबर्ट्स |
(६) सन् १९४३- कैथरीन ड़ेंयूवे |
(७) सन् १९५२- जेफ गोल्द्ब्लुम |
(८) सन् १९६३- ब्रायन बोइतानो |
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'२३ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२३ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९६वॉ (लीप वर्ष मे २९७वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६९ दिन बाकी है।
२३ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं---
(१) सन् १८७२- फ़्रांस के विख्यात कवि और लेखक टेनोफ़ेल गोएटे का निधन हुआ। वे सन् १८११ में जन्में थे उन्होंने पेरिस में अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने कुछ समय तक पत्रकारिता की और वे चित्रकार या संगीतकार बनने का प्रयास करते रहे किंतु अंतत: उन्हें साहित्य और शायरी से लगाव हो गया और फिर उन्होंने इस विषय में बड़ी ख्याति प्राप्त की और मूल्यवान रचनाएं की। उनकी रचनाओं में अलबर्टस डेथ कमेडी आदि का नाम लिया जा सकता है।
(२) सन् १९२२- जर्मन सेना ने सैक्सनी का अधिग्रहण किया और वहाँ के सोवियत गणराज्य को कुचल दिया।
(३) सन् १९४२- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उत्तरी मिस्र के नगर के क्षेत्र में ब्रिटिश व जर्मन सेनाओं के मध्य इसी नाम से एक युद्ध हुआ। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना की कमान फील्ड मार्शल मोन्टेगमेरी के हाथ में और जर्मन सेना का नेतृत्व एडविन रोमेल के हाथ में था। इस युद्ध में जर्मन सेना को पराजय हुई किंतु इसकी लपेट में उत्तरी अफ़्रीक़ा के दूसरे क्षेत्र भी आ गए और इन सभी क्षेत्रों में युद्ध छिड़ गया किंतु अंतत: जर्मनी को पराजय हुई और अफ़्रीक़ा में शांति स्थापित हुई।
(४) सन् १९५६- हंग्री की जनता ने पूर्व सोवियत संघ के वर्चस्व के विरुद्ध संघर्ष आरंभ किया। उल्लेखनीय है कि सन् १९५३ में हंगरी कम्युनिस्ट पार्टी के बिखर जाने के बाद इस देश के राष्ट्रवादी प्रधान मंत्री एमरे नागी के नेतृत्व में नई सरकार सत्ता में आई जो सोवियत संघ के अधीन न थी। इसके बाद हंगरी के कम्युनिस्ट मोर्चों ने सोवियत संघ की आर्थिक व सामरिक सहायता से हंगरी की जनता के स्वतंत्रताप्रेमी आंदोलन के विरुद्ध संघर्ष आरंभ किया और इस आंदोलन को कुचल दिया गया।
(५) सन् १९८३- बैरुत में लेबनान में मुसलमान संघर्षताओं द्वारा अमरीकी व फ़्रांसीसी अतिग्रहणकारियों के ठिकानों पर शहादतप्रेमी आक्रमणों में २४१ अमरीकी और ५८ फ़्रांसीसी सैनिक मारे गए। अमरीका फ़्रांस ब्रिटेन और इटली की सेनाएं इस घटना के कुछ ही सप्ताह पूर्व लेबनान के गृह में फलांजिस्टों के समर्थन में बैरुत पहुंची थीं और इन सेनाओं का बैरुत आगमान अतिग्रहणकारी शासन इस्राईल का अप्रत्यक्ष समर्थन भी समझा जा रहा था। किंतु मुसलमान संघर्षकर्ताओं की ओर से विदेशी सैनिकों के ठिकानों पर आक्रमणों के बाद यह सेनाएं लेबनान से निकलने पर विवश हो गई।
(६) सन् २०११- पूर्वी तुर्की में रविवार को ७.३ की तीव्रता वाले भूकंप के झटके आए जिससे दर्जनें इमारतें धराशायी हो गई जिसमें कम से कम २०० लोगों की मौत हो गई, लेकिन वैज्ञानिकों ने इस विनाशकारी भूकंप में एक हजार लोगों के मारे जाने की आशंका जाहिर की । इरकिस पर्वतीय वान प्रांत का नगर है जिसकी जनसंख्या ७५ हजार है। यह नगर भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इस्तांबुल स्थित कांदिली भूकंप विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर मुस्तफा इर्दिक ने कहा भूकंप में ५०० से एक हजार लोगों के मारे जाने की आशंका है।


२३ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९४०- पेले, प्रसिद्द फुटबॉल खिलाड़ी |
(२) सन् १९४२- माइकल क्रिचतों |
(३) सन् १९५४- अंग ली |
(४) सन् १९५६- ड्वाइट योअकम |
(५) सन् १९५७- मार्टिन लूथर किंग III (तृतीय) |
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'२४ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२४ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९७वॉ (लीप वर्ष मे २९८वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६८ दिन बाकी है।
२४ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १६०५- मुगल शासक जहाँगीर ने आगरा में गद्दी संभाली थी।
(२) सन् १६४८- प्रॉस - आस्ट्रिया स्वीडन और फ़्रांस के मध्य वेस्टफाली समझौते पर हस्ताक्षर किए और इस प्रकार प्रोटिस्टेंट और कैथोलिक ईसाइयों की रक्तरंजित लड़ाइयों को विराम लगा। स्वीडन और फ़्रांस ने प्रॉस के प्रोटिस्टेंट ईसाइयों की सहायता से इस देश के विरुद्ध युद्ध आंरभ किया, संधि समझौते के पश्चात स्वीडन ने प्रॉस के प्रोटिस्टेंट ईसाइयों पर इस देश की सरकार की प्रभुसत्ता को औपचारिक दी और फ़्रान से युद्ध की तावना लेकर तथा प्रॉस के कुछ पश्चिमी भाग हड़प कर संधि करने पर सहमति की। वेस्टफ़ाली संधि का प्रमुख परिणाम गिरजाघर का नियंत्रण पोप के हाथ से निकल जाने तथा योरोप में उनके प्रभाव में भारी कमी के रुप में निकला।
(३) सन् १७९५- पोलैंड के विभाजन की योजना का पूर्ण रुप से कार्यान्वयन हो गया और पोलैंड रुस ऑस्ट्रिया और प्रॉस के मध्य विभाजित हो गया और विश्व के भौगोलिक मानचित्र से पोलैंड का नाम मिट गया। बीस वर्षों के बाद प्रॉस की संसद ने पोलैंड के विभाजित भाग को देश से अलग भाग के रुप में औपचारिकता दी किंतु फिर भी पोलैंड की जनता ने संघर्ष जारी रखा और दूसरी ओर प्रथम विश्व युद्ध के बाद योरोप की अस्थिर राजनैतिक स्थिति के कारण पोलैंड को अपना अस्तित्व पुन: दर्ज कराने का अवसर मिल गया। यह देश योरोपीय महाद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित है।
(४) सन् १९२४- ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने ज़िनोवी का पत्र प्रकाशित किया।
(५) सन् १९४५- संयुक्त राष्ट्र संघ ने सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रुप में लीग ऑफ़ नेशन्ज़ नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्था का स्थान लिया जो प्रथम व द्वितीय विश्व युद्धों के मध्य गतिविधियों कर रही थी। द्वितीय विश्व युद्ध में संयुक्त देशों अमरीका सोवियत संघ ब्रिटेन और फ़्रांस के प्रतिनिधियों ने भेंटवार्ता करके राष्ट्र संघ की स्थापना की भूमिका तैयार की। अंतत: अमरीका के सान फ़्रैन्सिसको नगर में ५० देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक सम्मेलन में राष्ट्र संघ की स्थापना का प्रस्ताव तथा उसका घोषणा पत्र पारित हो गया। इस संस्था का मुख्यालय अमरीका के न्युयार्क नगर में है ।
(६) सन् १९४६- रॉकेट द्वारा पहली बार धरती का अंतरिक्ष से चित्र लिया गया।
(७) सन् १९६४- उत्री रोडेशिया जांबिया गणतंत्र बना कैनेथ कौंडा वहाँ के पहले राष्ट्रपति बने थे।

२४ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९३९- एफ मूर्रे इब्राहीम |
(२) सन् १९४७- केविन क्लाइन |
(३) सन् १९४८- क्वेइसी मफूमे |
(४) सन् १९७२- मल्लिका शेरावत के नाम से विख्यात रीमा लाम्बा, हिंदी फिल्म अभिनेत्री, मुख्य फिल्में- ख्वाहिश, मर्डर, प्यार के साइडइफेक्ट्स, बच के रहना रे बाबा,
(५) सन् १९७९- बेन गिल्लिएस |
(६) सन् १९८०- मोनिका (अर्नोल्ड) |
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'२५ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२५ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९८वॉ (लीप वर्ष मे २९९वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६७ दिन बाकी है।
२५ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १७११- इटली के दो प्राचीन ऐतिहासिक नगरों पॉम्पी तथा हरकुलेनम के चिन्हों का एक ग्रामवासी ने पता लगाया। पॉम्पी नगर ६ शताब्दी ईसापूर्व के आरंभ में बसाया गया जो पहली शताब्दी ईसवी तक बहुत महत्वपूर्ण बंदरगाह माना जाता था पॉम्पी और हरकुलेनम नगर ७९ ईसवी में एक ज्वालामुखी के लावों के नीचे दब कर समाप्त हो गए थे। इन नगरों के चिन्ह मलने के बाद पुरातनविदों ने खुदाई करके इन नगरों को भूगर्भ से बाहर निकाला।
(२) सन् १८८१- पैब्लो पीकासो नामक स्पैनिश चित्रकार का जन्म हुआ। उन्होंने चित्रकारी में क्युबिज़्म नामक नई शैली को जन्म दिया। उनकी कई कलाकृतियों को विश्व ख्याति प्राप्त हुई। उन्होंने अपनी कलाकृति गोयरनीको में स्पेन के गृह युद्ध में गोयरनीका नगर पर बम्बारी के कार्ण उत्पन्न होने वाले भय और आंतक को प्रतिबिंबित किया है यह कलाकृति बहुत अधिक विख्यात हुई। सन् १९७३ में पीकासो का निधन हुआ।
(३) सन् १९१७- रुस की ज़ार सरकार के विरुद्ध जनता के लम्बे संघर्ष के बाद कम्युनिस्ट विचारधारा के लोग सत्ता में पहुंचे। रुसी जनता ने ज़ार शासकों के अत्याचारों और अन्यायों से उब कर विद्रोह आरंभ कर दिया था। यह विद्रोह धीरे धीरे समस्त वंचित वर्गों विशेषकर मज़दूरों और किसानों में फैल गया और अंतत: कम्युनिस्टों ने सरकारी संस्थानों पर कब्ज़ा करके सत्ता अपने हाथ में ले ली। उल्लेखनीय है कि सोवियत संघ में कम्युनिस्टों की विजय के सात दशकों के उपरांत ९० के दशक में इस देश में कम्युनिस्ट-व्यवस्था का अंत हो गया। तथा रुस के अधीन समस्त गणराज्य स्वतंत्र हो गए।
(४) सन् १९२४- भारत में तत्कालीन ब्रिटिश अधिकारियों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को गिरफ्तार कर २ साल के लिए जेल भेज दिया।
(५) सन् २०११- लीबिया के तानाशाह गद्दाफी की मौत के चंद दिनों बाद ही गद्दाफी के गढ़ सिर्ते में हुए एक धमाका इतना जबरदस्त था कि चारों ओर मानवीय अंग बिखर गए। यह स्पष्ट नहीं हुआ कि यह धमाका दुर्घटनावश हुआ या किसी साजिश के तहत किया गया । एनटीसी के एक मिलिट्री कमांडर ने इस धमाके की पुष्टि की है। यह धमाका एक तेल टैंक में हुआ। नेशनल ट्रांजिसनल काउंसिल के कमांडर लैथ मोहम्मद ने बताया कि सोमवार रात एक तेल टैंक में हुए भीषण धमाकों से चारों ओर आग की लपटें फैल गई। इसमें 100 से अधिक लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हो गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि चारों ओर मानवीय अंग बिखर गए। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह धमाका दुर्घटनावश हुआ या किसी साजिश के तहत किया गया, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि गद्दाफी के एक बेटे सैफ अल इस्‍लाम ने अपने पिता की मौत का बदला लेने की चेतावनी दी थी ।

२५ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९४१- ऐनी टायलर |
(२) सन् १९४१- हेलेन रेड्डी |
(३) सन् १९४४- जेम्स केर्विल्ले जूनियर |
(४) सन् १९४४- जॉन एंडरसन |
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'२६ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२६ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २९९वॉ (लीप वर्ष मे ३००वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६६ दिन बाकी है।
२६ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९२३- फारस में रजा खान, अहमद शाह ख्वाजा का प्रधानमंत्री बन गये ।
(२) सन् १९४७- ब्रिटेन से भारत की स्वतंत्रता तथा पाकिस्तान के भारत से अलग हो जाने के पश्चात जम्मू व कश्मीर का महत्वपूर्ण क्षेत्र भारत से जुड़ गया। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के नाते यह क्षेत्र पाकिस्तान का भाग बनने वाला था किंतु इस क्षेत्र के शासक ने भारत के साथ रहना पसंद किया। जब इस बात की घोषणा की गई तो पाकिस्तान ने इस क्षेत्र पर आक्रमण करके इसके कुछ भाग पर अधिकार कर लिया। उस समय से लेकर अब तक इस क्षेत्र के स्वामित्व को लेकर भारत और पाकिस्तान के मध्य विवाद है और दोनों देश दो युद्ध लड़ चुके हैं। दोनों देशों के बीच विवाद अब भी जारी है जिसके समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं ।
(३) सन् १९५५- पश्चिमी सरकारों के षड़यंत्रों के परिणसम स्वरुप वियतनाम का विभजन हो गया जो फ़्रांसीसी साम्राज्य से संघर्ष कर रहा था। पश्चिमी देशों ने नए देश के रुप में दक्षिणी वियतनाम की स्थापना की। दक्षिणी वियतनाम की स्थापना का उद्देश्य, जिसके पीछे मुख्य रुप से अमरीका का हाथ था, वियतनाम की सोशियालिस्ट सरकार को कमज़ोर करना और उसका तख़्ता उलटना था। जब सन् १९६५ में अमरीकी सेना वियतनामी सेना के विरुद्ध मैदान में उतरी तो दक्षिणी वियतनाम अमरीकी सेना की छावनी बन गया। किंतु इस युद्ध में वियतनाम की सेना ने अमरीकी सेना को पराजित कर दिया और सन् १९७५ में उत्तरी वियतनाम ने दक्षिणी वियतनाम पर आक्रमण करके वहॉ की सरकार का अंत कर दिया। इस प्रकार यह भाग पुन: वियतनाम से जुड़ गया ।
(४) सन् १९७९- दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क चुंग ही कोरियाई केन्द्रीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख द्वारा मारे गये |
(५) सन् १९९४- जॉर्डन के पूर्व नरेश मलिक हुसैन अब्दुल्ला और ज़ायोनी शासन के तत्कालीन प्रधान मंत्री इसहाक़ रॉबिन ने तथाकथित शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह संधि अमरीका द्वारा अरब देशों पर इस्राईल को थोपने की योजना का परिणाम थी ।
२६ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १८९०- गणेशशंकर विद्यार्थी; एक भारतीय पत्रकार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक नेता और स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यकर्ता, साप्ताहिक ‘प्रताप’ अख़बार के संस्थापक संपादक के रूप में जाना जाता है |(निधन- २५ मार्च, सन् १९३१, कानपुर)
(२) सन् १९४७- हिलेरी रोधम क्लिंटन; संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के मंत्रिमंडल में राज्य सचिव, संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क से एक पूर्व सीनेटर, सन् २००८ के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक नामांकन के लिए एक उम्मीदवार, संयुक्त राज्य अमेरिका के ४२वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी के रूप में सन् १९९३ से सन् २००१ तक संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रथम महिला |
(३) सन् १९४७- जैक्ल्यन स्मिथ; एक अमेरिकी अभिनेत्री और व्यवसायी , उन्हें टेलीविजन श्रृंखला में केली गर्रेत्त की भूमिका के लिए जाना जाता है|
(४) सन् १९४७- पॅट सजक |
(५) सन् १९५४- लॉरेन तेवेस |
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'२७ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२७ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३००वॉ (लीप वर्ष मे ३०१वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६५दिन बाकी है।
२७ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९०५- नार्वे स्वेडन से अपना गठजोड़ समाप्त करके स्वतंत्र हो गया। १४वीं शताब्दी से पहले तक नार्वे एक शक्तिशाली देश था। सन् १३८० में उस पर डेनमार्क का अधिकार हो गया और चार शताब्दियों तक आंतरिक स्वायत्तता के साथ डेनमार्क के नियंत्रण में रहा। सन् १८१४ में नेपोलियन के साथ युद्ध में स्वेडन की सहायताओं के बदले डेनमार्क ने नार्वे को उसे सौंप दिया जिसके बाद नार्वे में विद्रोह आंरभ हो गया। अंततः सन् १९०५ में नार्वे को स्वतंत्रता मिल गई। नार्वे उत्तरी यूरोप में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग ३ लाख २४ हज़ार वर्ग किलोमीटर है। स्वेडन, फ़िनलैंड और रूस इसके पड़ोसी देश हैं।
(२) सन् १९१०- रूस और चीन के साथ कई वर्षों के युद्ध के बाद जापान इन दोनों देशों पर विजय मिली और जापान ने कोरिया को औपचिरक रूप से अपना भाग बना लिया। जापान के इस क़दम पर कोरिया की जनता ने विद्रोह आरंभ कर दिया किंतु फिर भी यह देश दूसरे विश्व युद्ध में जापान की पराजय तक उसके क़ब्ज़े में बाक़ी रहा। दूसरे विश्व युद्ध में उत्तरी कोरिया पर सोवियत संघ और दक्षिणी भाग पर अमरीकी सेनओं का अधिकार हो गया तथा कोरिया प्रायद्वीप दो भागों में बंट गया। इस प्रकार दो देश अस्तित्व में आ गए जिनके एकीकरण के प्रयास अब तक जारी हैं।
(३) सन् १९२४- उज़्बेक एसएसआर सोवियत संघ में मिला।
(४) सन् १९४६- फ्रांस में जनमत संग्रह के बाद इस देश के चौथे राष्ट्रपतिकाल के संविधान को जनता की स्वीकृति मिली इस प्रकार फ्रांस में चौथा लोकतंत्र आरंभ हुआ। फ्रांस की तीसरी लोकतांत्रिक व्यवस्था मई,सन् १९४० में इस देश पर जर्मनी का अधिकार हो जाने के साथ ही समाप्त हो गई थी। १२ वर्षों तक चलने वाली फ्रांस की चौथी लोकतांत्रिक व्यवस्था मे इस देश में ३३ सरकारें सत्ता में आईं। इस अवधि में फ्रांस को दूसरे विश्व युद्ध से उत्पन्न होने वाली आर्थिक समस्याओं तथा उसके वियतनाम और अलजीरिया जैसे उपनिवेशों में हो रहे विद्रोहों के चलते भारी कठिनाइयों का सामना था। अलजीरिया के विद्रोहियों से फ्रांस की पराजय और उसकी अंतरिक राजनैतिक समस्याएं विशेषकर संविधान से जुड़ी कठिनाइयों के कारण फ्रांस में सन् १९५८ में चौथा लोकतंत्र अस्तित्व में आया।
(५) सन् १९५८ ईसवी को पाकिस्तान में सेनाध्यक्ष जनरल मोहम्मद अय्यूब ख़ां ने विद्रोह करके सत्ता अपने हाथ में ले ली। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पद पर क़ब्ज़ा करके देश में सैनिक शासन लागू कर दिया। उन्हें सन् १९६५ में राष्ट्रपति चुनावों में विजय मिल गई किंतु राजनैतिक और आर्थिक संकटों के कारण धीरे धीरे उनका विरोध तेज़ी से बढ़ता गया। अंततः सन् १९६९ में वह सत्ता जनरल यहया ख़ान को हस्तांतरित करने पर विवश हो गए।
(६) सन् १९७८- मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात और इस्राइली प्रधानमंत्री मेनाचेम को मध्य पूर्व के समझौते के लिए नोबेल शांति पुरस्कार |
(७) सन् १९९१- तुर्कमिनस्तान की उच्च परिषद ने सोवियत संघ से इस देश की स्वतंत्रता को स्वीकृति दी।
२७ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७२८- कैप्टन जेम्स कुक |(निधन- १७७९)
(२) सन् १८५८- थिओडोर रूजवेल्ट, अमेरिका के राष्ट्रपति | (6 जनवरी, 1919 थिओडोररूजवेल्ट का नींद में निधन हो गया)
(३) सन् १८७२- एमिली पोस्ट |(निधन- २५ सितम्बर, सन् १९६०)
(४) सन् १९१४- द्य्लन थॉमस |
(५) सन् १९२०- नानेत्ते फब्रय |
(६) सन् १९२२- रॉय लिचेंस्टीन |(निधन- सन् १९९७)
(७) सन् १९२२- पाउल बंदगार्ड, डेनमार्की अभिनेता और गायक (निधन- सन् १९९८)
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'२८ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२८ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०१वॉ (लीप वर्ष मे ३०२वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६४ दिन बाकी है।
२८ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १४९२- क्रिस्टोफ़र कोलम्बस ने क्युबा के पूर्वी तट की खोज की जिसके पश्चात स्पेन की सेनाएं इस क्षेत्र में पहुंचीं और उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों का शोषण तथा प्राकृतिक स्रोतों की लूट खसोट आरंभ कर दी। स्पेन की सरकार ने क्युबा पर अपना वर्चस्व सुदृढ़ करने के लिए क्षेत्र के रेड इंडियन्स का जनसंहार आरंभ कर दिया। किंतु थोड़े अंतराल से स्थानीय जनता की ओर से स्पेन का विरोध होता जो अंतत: एक आंदोलन में परिवर्तित हो गया देश की परिस्थितियों में बहुत से उतार चढ़ाव आए और सन् १८९८ में अमरीकी साम्राज्य ने स्पेन का स्थान ले लिया, सन् १९०२ ईसवी में क्युबा को स्वतंत्रता मिली।
(२) सन् १८८६- न्यूयॉर्क हार्बर में राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड द्वारा मूर्ति लिबरटी को समर्पित किया गया .
(३) सन् १९१९- कांग्रेस पारित वोल्स्टाद अधिनियम या राष्ट्रीय निषेध अधिनियम पर , राष्ट्रपति वुडरो विल्सन वीटो  किया |
(४) सन् १९२२- इटली में रोम मार्च के द्वारा फासिस्ट शक्तियों ने सत्ता पर अधिकार कर लिया और मुसोलनी वहाँ का प्रधानमंत्री बना।
(५) सन् १९२२- लाल सेना ने व्लादिवोस्तोक का अधिग्रहण किया ।
(६) सन् १९४०-  द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इटली द्वारा ग्रीस पर आक्रमण |
(७) सन् १९४०- इटली की फासीवादी सरकार के अध्यक्ष मसोलीनी के नेतृत्व में इस देश की दो लाख की सेना ने यूनान पर आक्रमण किया यह आक्रमण ऐसी स्थिति में हुआ कि जब इटली के घटक नाजी जर्मनी ने योरोप में द्वितीय विश्व युद्ध की आग भड़का दी थी। इटली के आक्रमण का यूनान की जनता ने डटकर मुकाबला किया और उसे हरा दिया। पराजय के बाद इटली की सेनाएं यूनान के क्षेत्र से बाहर निकल गई।
(८) सन् १९५८- जॉन XXIII पोप, नए पोप चुने गए थे |
(९) सन् १९६२- निकिता ख्रुश्चेव ने अमेरिका को बताया कि क्यूबा में सोवियत मिसाइल ठिकानों की समाप्ति का आदेश दिया |
(१०) सन् १९६२- सोवियत संघ के तत्कालीन नेता नेकेटा खोशचोफ की ओर से इस देश की परमाणु प्रक्षेपास्त्र वाहक नौकाओं की वापसी का आदेश दिए जाने के पश्चात क्युबा का प्रक्षेपास्त्र संकट समाप्त हुआं सोवियत संघ ने कई महीनों से क्युबा में जो अमरीका से ९० मील की दूरी पर स्थत है परमाणु वॉरहेड से लैस प्रक्षेपास्त्रों के लिए प्रक्षेपण तैयार कर लिए थे और अपनी परमाणु प्रक्षेपास्त्र युक्त नौकाएं क्युबा भेजी थीं सोवियत संघ यह प्रक्षेपास्त्र प्रक्षेपणों पर स्पित करना चाहता था अमरीका ने इन प्रक्षेपास्त्रों से ख़तरे का आभास करते हुए क्युबा का समुंद्री परिवेष्टन कर लिया और सोवियत संघ को धमकी दी यदि उसकी परमाणु प्रक्षेपास्त्र वाहक नौकाएं वापस न गई तो सोवियत संघ और क्युबा पर आक्रमण आरंभ कर दिया जाएगा ।
(११) सन् २००५- चकोस्लोवाकिया देश ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की इस देश की चेक और अस्लाव जातियों के मध्य प्राचीन काल से निकट संबंध थे जिन्होंने नवीं शताब्दी में मिलकर एक साम्राज्य की स्थापना की जो १०वीं शताब्दी में समाप्त हो गया और यह जातियॉ ऑस्ट्रिया हंग्री साम्राज्य के अधीन हो गई यह स्थिति प्रथम प्रथम विश्व युद्ध में ऑस्ट्रिया हंग्री साम्राज्य की पराजय तक जारी रही इसके बाद चेक और अस्लाव जातियॉ स्वाधीन हो गई द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह क्षेत्र पूर्व सोवियत संघ के प्रभाव में कम्युनिष्ट ब्लॉक में चला गया किंतु सन् १९८० के दशक में पूर्वी ब्लॉक पर सोवियत संघ के नियंत्रण के कमज़ोर हो जाने के बाद चेक और असलाव जातियों ने स्वतंत्रता की मांग की और जुलाई सन् १९९२ में एक जनमत संग्रह में जनता ने इस देश को चेक और स्लोवाकिया दो देशों में विभाजित किए जाने के पक्ष में मत दिए जिसके बाद यह क्षेत्र दो देशों में विभाजित हो गया।
(१२) सन् २०११- प्रख्यात साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल का निधन, रागदरबारी जैसी कालजयी रचना लिखने वाले प्रख्यात साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल का लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के एक हॉस्पिटल में निधन हो गया। वह 86 साल के थे। उन्हें 'पद्मभूषण' के अलावा देश के शीर्ष साहित्य पुरकार ज्ञानपीठ और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।(जन्म- 31 दिसंबर, सन् १९२५ )
२८ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९४९- ब्रूस जेन्नर, 1976 में आयोजित मोंट्रियाल ऑलंपियाड में डेकाथलान के चैंपियन | (अमेरिकी ट्रैक एंड फील्ड एथलीट, प्रेरक वक्ता, सोशलाइट और टेलीविजन व्यक्तित्व, जीतने के लिए मुख्य रूप में जाना जाता है)
(२) सन् १९५२- ऐनी हैम्पटन "एनी" Potts एक अमेरिकी फिल्म और टीवी अभिनेत्री है | वर्तमान में अमेरिका के एक स्कूल में नाटक की विजिटिंग प्रोफेसर है |
(३) सन् १९५५- बिल गेट्स, सॉफ्टवेर कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट की स्थापक, अध्यक्ष, एक परोपकारधर्मी एवं प्रभावशाली अमरीकी व्यवसायी, तथा विश्व में तीसरा धनवान व्यक्ति (सन् २००८ तदनुसार) हैं |
(४) सन् १९५६- डॉ.मनोज चतुर्वेदी (विचारक,चिन्तक और साहित्यकार) ,२८ अक्टूबर,१९५६ को मेरठ के सैनिक हॉस्पिटल में दोपहर ११ बजकर १५ मिनिट पर एक उच्चशिक्षित परिवार में हुआ | एक मौलिक विचारक,एक विद्वान, स्पष्ट चिंतन और नये सरल विचारों के प्रणेता हैं | वर्तमान में राजस्थान के राजकीय उच्चशिक्षा विभाग में कार्यरत हैं||
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'२९ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
२९ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०२वॉ (लीप वर्ष मे ३०३वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६३ दिन बाकी है।
२९ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १८५१- बंगाल के ब्रिटिश इंडियन एशोशिएशन की स्थापना की गई थी।
(२) सन् १८५९- स्पेन ने मोरक्को के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।
(३) सन् १८६३- जेनेवा में २७ देशों की बैठक में अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसाइटी की स्थापना को मंजूरी दी गई थी।
(४) सन् १९२३- औटोमन साम्राज्य के विघटन के बाद तुर्की गणतंत्र बना।
(५) सन् १९२३- तुर्की में मुसतफ़ा कमाल पाशा के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ वे अतातुर्क के नाम से प्रसिद्ध हुए। तुर्की उसमानी साम्राज्य का उत्तराधिकारी है जो ६२३ वर्षों के राज के पश्चात प्रथम विश्व युद्ध में पराजित होकर बिखर गया था। अतातुर्क ने १५ वर्षों तक तुर्की पर तानाशाही शासन किया इस अवधि में उन्होंने देश में इस्लामी मान्यताओं का समाप्त करने का भरपूर प्रयास किया। सन् १९३८ में अतातुर्क के मरने के बाद भी उनका यह अभियान जारी रहा। हालॉ कि सन् १९४५ से तुर्की में बहुदलीय लोकतंत्र की भूमि समतल हुई किंतु सैनिक गलियारे जो स्वंय को देश में धर्म विरोधी व्यवस्था का रक्षक समझते हैं अब भी देश की विदेश और आंतरिक नीतियों पर अपना नियंत्रण बनाए हुए हैं। किंतु साथ ही तुर्की में इस्लामी रुहजान भी बहुत तीव्र गति से बढ़ा है।
(६) सन् १९२९- न्युयार्क में काला मंगलवार। न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज में भारी गिरावट के साथ सन् १९३० के वैश्विक आर्थिक मंदी की शुरुआत हो गई।
(७) सन् १९४५- विश्व में पहला बॉल पोआइंट पेन बाजार में आया।
(८) सन् १९५६- स्वेज नहर संकट को मुद्दा बनाकर इसराइल ने मिस्र पर आक्रमण किया |
(९) सन् १९५६- ज़ायोनी शासन के सैनिकों ने मिस्र के सीना प्रयाद्वीप पर आक्रमण कर दिया। मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्दुन्नासिर की ओर से स्वेज़ नहर के राष्ट्रीयकरण की घोषणा तथा यह जलमार्ग इस्राईली नौकाओं के लिए बंद कर दिए जाने के बाद यह आक्रमण हुआ। ज़ायोनी लाल सागर के सिरे पर स्थित अक़बा खाड़ी पर अधिकार कर ले। दो दिन बाद ब्रिटेन और फ़्रांस ने भी इस्राईल के समर्थन में अपने सैनिक स्वेज़ नहर के निकट उतार दिए इस आक्रमण का उददेश्य मिस्र को स्वेज़ नहर के राष्ट्रीयकरण का निर्णय बदलने पर विवश करना था सवेज़ नहर भूमध्यसागर को लाल सागर से जोड़ती है और इस पर उस समय ब्रिटेन और फ़्रांस का अधिकार था।
विश्व के बहुत से देशों तथा विश्व जनमत क दबाव तथा राष्ट्र संघ की मध्यस्थता से अतिक्रमणकर्ता मिस्र से मार्च, सन् १९५७ में बाहर निकले यह युद्ध स्वेज़ की लड़ाई के नाम से प्रसिद्ध है।
(१०) सन् १९५६- ज़ायोनियों ने एक अन्य जघन्य अपराध करते हुए कफर क़ासिम गांव के निवासियों का जनसंहार किया। ज़ायोनी सैनिकों ने इस दिन जिस दिन इस्राईल ने मिस्र पर भी आक्रमण आरंभ किया था पूर्व सूचना के बिना कफर क़ासिम में सैनिक शासन की घोषणा कर दी और कम से कम ४९ फ़िलिस्तीनी पुरुषों महिलाओं और बच्चों को शहीद तथा दर्जनों को घायल कर दिया।
(११) सन् १९६६- भारत में राष्ट्रीय महिला संगठन स्थापित किया गया |
(१२) सन् १९९८- अमेरिकी अन्तरिक्ष यात्री जॉन ग्लेन,  ७७ वर्ष की उम्र में पहली बार पृथ्वी की कक्षा के लिए यात्रा करके सकुशल लौट आए |
(१३) सन् १९९९- उड़ीसा में विध्वंसकारी समुद्री तूफान आया।
(१४) सन् २००४- यूरोपीय नेताओं ने यूरोपीय संघ के पहले  संविधान पर हस्ताक्षर किए |
(१५) सन् २०११- अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से होकर गुजर रहे नाटो सैन्य काफिले पर तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने शनिवार को हमला कर दिया जिससे 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 17 लोगों की मौत हो गई।
२९ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १९७१- विनोना रायडर |
(२) सन् १९८०-बेन फोस्टर |
(३) सन् १९८३- अमित पॉल |
(४) सन् १९८५- विजेंद्र सिंह, पेचिंग-ओलंपिक में मुक्केबाजी में काँस्य पदक विजेता।
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'३० अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
३० अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०३वॉ (लीप वर्ष मे ३०४वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६२ दिन बाकी है।
३० अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १९०५- रूसी शासक जार निकोलस द्वितीय ने पहले रूसी संविधान को स्वीकृती दी।

(२) सन् १९१०- अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस संस्था के संस्थापक हेनरी डोनन का निधन हुआ। वे सन १८२८ में जेनेवा में जन्में थे। उन्होंने युद्धों के घायलों की सहायता का बडीड़ा उठाया और उन्हें मृत्यु से बचाने के लिए रेड क्रॉस की स्थापना की। डोनने को इस मानवताप्रोमी कारनामे के कारण सन् १९०१ में शांति के नाबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
(३) सन् १९२२- बेनिटो मुसोलिनी इटली के इतिहास में सबसे युवा प्रधानमंत्री बना।
(४) सन् १९५३- जनरल जॉर्ज सी. मार्शल ने नोबेल शांति पुरस्कार जीता |
(५) सन् १९७४- किंशासा में एक मुक्केबाज़ी १५ दौर के मुकाबले के आठवें दौर में मुहम्मद अली ने जॉर्ज फोरमैन  को हराकर ज़ैरे ("जंगल में रंबल") करने के लिए अपना विश्व हैवीवेट खिताब हासिल किया |
(६) सन् १९६१- जोसेफ स्तालिन की कब्र को मास्को के रेड स्क्वायर स्थित लेनिन के मकबरे से निकालकर क्रेमलिन वाल के पास दफनाया गया।
(७) सन् १९७३- तुर्की में इस्ताबुल में यूरोप और एशिया को जोड़ने वाला बॉस्पोरस ब्रिज बनकर तैयार हुआ।
(८) सन् १९९१- अमरीका के प्रयास से मिस्र जार्डन सीरिया, लेबनान, फ़िलिस्तीन मुक्ति संगठन पी एल ओ की अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के साथ तथाकथित मध्यपूर्व शांति बैठक आरंभ हुई। स्पेन की राजधानी मैड्रिड में होने वाली इस बैठक में इसी प्रकार अरबों और इस्राईल के मध्य संधि के एक अन्य सम्मेलन में इस्राईल ने शांति के बदले शांति पर बल दिया किंतु अरब सरकारो। ने इस्राईल के अवैध अतिग्रहण से अपने क्षेत्रों को स्वतंत्र कराने के लिए शांति के बदले भूमि का प्रस्ताव रखा और इस्राईल से अतिग्रहित क्षेत्रों से पीछे हट जाने की मांग की।
(९) सन् २००८- असम (भारत)की राजधानी गुवाहाटी और १३ अन्य स्थानों पर श्रेणिबद्ध धमाके हुए। इसमें ६६ से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।

३० अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १७३५- जॉन एडम्स |
(२) सन् १७५१- रिचर्ड शेरेगन, रेस्टोरेशन कॉमेडी के लिए प्रसिद्ध
(३) सन् १८२१- फ्योदोर डोस्तोएव्स्क्य |
(४) सन् १८२१- रुस के विख्यात लेखक फनोडर डास्टायोस्की का जन्म हुआ। उन्होंने पहले तो इंजीनियरिंग कॉलेज़ में प्रवेश लिया किंतु धीरे धीरे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सहित्य से रुचि हो गई। उन्होंने कॉलेज में अपनी शिक्षा पूरी करने के पश्चात विधिवत साहित्य पर काम आरंभ कर दिया। सन् १८४९ में उनहें राजनैतिक गतिविधियों के दोष में जेल में डाल दिया गया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने साहित्य की अनमोल रचनाएं प्रस्तुत की। मौत के घर की यादें उनकी प्रख्यात रचना के नाम का अनुवाद है।
(५) सन् १८७५- गुजरात के नाडियाद में जन्मे सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को विशाल और अखंडभारत बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और साथ ही हैदराबाद के निजाम जैसे कई अहंकारीराजा-रजवाड़ों का मान मर्दन भी किया।
(६) सन् १८८२- विलियम बुल हल्से |
(७) सन् १८८७- सुकुमार रे, बंगाल के लोकप्रिय उपन्यासकार। प्रसिद्ध रचनाएँ- आबोल ताबोल
(८) सन् १९६०- डिएगो आर्मैन्ड़ो माराडोना (३० अक्तूबर,सन् १९६० को लानुस, ब्यूनस आयर्स में जन्म) अर्जेन्टीना के एक पूर्व फ़ुटबॉल खिलाड़ी |
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'३१ अक्टूबर का ऐतिहासिक महत्व'
३१ अक्तूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३०४वॉ (लीप वर्ष मे ३०५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और ६१ दिन बाकी है।
३१ अक्तूबर का ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाली कुछ प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं--
(१) सन् १५१७- मार्टीन लूथर ने विटेनवर्ग चर्च के द्वार पर अपनी 95 आपत्तियाँ चिपकाई। इसी के साथ जर्मनी में प्रोटेस्टेंट सुधारों का आरंभ हो गया।
(२) सन् १९८४- भारत की चौथी प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके पश्चात राजीव गान्धी भारत के ५वें प्रधानमंत्री बनें।
(३) सन् १९९२- पोप जॉन पॉल द्वितीय ने स्वीकार किया कि रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा इतालवी भौतिकशास्त्री और खगोलशास्त्री गैलिलियो को कड़ी सजा दिलाई गयी, जो एक गलती थी | जिन्होंने उस समय की मान्यता के खिलाफ अपने सिद्धान्त प्रस्तुत किए थे कि चांद चिकना नहीं, बल्कि रुखडा है और कोपरनिकस की मान्यता को सही ठहराया कि सूर्य स्थिर है और पृथ्वी और अन्य ग्रह उसकी परिक्रमा करते हैं | यह उस समय के कैथोलिक चर्च धार्मिक संगठनों की मान्यता के खिलाफ था, गैलिलियो का बहुत कडा विरोध हुआ, उन पर इतना दवाब बनाया गया कि अंत में उन्हें अपने शब्द वापस लेने पडे थे, उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा हुई | जेल में ही 8 जनवरी 1642 कोगैलिलियोकि मृत्यु हो गयी | गैलिलियो की मृत्यु के लगभग सौ सालो के बाद यही सिद्धांत मान्य हुआ और इस तरह से गैलिलियो ने खगोल जगत को सर्वथा एक नई खोज का उपहार दिया |
३१ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों के जन्मदिन हैं:-
(१) सन् १६३२- जनवरी वेर्मीर |
(२) सन् १७९५- जॉन कीट्स |
(३) सन् १८६०- जुलिएट गॉर्डन निम्न |
(४) सन् १८७५ - सरदार वल्लभ भाई पटेल - भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृह मंत्री |
(५) सन् १९२२- बारबरा बेल जेड्स, अमेरिकी अभिनेत्री (डलास) (निधन- सन् २००५)
(६) सन् १९२५ - कोतय्य प्रत्यगात्मा
३१ अक्तूबर को निम्नलिखित कुछ प्रसिद्द व्यक्तियों का निधन हुआ:-
(१) सन् १९७५- सचिन देव बर्मन का निधन, भारतीय सिनेमा जगत में सर्वाधिक प्रयोगवादी एवं प्रतिभाशाली संगीतकारों में शुमार किया जाता है। प्यासा, गाइड, बंदिनी, टैक्सी ड्राइवर, बाजी और अराधना जैसी फिल्मों के मधुर संगीत के जरिए एस.डी.बर्मन आज भी लोगों के दिलों दिमाग पर छाए हुए हैं। (१० अक्तूबर, सन् १९०६ को त्रिपुरा के एक शाही परिवार में जन्म)
(२) सन् १९८४ - इन्दिरा गांधी - भारत की चौथी प्रधानमंत्री |
इतिहास की संपूर्णता असाध्य सी है, फिर भी यदि हमारा अनुभव और ज्ञान प्रचुर हो, ऐतिहासिक सामग्री की जाँच-पड़ताल को हमारी कला तर्कप्रतिष्ठत हो तथा कल्पना संयत और विकसित हो तो अतीत का हमारा चित्र अधिक मानवीय और प्रामाणिक हो सकता है। सारांश यह है कि इतिहास की रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उसकी जाँच, उससे प्राप्त ज्ञान का महत्व समझने के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना की शक्ति तथा सजीव चित्रण की क्षमता की आवश्यकता है । स्मरण रखना चाहिए कि इतिहास न तो साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान है और न केवल काल्पनिक दर्शन अथवा साहित्यिक रचना है । इन सबके यथोचित संमिश्रण से इतिहास का स्वरूप रचा जाता है ।
यदि आपको भी अक्टूबर माह की १६ से ३१ अक्टूबर तक विभिन्न तिथियों का ऐतिहासिक महत्त्व इसी प्रकार ऐतिहासिक महत्व के सन्दर्भ में कुछ ज्ञात हो तो आप भी हमारा ज्ञानवर्द्धन अवश्य करें....
'जय हिंद,जय हिंदी'

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