गुरुवार, 28 जुलाई 2011

'१३ अगस्त,२०११ को दुर्लभ खगोलीय घटना'



ज्योतिषीय एवं खगोलविज्ञान के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना में सौर मंडल के चार ग्रहों के एक साथ मिलने का दुर्लभ संयोग आमजनों को १३ अगस्त,२०११ की शाम के पश्चात देखने को मिलेगा। खगोल वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि सौर मंडल में दो और तीन ग्रहों के मिलन का संयोग तो कई बार देखने का मिलता है लेकिन एक साथ चार ग्रहों के मिलने का संयोग कई वर्षों बाद देखने को मिलता है। इस दुर्लभ घटना को खगोल विज्ञान में 'ट्रिपल कंजक्शन विथ द मून' के नाम से जाना जाता है।सौर परिवार के दो ग्रहों के मिलन की खगोलीय घटना आमतौर पर एक या दो वर्ष में देखने को मिल जाती है। एक दिसंबर २००८ को शुक्र, वृहस्पति और चन्द्र ग्रह के मिलन की खगोलीय घटना दर्ज की गई थी लेकिन कई वर्ष बाद इस बार आगामी १३ अगस्त की शाम के बाद अर्ध चन्द्रमा के साथ शुक्र-मंगल और शनि ग्रह के मिलन की अद्भुत घटना का मनोरम नजारा देखने को मिलेगा।आकाश में १३ अगस्त को होने वाले इन चार ग्रहों के मिलन के समय घटित होने वाले सुन्दर दृश्य की इस खगोलीय घटना के तहत चन्द्रमा के साथ नजदीक चमकते तीनों ग्रहों को आमजन आसानी से पहचान सकते है। यह घटना भारत सहित उत्तरी गोलार्ध के हिस्से में सूर्यास्त के बाद पश्चिमी आकाश में दो घंटे तक दिखाई देगी।  इन ग्रहों की पहचान यह है कि चन्द्रमा के नजदीक सबसे चमकदार शुक्र एवं मंगल ग्रह लाल रंग तथा शनि ग्रह नीले रंग में चमकता हुआ नजर आएगा। यह चारों ग्रह आधा डिग्री के कोणीय दूरी पर सुन्दर आकृति बनाते हुए पास में आ जाएंगे तथा इन सभी ग्रहों को कोरी आंखो से देखा जा सकता है। खगोलीय घटना का पृथ्वी के मौसम और आमजन पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पश्चिमी आकाश में होने वाली इस घटना के दौरान मौसम साफ रहने वाले क्षेत्रों में इन ग्रहों के मिलन का अद्भुत नजारा अच्छी तरह दिखाई देगा।
यह खगोलीय घटना खगोल वैज्ञानिको के साथ शौकिया खोजकर्ताओं और जिज्ञासुओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। कालगणना की नगरी उज्जैन में इस खगोलीय घटना के अनुसंधान और आमजन को देखने के लिए संस्थान द्वारा व्यवस्था की गई है ।
'जय हिंद,जय हिंदी'

2 टिप्‍पणियां:

  1. बढिया जानकारी, अगर मौसम साफ़ रहा तो जरुर देखेंगें।

    आभार

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  2. वाह बहुत अच्छी जानकारी| मैं अवश्य देखूंगा|
    धन्यवाद|

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