आज १३ जुलाई,२०११ को मुंबई में बम धमाके ने देश को दहला दिया है....
२६ नवंबर सन २००८ के आतंकी हमले के बाद एक बार फिर आज मुंबई सिलसिलेवार धमाकों से दहल उठा। हमेशा जागते रहने वाली इस मायानगरी में 13 जुलाई की शाम का साया गहराते ही कई धमाकों ने इस शहर की फिजा बिगाड़ दी। दादर, झवेरी बाजार और ओपेरा हाउस में धमाके के बाद पूरे शहर में खलबली मच गई है। इन धमाकों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत और 200 से ज्यादा लोगों के जख्मी होने की खबरें मिल रही हैं। मरने और जख्मी होने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। गृह मंत्रालय ने इसे आतंकी हमला करार दिया है ।
आज बुधवार की शाम करीब 6.55 से 7.00 के बीच ये धमाके हुए। पहला धमाका 6.45 पर झवेरी बाजार में, दूसरा 6.55 पर दादर में और तीसरा धमाका 7.00 बजे ओपेरा हाउस के पास हुआ। इस आतंकी घटना के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीसिंह चौहान से फोन पर बातचीत की है। गृहमंत्री चिदम्बरम ने मीडिया से बातचीत करते हुए 10 लोगों की पुष्टि करते हुए आशंका जताई है कि ये संख्या बढ़ भी सकती है |
26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले का मुख्य आरोपी अजमल कसाब का आज 13 जुलाई को जन्मदिन है और इसी दिन आतंकियों ने एक बार फिर मुंबई को अपना निशाना बनाया है। कसाब आज बुधवार को 24 वर्ष का हो गया है। आज के हमलों में कितने बेकसूर लोगों की मौत हुई है, इसका आंकड़ा बताना मुशिकल है क्योंकि तीनों स्थानों पर हुए धमाकों की वजह से घायल हुए लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।अभी 2 जिंदा बम और मिले हैं | ग्रांट रोड से एक जिंदा बम मिला है, जिसे एक बेग में छुपाकर रखा गया था। इसी तरह सांताक्रूज इलाके में भी एक लावारिस बेग में जिंदा बम भी मिला है, जिसे निष्क्रिय करने की कवायद जारी है। गृहमंत्रालय का कहना है कि मुंबई में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में आईईडी का इस्तेमाल किया गया है। शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच पाकिस्तान, अरब देशो में देश से किए गए फोन कॉल्स और वहां से आए फोन कॉल्स की डिटेल निकाली जा रही है ताकि आतंकियों को पकड़ा जा सके |
'जिस कार में धमाका हुआ है, नंबर है एमएच 43 ए 9384' |
तारीख | जगह | मृत | घायल |
11 जुलाई, 2006 | शहरभर में 7 लोकल ट्रेनों में 7 स्थानों पर विस्फोट | 181 | 890 |
25 अगस्त, 2003 | गेटवे ऑफ इंडिया और झवेरी बाजार | 50 | 150 |
29 जुलाई 2003 | घाटकोपर | 3 | 34 |
14 अप्रैल, 2003 | बांद्रा | 1 | 0 |
13 मार्च, 2003 | मुलुंड रेलवे स्टैंशन | 11 | 80 |
27 जनवरी, 2003 | विले पार्ले | 1 | 25 |
6 दिसंबर, 2002 | मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन | 0 | 25 |
2 दिसंबर, 2002 | घोटकोपर | 3 | 31 |
27 फरवरी, 1998 | विरार | 9 | 0 |
24 जनवरी, 1998 | मलाड़ | 0 | 1 |
28 अगस्त, 1997 | जामा मस्जिद के पास | 0 | 3 |
12 मार्च, 1993 | शहरभर में 13 विस्फोट | 257 | 713 |
आज १३ जुलाई,२०११ को मुंबई में हुए तीन धमाकों में से एक में कई बच्चों की जानें भी जा सकती थीं। दादर में जहां धमाका हुआ वहां पास में ही एंटोनियो डा सिल्वा स्कूल है। स्कूल शाम 6 बजे बंद होता है और शाम 6.40 बजे आखिरी बस छूटती है। इसके कुछ ही मिनट बाद आज दादर में बस स्टॉप के पास धमाका हुआ। इसलिए शुक्र रहा कि बच्चों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई आज एक बार फिर सिलसिलेवार बम धमाकों से दहल गई। शहर के दादर, ओपेरा हाऊस और झावेरी बाजार इलाके में शाम पौने सात बजे के करीब 10 मिनट के अंतराल पर तीन बम धमाके हुए। गृह मंत्रालय ने इसे आतंकी हमला बताया है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक धमाकों में 15-20 लोग मारे गए हैं और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने रात 9 बजे बताया कि 13 लोगों की मौत हुई है और 85 घायल हुए हैं।धमाके के बाद मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र और देश के दूसरे बड़े शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एनएसजी को सतर्क कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक मुंबई में आतंकी हमला हुआ है।धमाके की खबर फैलते ही गृह मंत्री पी चिदंबरम और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अपने-अपने दफ्तर पहुंचे। दोनों ने दिल्ली और मुंबई में आला अधिकारियों के साथ बैठक की। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम को मुंबई रवाना किया गया। चिदंबरम ने कहा कि घटना के तत्काल बाद एनएसजी की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि देश भर में अलर्ट है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की ।मुंबई ब्लास्ट के बाद प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से बात की। दिल्ली और मुंबई में आपात बैठक हुई। हमले का शक इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर पर है। मुंबई में आज शाम हुए तीनों धमाके भीड़ भाड़ वाले इलाकों में हुए है। चश्मदीद के मुताबिक दादर इलाके में एक बस स्टॉप के पास धमाका हुआ है। धमाके में वहां खड़ी एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। कार का नंबर है- एमएच 43 ए, 9384। यहां 30 लोगों के घायल होने की खबर है। झावेरी बाजार में खाऊ गली में मुंब्रा देवी मंदिर के सामने धमाका हुआ है। यहां करीब 50 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा ओपेरा हाउस के प्रसाद चैंबर में धमाका हुआ है। यहां करीब 20 लोग घायल हुए हैं। मुंबई के पुलिस आयुक्त अरुप पटनायक के मुताबिक झावेरी बाजार में जिस बम से धमाका हुआ, वह छाते में छुपा कर रखा गया था।विस्फोट के बाद घटनास्थल पर पहुंचे दादर के एसीपी मधुकर संखे ने शुरू में मामले को हल्का बताने की कोशिश की । उन्होंने कहा, 'बस स्टॉप के पास बिजली के खंभे थे। शायद इनमें विस्फोट हुआ हो।' लेकिन गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि धमाकों में आईईडी का इस्तेमाल हुआ है। शक है कि धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ हो सकता है ।आज मुंबई में तीन धमाके हुए। आज 13 तारीख है। 13 तारीख को देश में बड़े आतंकी हमले हुए हैं।
वर्ष 2001 में 13 दिसंबर को देश की संसद पर आतंकवादी हमला हुआ था।
जयपुर विस्फोट भी 13 मई को हुए।
13 सितंबर 2008 में दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए।दिन के लिहाज से देखें तो आतंकियों ने शुक्रवार को सबसे ज्यादा वारदात किए हैं। पिछले कुछ सोलों में देश में हुई कुछ बड़ी वारदात पर नजर डालें तो यह बात साफ होती है।
प्रमुख धमाके:--
11 जुलाई 2006 दिन-मंगलवार: मुंबई की लोकल ट्रेनों में बम धमाके
आठ सितंबर 2006 दिन-शुक्रवार: महाराष्ट्र में नासिक के मालेगांव की एक मस्जिद के पास धमाके।
18 फरवरी 2007 दिन-रविवार: दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में दो धमाके
18 मई 2007 दिन-शुक्रवार: हैदराबाद में मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान धमाके
23 नवंबर 2007 दिन-शुक्रवार: उत्तर प्रदेश के तीन बड़े शहरों वाराणसी, फैजाबाद और लखनऊ में कचहरियों में धमाके
एक जनवरी 2008 दिन मंगलवार: उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर हमला ||
**आपकी राय**
क्या यह धमाका कर आतंकियों ने एक बार फिर दिखा दिया है कि भारत में सरकार जनता की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती और वे जब चाहें निर्दोष लोगों की जान ले सकते हैं? लोगों को सुरक्षा देने में नाकामी के लिए जिम्मेदार मंत्रियों, अफसरों के लिए क्या सजा होनी चाहिए?
'जय हिंद,जय हिंदी'
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जवाब देंहटाएंआज मुंबई में तीन धमाके हुए। आज 13 तारीख है। 13 तारीख को देश में बड़े आतंकी हमले हुए हैं। वर्ष 2001 में 13 दिसंबर को देश की संसद पर आतंकवादी हमला हुआ था। जयपुर विस्फोट भी 13 मई को हुए। 13 सितंबर 2008 में दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मंगलवार को हुए बम ब्लास्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देश के लिए 13 तारीख अशुभ है। देश में इससे पहले कई बड़े बम ब्लास्ट 13 तारीख को ही हुए हैं।
आपको याद हो तो महाराष्ट्र के पुणे में 13 मई 2010 को ही ब्लास्ट में हुआ था। ऐसे ही दिल्ली में 13 सितंबर 2008 को ही सिलेसिलेवार धमाके किए गए थे जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक लोग घायल हुए थे।
इससे पहले १३ मई 2008 को मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जिसमें कई मासूमों का खून बहता देश ने देखा था। 13 मार्च 2003 की तारीख मुंबई के लिए कभी नहीं भूले सकते हैं। इस दिन मुंबई की एक ट्रेन में हुए धमाके में 11 लोगों की मौत हो गई थी।
दिन के लिहाज से देखें तो आतंकियों ने शुक्रवार को सबसे ज्यादा वारदात किए हैं। पिछले कुछ सोलों में देश में हुई कुछ बड़ी वारदात पर नजर डालें तो यह बात साफ होती है ।
सिलसिलेवार तरीके से तीन बम धमाकों से मुंबई को दहलाने का जिम्मेदार कौन है............. ??????????????????
जवाब देंहटाएंयह बात तो हर कोई मान रहा है कि मुंबई में हुए ये धमाके छोटी-मोटी कार्रवाइयों का हिस्सा नहीं, बल्कि सोचे-समझे तरीके से किया गया आतंकी हमला है, लेकिन सवाल यह है कि इस हमले को किन लोगों ने अंजाम दिया |
सीरियल ब्लास्ट की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियां अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची हैं, लेकिन जो संकेत सामने आ रहे हैं वो इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा की ओर इशारा कर रहै हैं | यह दो ऐसे आतंकवादी संगठन हैं जो इससे पहले भी मुंबई को निशाना बना चुके हैं |
तीनों धमाकों में जिस प्रणाली का उपयोग किया गया है उसी का इस्तेमाल यह दोनों आतंकी संगठन करते हैं, इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा इससे पहले भी कई बार भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ब्लास्ट कर चुके हैं |
पहला ब्लास्ट मुंबई के झवेरी बाजार में हुआ. यह बाजार गहनों की खरीद-बिक्री के लिए काफी मशहूर है, यह काफी भीड़-भाड़ वाला इलाका है और खासकर शाम के वक्त यह जगह खचाखच भरी रहती है | यहां छाते में आईईडी रखा गया था, जिसे ट्रिगर करने के लिए बगल में रखी बाइक की बैट्री से कनेक्ट किया गया था |
दादर में जहां दूसरा बम ब्लास्ट हुआ वहां आतंकियों ने बम को एक बस स्टॉप पर रखा था, शाम के वक्त ऑफिस से घर लौटने वाले काफी लोग यहां खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं | यहां पर एक इलेक्ट्रॉनिक मीटर बाक्स में आईईडी रखा गया था |
दक्षिण मुंबई में मौजूद ओपेरा हाउस भी काफी भीड़-भाड़ वाला इलाका है और आतंकियों का इरादा ज्यादा से ज्यादा बेकसूर लोगों को मारने का था. यह अभी तक तय नही हो पाया है कि यहां आईईडी किसमें रखा गया था |
प्रिय जागरूक देशभक्त मित्रों,
जवाब देंहटाएंबम फटने की खबर के बाद जैसा कि हमेशा होता है, विस्फोट के बाद मुंबई महानगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुंबई रेलवे स्टेशन, सड़कों, हवाई अड्डों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बंदोबस्त बढ़ा दी गई है। हमेशा की तरह मुख्यमंत्री ने मुआवजे का ऎलान किया है। घायलों के इलाज का पूरा खर्च मुंबई राज्य सरकार ने उठाने का आश्वासन दिया है, लेकिन इन इंतजामों से क्या फर्क पड़ेगा? क्या अब विस्फोट नहीं होंगे? मूल सवाल तो यही है, जिसका जवाब लोग सरकार से चाहते हैं।
धमाकों के पीछे देश में फले-फूले एक ऎसे आतंकी संगठन का हाथ होने का संदेह बढ़ रहा है, जो मुंबई में ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के हमलों के लिए दोषी रहा है। पुलिस के अनुसार सभी धमाकों में आईईडी का इस्तेमाल किया गया है, जो रिमोट कण्ट्रोल से करवाए गए विस्फोट से कुछ ही पहले लगाए गए थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज के प्राध्यापक प्रो. ईश मिश्र ने मुंबई में आतंकी धमाकों की शाम गुजर जाने के बाद एक मार्मिक कविता लिखी है :--
"फिर आई खबर मुंबई में बम फटने की,
सैकड़ों निर्दोषों के मरने की, नहीं है यह कोई बात नई,
सदियों पहले इसकी शुरूआत हुई,
होता आ रहा है यह तब से, बारूद का ईजाद हुआ जब से,
जिसके पास बारूद का जितना बड़ा जखीरा,
मारे उसने उतने ही इन्सान, लूटा सोना-चांदी-हीरा,
लूटता रहा संसाधन आमजनों का,
जारी है अभी भी उसका यह अभियान,
समझ चुका है बम का खेल आज का इन्सान,
खत्म कर देगा वह बम-गोलों का खेल,
इन्सानियत के उसूलों से है नहीं जिसका मेल,
बनाएगा ऎसी दुनिया फूले-फलेगी इन्सानियत जिसमें,
बम-गोलों से नहीं रहेगी वाकफियत उसमें।"
'जय हिंद,जय हिंदी'
खत्म कर देगा वह बम-गोलों का खेल,
जवाब देंहटाएंइन्सानियत के उसूलों से है नहीं जिसका मेल,
बनाएगा ऎसी दुनिया फूले-फलेगी इन्सानियत जिसमें,
बम-गोलों से नहीं रहेगी वाकफियत उसमें।